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8 दिसंबर 2021 का खौफनाक मंजर: 6 माह का मासूम, पत्नी और परिवार को पीछे छोड़ गए लांस नायक विवेक कुमार

Coonoor helicopter accident: तमिलनाडु के कुन्नूर में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस (CDS Bipin Rawat Helicopter Crash) स्टाफ जनरल बिपिन रावत की असामयिक मृत्यु हो गई. इस हादसे में उनकी पत्नी सहित कुल 13 लोगों की मृत्यु हो गई. हिमाचल के एक सपूत को भी इस हादसे ने हमसे छीन लिया. जिसके बाद जयसिंहपुर उपमंडल (Martyred of Himachal in Helicopter Crash) के ठेहडू गांव में मातम का माहौल है.

Coonoor helicopter crash
फोटो.
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Published : Dec 9, 2021, 10:42 PM IST

कांगड़ा: 8 दिसंबर 2021 का दिन पूरे भारत के लिए एक काला दिन बन गया जब दोपहर करीब 1 बजे तमिलनाडु के कुन्नूर से सूचना आई कि (Coonoor helicopter accident) विमान हादसे में भारत के प्रथम सीडीएस जनरल बिपिन रावत समेत (CDS Bipin Rawat Helicopter Crash) कई सैन्य अधिकारी शहीद हो गए. दुर्घटनाग्रस्त हुए सैन्य हेलिकॉप्टर में 14 लोग सवार थे जिनमें से 13 लोगों ने अपनी जान गंवा दी. इस हादसे के बाद देश की हर आंख में आंसू हैं.

वीरभूमि हिमाचल के एक सपूत को भी इस हादसे ने हमसे छीन लिया. कांगड़ा जिले के जयसिंहपुर उपमंडल के ठेहडू गांव से ताल्लुख रखने वाले 29 वर्षीय लांस नायक विवेक कुमार (Martyred of Himachal in Helicopter Crash) के इस दुनिया से रूखस्त होने का कड़वा सच्च उनके परिवार वाले स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं.

वीडियो.

विवेक की पत्नी प्रियंका भी (CDS Bipin Rawat PSO Vivek) इस खबर के बाद पूरी तरह बिखर चुकी हैं. विवेक की बीते वर्ष 2020 में ही शादी हुई थी और उनका छह माह का बेटा (Family of Lance Naik Vivek) भी है. शादी के दो साल के भीतर ही प्रियंका का सुहाग उजड़ गया तो वहीं, छह माह के मासूम के सिर पर से पिता का साया उठ गया है. एक तरफ प्रियंका की गोद में खेलता छोटा सा मासूम बच्चा है, वहीं दूसरी तरफ पति का साथ हमेशा के लिए छूट जाने की असहनीय पीड़ा.

ये भी पढ़ें: हिमाचल के पर्यटन सेक्टर को संजीवनी देगी केंद्र सरकार, हवाई सेवाओं से पूरा होगा 2 करोड़ सैलानियों की आमद का लक्ष्य

विवेक कुमार के बुजुर्ग पिता ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि जिस उम्र के पढ़ाव में उन्हे उनके बेटे का सबसे ज्यादा सहारा चाहिए उस वक्त ही उनका बेटा इस तरह उन्हें छोड़कर चला जाएगा. शहीद विवेक कुमार के पिता का कहना है कि उनसे विवेक की कोई बात नहीं हुई. जब वह नवंबर में छुट्टी पर आया था उस वक्त ही उन्होंने अपने बेटे से खूब बातें की थी. पिता की ये नम आंखे बहुत कुछ बयां कर रही हैं कि बेटे के जाने के बाद कैसे वह पूरी तरह टूट चुकें हैं.

विवेक अपने पिता रमेश चंद के सबसे बड़े बेटे थे. विवेक का छोटा भाई बैजनाथ में बेकरी में काम करता है और बहन की शादी हो चुकी है. विवेक के पिता खेतीबाड़ी करते हैं व माता आशा देवी गृहणी हैं. विवेक अपनी पत्नी , 6 माह का बेटा और भरे पूरे परिवार को पीछे छोड़कर जा चुका है. परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. संभावना जताई जा रही है कि शुक्रवार शाम तक शहीद विवेक कुमार का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव ठेहडू लाया जाएगा और उसके बाद उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.

ये भी पढ़ें: डीजीपी संजय कुंडू की गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात, हिमाचल की कानून व्यवस्था की स्थिति को किया साझा

कांगड़ा: 8 दिसंबर 2021 का दिन पूरे भारत के लिए एक काला दिन बन गया जब दोपहर करीब 1 बजे तमिलनाडु के कुन्नूर से सूचना आई कि (Coonoor helicopter accident) विमान हादसे में भारत के प्रथम सीडीएस जनरल बिपिन रावत समेत (CDS Bipin Rawat Helicopter Crash) कई सैन्य अधिकारी शहीद हो गए. दुर्घटनाग्रस्त हुए सैन्य हेलिकॉप्टर में 14 लोग सवार थे जिनमें से 13 लोगों ने अपनी जान गंवा दी. इस हादसे के बाद देश की हर आंख में आंसू हैं.

वीरभूमि हिमाचल के एक सपूत को भी इस हादसे ने हमसे छीन लिया. कांगड़ा जिले के जयसिंहपुर उपमंडल के ठेहडू गांव से ताल्लुख रखने वाले 29 वर्षीय लांस नायक विवेक कुमार (Martyred of Himachal in Helicopter Crash) के इस दुनिया से रूखस्त होने का कड़वा सच्च उनके परिवार वाले स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं.

वीडियो.

विवेक की पत्नी प्रियंका भी (CDS Bipin Rawat PSO Vivek) इस खबर के बाद पूरी तरह बिखर चुकी हैं. विवेक की बीते वर्ष 2020 में ही शादी हुई थी और उनका छह माह का बेटा (Family of Lance Naik Vivek) भी है. शादी के दो साल के भीतर ही प्रियंका का सुहाग उजड़ गया तो वहीं, छह माह के मासूम के सिर पर से पिता का साया उठ गया है. एक तरफ प्रियंका की गोद में खेलता छोटा सा मासूम बच्चा है, वहीं दूसरी तरफ पति का साथ हमेशा के लिए छूट जाने की असहनीय पीड़ा.

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विवेक कुमार के बुजुर्ग पिता ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि जिस उम्र के पढ़ाव में उन्हे उनके बेटे का सबसे ज्यादा सहारा चाहिए उस वक्त ही उनका बेटा इस तरह उन्हें छोड़कर चला जाएगा. शहीद विवेक कुमार के पिता का कहना है कि उनसे विवेक की कोई बात नहीं हुई. जब वह नवंबर में छुट्टी पर आया था उस वक्त ही उन्होंने अपने बेटे से खूब बातें की थी. पिता की ये नम आंखे बहुत कुछ बयां कर रही हैं कि बेटे के जाने के बाद कैसे वह पूरी तरह टूट चुकें हैं.

विवेक अपने पिता रमेश चंद के सबसे बड़े बेटे थे. विवेक का छोटा भाई बैजनाथ में बेकरी में काम करता है और बहन की शादी हो चुकी है. विवेक के पिता खेतीबाड़ी करते हैं व माता आशा देवी गृहणी हैं. विवेक अपनी पत्नी , 6 माह का बेटा और भरे पूरे परिवार को पीछे छोड़कर जा चुका है. परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. संभावना जताई जा रही है कि शुक्रवार शाम तक शहीद विवेक कुमार का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव ठेहडू लाया जाएगा और उसके बाद उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.

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