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एक छड़ी के साथ 25 श्रद्धालु ही जा पाएंगे मणिमहेश डल झील, चार सेक्टरों में बांटी गई यात्रा

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Published : Aug 26, 2021, 5:02 PM IST

मणिमहेश न्यास में हर छड़ी के साथ महज 25 लोगों को ही डल झील की ओर जाने की अनुमति देने का फैसला लिया है. साथ ही पड़ोसी राज्य जम्मू कश्मीर की छड़ियों के साथ आने वालों को आरटीपीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट और वैक्सीन की दोंनों डोज अनिवार्य की है. कोविड की निगटिव रिपोर्ट न होने की सूरत में यात्री को जाने की अनुमति नहीं होगी. खबर की पुष्टि एडीएम भरमौर एवं मणिमहेश न्यास के अध्यक्ष डॉ. संजय कुमार धीमान ने की है.

Manimahesh Dal Lake, मणिमहेश डल झील यात्रा
फोटो.

चंबा: उत्तर भारत की प्रसिद्ध मणिमहेश यात्रा में परंपरा का निर्वाहन करने आएगी छड़ियों के साथ यात्रियों को एक सीमित संख्या में आने की अनुमति होगी. मणिमहेश न्यास में हर छड़ी के साथ महज 25 लोगों को ही डल झील की ओर जाने की अनुमति देने का फैसला लिया है. साथ ही पड़ोसी राज्य जम्मू कश्मीर की छड़ियों के साथ आने वालों को आरटीपीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट और वैक्सीन की दोनों डोज अनिवार्य की है.

कोविड की निगटिव रिपोर्ट न होने की सूरत में यात्री को जाने की अनुमति नहीं होगी. खबर की पुष्टि एडीएम भरमौर एवं मणिमहेश न्यास के अध्यक्ष डॉ. संजय कुमार धीमान ने की है. बता दें कि पवित्र मणिमहेश यात्रा का आयोजन इस वर्ष 30 अगस्त से 13 सिंतबर तक चलेगा.

इस दौरान यात्रियों को मणिमहेश जाने की अनुमति नहीं होगी. महज छड़ियों और शिव चेलों को ही परंपरा का निर्वाहन करने के लिएअनुमति प्रशासन एवं न्यास डल झील की ओर जाने के लिए देगा. इस व्यवस्था को बनाए रखने के लिए हड़़सर रोड़ पर प्रंघाला में पुलिस की चैकपोस्ट बनाई है.

वीडियो.

न्यास ने स्पष्ट किया है कि छड़ियों और शिव चेलों के अलावा किसी को भी मणिमहेश जाने की अनुमति नहीं होगी. अगर कोई यात्री भरमौर तक पहुंच भी जाता है , तो उसे बीच रास्ते से लौटा दिया जाएगा. एडीएम भरमौर डॉ. संजय कुमार धीमान ने बताया कि प्रत्येक छड़ी के साथ 25 लोगों को ही डल की ओर जाने की अनुमति होगी.

इसके अलावा डल की ओर छड़ी के साथ जाने वाले यात्रियों को 72 घंटे पहले की आरटीपीसीआर की रिपोर्ट पेश करनी होगी. डॉ. धीमान ने आम यात्रियों से अपील की है कि इस बार कोरोना माहामारी के चलते मणिमहेश यात्रा में उन्हें डल झील की ओर जाने की अनुमति नहीं होगी. कहा कि अगर वह आ भी जाते है, तो उन्हें रास्ते से लौटा दिया जाएगा.

उत्तर भारत की प्रसिद्ध मणिमहेश यात्रा को चार सेक्टरों में बांटा है. इनमें भरमौर, हड़सर, धनछो और डल लेक चार अलग अलग सेक्टर शामिल है. साथ ही एसडीएम भरमौर मनीष कुमार सोनी को मेला अधिकारी और नायब तहसीलदार भरमौर आशीष कुमार को बतौर सहायक मेला अधिकारी तैनात किया गया है. मणिमहेश न्यास के अध्यक्ष एवं एडीएम भरमौर डॉ. संजय कुमार धीमान ने बताया कि चार सेक्टरों के लिए छह सेक्टर अधिकारी बनाए गए है.

इसके अलावा कर्मचारियों की ड्यूटी भी सेक्टरों में लगाई गई है. मणिमहेश यात्रा के अधिकारिक तौर पर आरंभ होने के साथ ही सभी अधिकारी- कर्मचारी अपने अपने ड्यूटी स्थल पर मोर्चा संभाल लेंगे, जबकि यात्रा में किसी प्रकार का लंगर भी नहीं लगेगा.

यात्रा में मेडिकल विभाग और पर्वतारोहण की रेस्क्यू टीम भी तैनात रहेगी. खंड चिकित्सा अधिकारी भरमौर डॉ. अंकित शर्मा ने बताया कि विभाग की एक टीम धनछो और दूसरी डल झील सेक्टर में तैनात रहेगी. बताया कि दवाईयां और आक्सीजन सिलेंडर मौके पर भेज दिए है और टीमें भी रवाना हो गई है. टीमों में दो डॉक्टर, दो फार्मासिस्ट के अलावा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी शामिल रहेंगे.

