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इमरजेंसी पर छलका शांता कुमार का दर्द, आज भी नहीं भुला पाए उस दौर की कड़वी यादें

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Published : Jun 26, 2019, 5:05 PM IST

Updated : Jun 26, 2019, 6:05 PM IST

देश में 25 जून 1975 को लगे आपातकाल पर पूर्व सीएम शांता कुमार ने अपना अनुभव साझा किया है. उन्होंने कहा कि जीवन में इतने वर्ष हो गए लेकिन आपातकाल का समय आज भी नहीं भुलाया जाता है.

Ex cm Shanta kumar share personal exprience on emergancy

धर्मशाला: देश में आजादी के बाद एक दौर ऐसा भी आया था कि देश मे आपातकाल लागू किया गया था. 25 जून 1975 को देश में आपातकाल लगाया गया था. प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शान्ता कुमार भी आपातकाल के दौरान जय प्रकाश आंदोलन के हिस्सा थे और आपातकाल के दौरान उन्हें जेल भा जाना पड़ा था. इतने वर्षों के बाद भी शान्ता कुमार कहते है कि जीवन में इतने वर्ष हो गए लेकिन आपातकाल का समय आज भी नहीं भुलाया जाता है.

वीडियो.

पूर्व मुख्यमंत्री शान्ता कुमार ने कहा कि आजाद भारत के समय में आपातकाल का समय अति दुर्भाग्य पूर्ण था. उन्होंने कहा कि देश में उस वक्त माहौल बिल्कुल अच्छा था देश में न तो दंगे हुए थे और न किसी देश से युद्ध हुआ था. शान्ता कुमार ने कहा कि आपातकाल की वजह यह थी कि एक नेता के खिलाफ हाई कोर्ट ने फैसला दे दिया और उनका चुनाव रद्द कर दिया गया. उन्होंने कहा कि नेता की कुर्सी खतरे में थी जिस वजह से पूरे देश को जेलखाना बनाया गया. शान्ता कुमार ने कहा कि जय प्रकाश अटल बिहारी जैसे लोगों को उस समय जेल में डाला गया था.

ये भी पढ़ें: अकाल, महामारी और युद्ध से भी डरावना, हिमाचल में सड़क हादसों में बढ़ता मौत का ग्राफ

शान्ता कुमार ने बताया कि वे जेल में रहते हुए एक शेर बहुत गुनगुनाते थे, जो इस तरह है...
गुनाहगारों में शामिल हूं गुनाहों से नहीं वाकिफ हूं ।
सजा तो जानता हूं मैं खुदा जाने खता क्या है ।।

शान्ता कुमार ने कहा कि जेल में बिताए गए 19 महीने के वक्त में उन्होंने तीन उपन्यास लिखे हैं. उन्होंने कहा कि नजर बदल जाये तो नजारा बदल जाता है. उन्होंने कहा कि दृष्टि बदल जाए तो सृष्टि बदल जाती हैं. जेल के दौरान उन्होंने भगवत गीता को पढ़ा. उन्होंने कहा कि प्रभु की इच्छा थी कि हमें जेल में रहना है और जेल के जीवन को हमने वहां पर अपनाया.

वीडियो.

उन्होंने कहा कि संविधान को खत्म कर दिया गया था लोग हाईकोर्ट में गए और ये मांग की कि किस आधार पर उन्हें जेल में रखा गया है. जिस पर हाई कोर्ट ने कहा था कि सारे अधिकार समाप्त हो गए हैं. उन्होंने कहा कि आपातकाल का समय देश के लिए अति दुर्भाग्य पूर्ण समय था और देश को वो समय याद रखना चाहिए. उन्होंने कहा कि दोबारा उस तरह का दुर्भाग्य पूर्ण समय देश में न आये.

धर्मशाला: देश में आजादी के बाद एक दौर ऐसा भी आया था कि देश मे आपातकाल लागू किया गया था. 25 जून 1975 को देश में आपातकाल लगाया गया था. प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शान्ता कुमार भी आपातकाल के दौरान जय प्रकाश आंदोलन के हिस्सा थे और आपातकाल के दौरान उन्हें जेल भा जाना पड़ा था. इतने वर्षों के बाद भी शान्ता कुमार कहते है कि जीवन में इतने वर्ष हो गए लेकिन आपातकाल का समय आज भी नहीं भुलाया जाता है.

