चंबा: देश के साथ-साथ प्रदेश में भी अनलॉक-2 की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. जिसके तहत प्रदेश सरकार ने राज्य में पर्यटकों को आने और होटल खोलने की सशर्त अनुमति दे दी है, लेकिन सरकार के इस फैसले का विपक्ष ने विरोध किया है. डलहौजी विधायक आशा कुमारी ने कहा कि सरकार द्वारा होटल खोलने का निर्णय गलत है, इससे होटल कारोबारियों आर्थिक बोझ पड़ेगा और कोरोना के नियमों की पालना करने में होटल संचालकों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा .
बता दें कि हिमाचल सरकार ने अनलॉक दो की प्रक्रिया में पर्यटकों को आने की मंजूरी सशर्त दे दी है. जिसके तहत सैलनियों को कम से कम पांच दिन का पैकेज लेना होगा और 72 घंटे की कोविड-19 की रिपोर्ट देनी होगी. हालांकि सरकार के इस फैसले का शिमला और मनाली के होटल एसोसिएशन ने विरोध किया है और निर्णय वापस लेने की हिदायत दी है.
डलहौजी विधायक आशा कुमारी ने कहा कि कोरोना संकट काल में होटल्स खोलना न्याय संगत नहीं है, क्योंकि प्रदेश में कोरोना के मामलों की संख्या 1000 को पार हो चुकी है. ऐसे में अगर क्षेत्र में सैलानियों के लिए होटल खुलते हैं, तो सरकार और प्रशासन के लिए चुनौती होगी. उन्होंने कहा कि पर्यटक को आते ही कोरोना का टेस्ट करवाना होगा और 72 घंटे पहले की रिपोर्ट साथ में रखनी होगी, जिससे उनको भी परेशानी का सामना करना पड़ेगा.
आशा कुमारी ने कहा कि सरकार को अपना ये फैसला वापस लेना चाहिए और होटल कारोबारियों के लिए कोरोना संकट काल में राहत पैकेज देने का एलान करना चाहिए. उन्होंने कहा कि EMI सहित दूसरी चीजों पर लगने वाले कर को तीन साल के लिए माफ कर देना चाहिए, ताकि जनता राहत की सांस ले सके.
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