धर्मशालाः कोविड-19 के चलते कई डायबिटीज मरीज अस्पतालों की ओर कम रुख कर रहे हैं. ऐसे में नेत्र विशेषज्ञ व आई मोबाइल यूनिट धर्मशाला की प्रभारी डॉ. मनु शर्मा ने डायबिटीज के मरीजों को नेत्र रोगों से बचने के लिए शुगर कंट्रोल रखने की सलाह दी है.
उनका कहना है कि शुगर रोगियों में नेत्र रोगों का खतरा अधिक रहता है और उनकी आंख के पर्दे भी डैमेज हो सकते हैं. डॉ. मनु के अनुसार डायबिटीज की वजह से लोगों के आंखों के पर्दे डैमेज हो सकते हैं, खून के धब्बे पड़ सकते हैं और चर्बी जमा हो सकती है, जिसका उपचार महंगा होता है. इसके लिए बाद में आंखों में इंजेक्शन लगते हैं, जिसका खर्च प्रति महीना 20 से 30 हजार रुपये आता है. ऐसे में मरीज जागरूक होकर अपनी डायबिटीज को कंट्रोल रखेंगे तो वे इन बीमारियों से बच सकते हैं.
डॉ. मनु शर्मा ने कहा कि डायबिटीज मरीजों को दवाई नियमित तौर पर लेनी चाहिए. सैर को अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहिए और अपनी शुगर लेवल को कंट्रोल रखना चाहिए. ऐसे मरीजों को हर साल अपना रेटीना का एग्जामिनेशन किसी नेत्र विशेषज्ञ से करवाना चाहिए. कोविड-19 के चलते जो डायबिटीज मरीज अस्पताल नहीं जाना चाहते हैं, उन्हें घर पर रहकर अपना शुगर लेवल मेंटेन रखना होगा और साल में एक बार आंखों की जांच जरूर करवानी चाहिए.
डॉ. मनु ने कहा कि कोविड-19 के चलते जहां बच्चे ऑनलाइन स्टडी कर रहे हैं और और कई लोग वर्क फ्राम होम कर रहे हैं. इसके लिए मोबाइल और लैपटॉप का इस्तेमाल अधिक हो रहा है. इस दौरान लोग आंखों को कम झपकते हैं, जिसकी वजह से आंखें कई बार ड्राई हो जाती है. इससे आंखों में खुजली होती है और आंखों को मलने पर वो लाल हो जाती है. इससे बचने के लिए बच्चों को उतना ही मोबाइल इस्तेमाल करने दें, जितना की उनकी क्लासिस के लिए जरूरी रहे.
वहीं, बच्चों को आंखों को बार-बार झपकने के लिए बताएं. ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए, संतुलित आहार लें और जंक फूड खाने से बचें. आंखों को चारों तरफ घुमाकर इसकी एक्सरसाइज भी कर सकते हैं. ऑनलाइन स्टडी या वर्क फ्राम होम करते समय मोबाइल व लैपटॉप को खुद से कुछ दूरी पर रखें, जिससे की आंखों को कम नुकसान पहुंचे.
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