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पूर्व मुख्यमंत्री शान्ता कुमार ने कहा कि आजाद भारत के समय में आपातकाल का समय अति दुर्भाग्य पूर्ण था. उन्होंने कहा कि देश में उस वक्त माहौल बिल्कुल अच्छा था देश में न तो दंगे हुए थे और न किसी देश से युद्ध हुआ था. शान्ता कुमार ने कहा कि आपातकाल की वजह यह थी कि एक नेता के खिलाफ हाई कोर्ट ने फैसला दे दिया और उनका चुनाव रद्द कर दिया गया. उन्होंने कहा कि नेता की कुर्सी खतरे में थी जिस वजह से पूरे देश को जेलखाना बनाया गया. शान्ता कुमार ने कहा कि जय प्रकाश अटल बिहारी जैसे लोगों को उस समय जेल में डाला गया था.

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शान्ता कुमार ने बताया कि वे जेल में रहते हुए एक शेर बहुत गुनगुनाते थे, जो इस तरह है...
गुनाहगारों में शामिल हूं गुनाहों से नहीं वाकिफ हूं ।
सजा तो जानता हूं मैं खुदा जाने खता क्या है ।।

शान्ता कुमार ने कहा कि जेल में बिताए गए 19 महीने के वक्त में उन्होंने तीन उपन्यास लिखे हैं. उन्होंने कहा कि नजर बदल जाये तो नजारा बदल जाता है. उन्होंने कहा कि दृष्टि बदल जाए तो सृष्टि बदल जाती हैं. जेल के दौरान उन्होंने भगवत गीता को पढ़ा. उन्होंने कहा कि प्रभु की इच्छा थी कि हमें जेल में रहना है और जेल के जीवन को हमने वहां पर अपनाया.

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उन्होंने कहा कि संविधान को खत्म कर दिया गया था लोग हाईकोर्ट में गए और ये मांग की कि किस आधार पर उन्हें जेल में रखा गया है. जिस पर हाई कोर्ट ने कहा था कि सारे अधिकार समाप्त हो गए हैं. उन्होंने कहा कि आपातकाल का समय देश के लिए अति दुर्भाग्य पूर्ण समय था और देश को वो समय याद रखना चाहिए. उन्होंने कहा कि दोबारा उस तरह का दुर्भाग्य पूर्ण समय देश में न आये.

Intro:धर्मशाला - देश मे आजादी के बाद एक दौर ऐसा भी आया था कि देश मे आपतकाल लागू किया गया था 25जून 1975को देश में आपतकाल लगया गया था। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शान्ता कुमार भी आपतकाल काल के दौरान जय प्रकाश आंदोलन के हिसा थे और आपतकाल के दौरान जेल में रह चुके थे। इतने वर्षों के बाद भी शान्ता कुमार कहते है कि जीवन में इतने वर्ष हो गए लेकिन आपतकाल का समय आज भी नही भुलाया जाता है।




Body:शान्ता कुमार ने कहा कि आजाद भारत के समय मे आपतकाल का समय अति दुर्भाग्य पूर्ण था। उन्होंने कहा कि देश मे उस वक्त माहौल बिल्कुक उचित था देश में तो दंगे हुए थे और न किसी देश से युद्ध हुआ था। शान्ता कुमार ने कहा कि आपातकाल की वजह यह थी कि एक नेता के खिलाफ हाई कोर्ट ने फैसला दे दिया और उनका चुनाव रद्द कर दिया गया। उन्होंने कहा कि नेता की कुर्सी खतरे में थी जिस वजह से पूरे देश को जेल खाना बनाया गया।
शान्ता कुमार ने कहा कि जय प्रकाश अटल बिहारी जैसे लोगो को उस समय जेल में डाला गया था।


Conclusion:उन्होंने कहा कि सविधान को खत्म कर दिया गया था लोग हाई कोर्ट में गए मांग की किस आधार पर रखा गया है और हमे बताया जाए कि जिस पर हाई कोर्ट ने कहा था कि सारे अधिकार समाप्त हो गए है जीने का अधिकार भी हमरा समाप्त हो गया था। उन्होंने कहा कि आपतकाल का समय देश के लिए अति दुर्भाग्य पूर्ण समय है और देश को वो समय याद रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि दोबार उस तरह का दुर्भाग्य पूर्ण समय देश मे न आये।
Last Updated : Jun 26, 2019, 6:05 PM IST
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