पालमपुर: हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को पत्र लिख कर यह कहा है कि जोगिन्द्रनगर के बिजली घर (jogindernagar power plant) को जल्द से जल्द हिमाचल प्रदेश लेने की कार्रवाई (shanta kumar urges cm jairam thakur) करे. ब्रिटिश सरकार ने यह भूमि मंडी रियासत से 1925 में 99 वर्ष की लीज डीड पर ली थी. यह लीज डीड 2024 में समाप्त हो रही है.
उन्होंने ने कहा कि पंजाब पुर्नगठन कानून 1966 में पास हुआ जिसके अनुसार पंजाब का बंटवारा हुआ था. उस कानून में स्पष्ट लिखा है कि सांझे पंजाब की सम्पत्तियां 1966 के बाद जिस प्रदेश में होगी वे उसी को मिलेगी. बाकी सभी सम्पत्तियों का बंटवारा हो गया, लेकिन जोगिन्द्रनगर बिजली घर हिमाचल प्रदेश को नहीं मिला. बिजली परियोजनाओं में भी हिमाचल को हिस्सा मिलना था, वह भी नहीं मिला.
शांता कुमार ने कहा कि 1977 में मुख्यमंत्री बनने पर उस समय के प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई से यह मांग उठाई थी. तत्कालीन प्रधानमंत्री ने पंजाब के तत्तकालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और चैधरी देवी लाल के साथ तीनों प्रदेशों की बैठक की. शांता कुमार ने हिमाचल का हिस्सा देने के लिए कहा. बिजली में 15 प्रतिशत अस्थाई देने का निर्णय उसी बैठक में करवाया जो आज तक मिल रहा है, लेकिन जोगिन्द्रनगर घर के बारे कोई निर्णय नहीं हुआ.
उन्होंने कहा कि जोगिन्द्रनगर हिमाचल में बना है, पानी हिमाचल का है. लोकसभा ने 1966 के कानून में स्पष्ट कहा था कि यह बिजली घर हिमाचल को मिलना चाहिए. हिमाचल प्रदेश के साथ आज तक यह अन्याय हो रहा है. उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि लीज डीड समाप्त होने से पहले हिमाचल इस विषय को गंभीरता के भारत सरकार से उठाये.
ये भी पढ़ें: भाजपा के सभी प्रकोष्ठों की बैठक तय, एक क्लिक पर देखें पूरी सूची