चंबा: हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में जल्द ही चंपा के फूल तैयार किए जाएंगे. इसको लेकर वन विभाग ने मास्टर प्लान के तहत अलग-अलग नर्सरी में पौधे तैयार करने शुरू कर दिए हैं. बता दें कि रियासत काल 920 ईसवी में चंबा के राजा साहिल बर्मन ने चंबा शहर को बसाया था और अपनी प्रिय पुत्री चंपा के नाम पर चंबा का नाम रखा था. उसी को संजोए (Champa flowers in Chamba) रखने के लिए वन विभाग ने उचित कदम उठाए हैं, हालांकि ट्रायल के तौर पर वन विभाग ने ढाई सौ के करीब चंपा के पौधे चंबा शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में लगाए हैं और जल्द ही यह पौधे तैयार होकर अपनी खुशबू से चंबा को महकाएंगे.
इन पौधों को चंडीगढ़ से लाया गया था, जिसके बाद इन्हें लगाया गया है. वन विभाग का यह मानना है कि चंबा जिले की अलग-अलग नर्सरी में इन्हें लगाया गया है और 5000 से अधिक पौधे तैयार करके चंबा शहर में लगाए जाएंगे, जिसकी खूबसूरती देखते ही बनेगी. हालांकि चंबा वन मंडल अधिकारी अमित शर्मा का कहना है कि चंपा के फूलों को ट्रायल के तौर पर लगाया गया है और इसके अलावा दो से तीन नर्सरी में भी इन्हें तैयार किया जा रहा है. जो पुराने चंपा के पेड़ थे उनके बीज भी तैयार करके नर्सरी में लगाए जा रहे हैं ताकि आने वाले समय में अधिक से अधिक पौधे तैयार किए जा सके और उन्हें चंबा शहर की खूबसूरती के लिए इस्तेमाल किया जा सके.
चंबा शहर अपनी खूबसूरती के (Production of Champa flowers) लिए रियासत काल से ही जाना जाता है. यही कारण है कि चंबा की सुंदरता को बनाए रखने के लिए वन विभाग समय-समय पर उचित कदम उठाता हुआ नजर आ रहा है. वहीं, दूसरी ओर चंबा के डीएफओ अमित शर्मा का कहना है कि चंबा का नाम चंपा के नाम पर रखा गया था. जिसके चलते पहले फेस के लिए हमने चंडीगढ़ से ढाई सौ पौधे चंपा फूल के लाए गए थे. जिन्हें चंबा शहर के आसपास लगाया गया है और हमने हरिपुर करिया मंगला नर्सरी में इसके बीज लगाए हैं और हमारा प्रयास है की पांच से सात हजार नर्सरी में पौधे तैयार करके चंबा शहर के आसपास लगाने का प्रयास किया जा सके ताकि आने वाले समय में चंबा की खूबसूरती और बढ़ सके.
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