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हिमाचल के किसानों को स्मार्ट फार्मिंग की ओर ले जाने की कवायद,धर्मशाला से ट्रेनिंग कैंप की शुरुआत

आने वाले दिनों में अब हिमाचल के किसान भी स्मार्ट खेती करेंगे. इसके लिए कृषि-उद्योग, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन और आईएचबीटी पालमपुर (Agro-industry, Indian Oil Corporation and IHBT) तीन संगठनों ने मिलकर किसानों को प्रशिक्षित करने और उन्हें स्मार्ट खेती की ओर ले जाने का निर्णय लिया है. हिमाचाल प्रदेश में 15 कैंप आयोजित किए जाएंगे और किसानों से पूछा जाएगा कि उन्हें और कौन सी ट्रेनिंग चाहिए. ट्रेनिंग वर्कशॉप का नाम स्मार्ट फार्मिंग (Smart farming workshop in Dharamshala) रखा गया है. पढ़ें, पूरी खबर..

Training workshop for farmers
धर्मशाला में किसानों के लिए ट्रेनिंग वर्कशॉप
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Published : Jul 15, 2022, 3:51 PM IST

धर्मशाला: एग्रो इंडस्ट्री, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन और आईएचबीटी पालमपुर (Agro-industry, Indian Oil Corporation and IHBT) के सहयोग से राज्य के किसानों को स्मार्ट खेती की ओर ले जाने की कवायद शुरू कर दी गई है. उन्होंने इसके लिए एग्रो इंडस्ट्री ने आईएचबीटी पालमपुर के साथ एमओयू साइन किया और किसानों के लिए एक फोकस-समूह बैठक की व्यवस्था की. पहले एग्रो इंडस्ट्री ने किसानों की जरूरतों को जाना. इसके बाद अब किसानों के लिए ट्रेनिंग कैंप की शुरुआत धर्मशाला से की गई है. इसके तहत प्रदेश में 15 कैंप आयोजित किए जाएंगे और किसानों से पूछा जाएगा कि उन्हें और किस तरह की ट्रेनिंग चाहिए. इसके बाद जरूरत के अनुसार और अधिक कैंप आयोजित किए जाएंगे.

एग्रो-इंडस्ट्री के एमडी कैप्टन जेएम पठानिया (Agro-Industry MD Capt JM Pathania) ने कहा है कि हमने किसानों के लिए फोकस ग्रुप मीटिंग आयोजित की, जिसमें हमने यह जानने की कोशिश की है कि उनकी क्या जरूरतें हैं. इसके साथ ही यह भी जानने की कोशिश की गई है कि हिमाचल के किसानों को किस तरह की मदद की जरूरत है. उन्होंने कहा कि इस समूह की बैठक हिमाचल के अधिकांश जिलों में आयोजित की गई है. सबसे पहले दो बातें सामने आईं कि, उन्हें अभी तक खेती का कोई प्रशिक्षण नहीं मिला और कृषि एक उच्च वैज्ञानिक क्षेत्र है जिसमें नई तकनीकें आ रही हैं.

दूसरी बात यह है कि किसानों को मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन की जानकारी नहीं है और मिट्टी परीक्षण की कोई सुविधा नहीं है. कृषि-उद्योग, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन और आईएचबीटी पालमपुर तीन संगठनों ने मिलकर किसानों को प्रशिक्षित करने और उन्हें स्मार्ट खेती की ओर ले जाने का निर्णय लिया है.

कैप्टन जेएम ने कहा कि, ट्रेनिंग वर्कशॉप का नाम स्मार्ट फार्मिंग रखा गया है. उन्होंने विषयवार विशेष प्रशिक्षण की व्यवस्था की. डॉ. राणा सुगंधित पौधों और मिट्टी प्रबंधन के विशेषज्ञ और डॉ. आशीष हाइड्रोपोनिक और एरोपोनिक विशेषज्ञ को कार्यशाला में आमंत्रित किया गए. कृषि विभाग के अधिकारी (agriculture department official) को धन्यावाद देते हुए कहा कि कृषि विभाग (Agriculture Department of Dharamshala ) ने स्थानीय लोगों को कार्यशाला के बारे में सूचित किया और उन्हें आमंत्रित भी किया.

धर्मशाला: एग्रो इंडस्ट्री, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन और आईएचबीटी पालमपुर (Agro-industry, Indian Oil Corporation and IHBT) के सहयोग से राज्य के किसानों को स्मार्ट खेती की ओर ले जाने की कवायद शुरू कर दी गई है. उन्होंने इसके लिए एग्रो इंडस्ट्री ने आईएचबीटी पालमपुर के साथ एमओयू साइन किया और किसानों के लिए एक फोकस-समूह बैठक की व्यवस्था की. पहले एग्रो इंडस्ट्री ने किसानों की जरूरतों को जाना. इसके बाद अब किसानों के लिए ट्रेनिंग कैंप की शुरुआत धर्मशाला से की गई है. इसके तहत प्रदेश में 15 कैंप आयोजित किए जाएंगे और किसानों से पूछा जाएगा कि उन्हें और किस तरह की ट्रेनिंग चाहिए. इसके बाद जरूरत के अनुसार और अधिक कैंप आयोजित किए जाएंगे.

एग्रो-इंडस्ट्री के एमडी कैप्टन जेएम पठानिया (Agro-Industry MD Capt JM Pathania) ने कहा है कि हमने किसानों के लिए फोकस ग्रुप मीटिंग आयोजित की, जिसमें हमने यह जानने की कोशिश की है कि उनकी क्या जरूरतें हैं. इसके साथ ही यह भी जानने की कोशिश की गई है कि हिमाचल के किसानों को किस तरह की मदद की जरूरत है. उन्होंने कहा कि इस समूह की बैठक हिमाचल के अधिकांश जिलों में आयोजित की गई है. सबसे पहले दो बातें सामने आईं कि, उन्हें अभी तक खेती का कोई प्रशिक्षण नहीं मिला और कृषि एक उच्च वैज्ञानिक क्षेत्र है जिसमें नई तकनीकें आ रही हैं.

दूसरी बात यह है कि किसानों को मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन की जानकारी नहीं है और मिट्टी परीक्षण की कोई सुविधा नहीं है. कृषि-उद्योग, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन और आईएचबीटी पालमपुर तीन संगठनों ने मिलकर किसानों को प्रशिक्षित करने और उन्हें स्मार्ट खेती की ओर ले जाने का निर्णय लिया है.

कैप्टन जेएम ने कहा कि, ट्रेनिंग वर्कशॉप का नाम स्मार्ट फार्मिंग रखा गया है. उन्होंने विषयवार विशेष प्रशिक्षण की व्यवस्था की. डॉ. राणा सुगंधित पौधों और मिट्टी प्रबंधन के विशेषज्ञ और डॉ. आशीष हाइड्रोपोनिक और एरोपोनिक विशेषज्ञ को कार्यशाला में आमंत्रित किया गए. कृषि विभाग के अधिकारी (agriculture department official) को धन्यावाद देते हुए कहा कि कृषि विभाग (Agriculture Department of Dharamshala ) ने स्थानीय लोगों को कार्यशाला के बारे में सूचित किया और उन्हें आमंत्रित भी किया.

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