एडीएम भरमौर ने बताया कि कोई आम यात्री यात्रा पर ना आएं, इसके लिए पुख्ता व्यवस्था बनाई है. इसके तहत प्रशासन की ओर से लंगेरा, तुन्नूहट्टी, लाहडू, त्यारी और प्रंघाला में पुलिस चौकियां स्थापित कर दी है. बताया कि प्रंघाला में काफी समय पहले ही पुलिस चौकी स्थापित कर दी है.

ये भी पढ़ें- जीत के लिए बूथ मजबूत करना जरूरी: पूर्व CM प्रेम कुमार धूमल

चंबा: उत्तर भारत की प्रसिद्ध मणिमहेश यात्रा में परंपरा का निर्वाहन करने आएगी छड़ियों के साथ यात्रियों को एक सीमित संख्या में आने की अनुमति होगी. मणिमहेश न्यास में हर छड़ी के साथ महज 25 लोगों को ही डल झील की ओर जाने की अनुमति देने का फैसला लिया है. साथ ही पड़ोसी राज्य जम्मू कश्मीर की छड़ियों के साथ आने वालों को आरटीपीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट और वैक्सीन की दोनों डोज अनिवार्य की है.

कोविड की निगटिव रिपोर्ट न होने की सूरत में यात्री को जाने की अनुमति नहीं होगी. खबर की पुष्टि एडीएम भरमौर एवं मणिमहेश न्यास के अध्यक्ष डॉ. संजय कुमार धीमान ने की है. बता दें कि पवित्र मणिमहेश यात्रा का आयोजन इस वर्ष 30 अगस्त से 13 सिंतबर तक चलेगा.

इस दौरान यात्रियों को मणिमहेश जाने की अनुमति नहीं होगी. महज छड़ियों और शिव चेलों को ही परंपरा का निर्वाहन करने के लिएअनुमति प्रशासन एवं न्यास डल झील की ओर जाने के लिए देगा. इस व्यवस्था को बनाए रखने के लिए हड़़सर रोड़ पर प्रंघाला में पुलिस की चैकपोस्ट बनाई है.

वीडियो.

न्यास ने स्पष्ट किया है कि छड़ियों और शिव चेलों के अलावा किसी को भी मणिमहेश जाने की अनुमति नहीं होगी. अगर कोई यात्री भरमौर तक पहुंच भी जाता है , तो उसे बीच रास्ते से लौटा दिया जाएगा. एडीएम भरमौर डॉ. संजय कुमार धीमान ने बताया कि प्रत्येक छड़ी के साथ 25 लोगों को ही डल की ओर जाने की अनुमति होगी.

इसके अलावा डल की ओर छड़ी के साथ जाने वाले यात्रियों को 72 घंटे पहले की आरटीपीसीआर की रिपोर्ट पेश करनी होगी. डॉ. धीमान ने आम यात्रियों से अपील की है कि इस बार कोरोना माहामारी के चलते मणिमहेश यात्रा में उन्हें डल झील की ओर जाने की अनुमति नहीं होगी. कहा कि अगर वह आ भी जाते है, तो उन्हें रास्ते से लौटा दिया जाएगा.

उत्तर भारत की प्रसिद्ध मणिमहेश यात्रा को चार सेक्टरों में बांटा है. इनमें भरमौर, हड़सर, धनछो और डल लेक चार अलग अलग सेक्टर शामिल है. साथ ही एसडीएम भरमौर मनीष कुमार सोनी को मेला अधिकारी और नायब तहसीलदार भरमौर आशीष कुमार को बतौर सहायक मेला अधिकारी तैनात किया गया है. मणिमहेश न्यास के अध्यक्ष एवं एडीएम भरमौर डॉ. संजय कुमार धीमान ने बताया कि चार सेक्टरों के लिए छह सेक्टर अधिकारी बनाए गए है.

इसके अलावा कर्मचारियों की ड्यूटी भी सेक्टरों में लगाई गई है. मणिमहेश यात्रा के अधिकारिक तौर पर आरंभ होने के साथ ही सभी अधिकारी- कर्मचारी अपने अपने ड्यूटी स्थल पर मोर्चा संभाल लेंगे, जबकि यात्रा में किसी प्रकार का लंगर भी नहीं लगेगा.

यात्रा में मेडिकल विभाग और पर्वतारोहण की रेस्क्यू टीम भी तैनात रहेगी. खंड चिकित्सा अधिकारी भरमौर डॉ. अंकित शर्मा ने बताया कि विभाग की एक टीम धनछो और दूसरी डल झील सेक्टर में तैनात रहेगी. बताया कि दवाईयां और आक्सीजन सिलेंडर मौके पर भेज दिए है और टीमें भी रवाना हो गई है. टीमों में दो डॉक्टर, दो फार्मासिस्ट के अलावा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी शामिल रहेंगे.

एडीएम भरमौर ने बताया कि कोई आम यात्री यात्रा पर ना आएं, इसके लिए पुख्ता व्यवस्था बनाई है. इसके तहत प्रशासन की ओर से लंगेरा, तुन्नूहट्टी, लाहडू, त्यारी और प्रंघाला में पुलिस चौकियां स्थापित कर दी है. बताया कि प्रंघाला में काफी समय पहले ही पुलिस चौकी स्थापित कर दी है.

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