धर्मशाला: सूबे के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. राजीव सैजल के मंदिर में न जाने वाले बयान पर बीजेपी के सीनियर नेता शांता कुमार ने प्रतिक्रिया दी है. गुरुवार को ब्राह्मण कल्याण परिषद के रजत जयंती समारोह में शांता कुमार ने कहा कि डॉ. राजीव सैजल के साथ जो हुआ, ऐसा किसी के साथ न हो, सीएम जयराम ऐसी व्यवस्था करें.
शांता कुमार ने कहा कि मैं कर्म से ब्राह्मण बनना चाहता था, इसलिए मैंने 55 साल पहले विद्रोह किया था. जिन्ना ने पाकिस्तान नहीं बनाया था, जबकि हमारे देश में ही लोगों से भेदभाव हुआ था. पूर्व में देश में जिन्हें धुतकारा गया, उन्हें विदेशियों ने अपनाया. मेरी नजर में डॉ. राजीव सैजल जन्म से नहीं, कर्म से ब्राह्मण हैं. पूर्व सांसद ने कहा कि ब्राह्मण जन्म से नहीं कर्म से होना चाहिए. ब्राह्मण वही है जो ब्रह्म को जानता हो.
पूर्व सांसद ने कहा कि निर्भया मामले में 22 जनवरी को चारों दोषियों को फांसी हो रही है. मैंने टीवी पर सुना कि दोषियों में से एक शर्मा है. इस पर शांता ने कहा कि ब्राह्मण ऐसा नहीं हो सकता. शांता ने कहा कि जो भेदभाव हो रहा है, वो नहीं होना चाहिए. आजादी के इतने साल बाद भी हम नहीं सुधरे तो आजादी का कोई फायदा नहीं.
शांता कुमार ने कहा कि वर्ष 1965 में उन्होंने विद्रोह करके गढ़जमूला से हरिजन को प्रधान पद पर जिताया था. शांता ने कहा कि हमारी पंचायत से ब्राह्मण और राजपूत ही प्रधान निर्वाचित होते थे, जिसके चलते कुछ अलग करने की चाह में हरिजन जाति से एक व्यक्ति को प्रधान का चुनाव लड़वाया और उसे जिताया. इसके पीछे हमारा उद्देश्य भेदभाव को दूर करना था, जो हमने किया.
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