चंबाः जिला में शिक्षण संस्थानों के 3 महीनों से बंद रहने के बाद अब शिक्षा विभाग ने कोविड-19 के बचाव को देखते हुए स्कूली बच्चों के बजाय अभिभावकों को स्कूलों में बुलाकर किताबें दी जा रही है. शिक्षा विभाग का बच्चों तक किताबें पहुंचाने का मुख्य मकसद बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा के तहत किताबी ज्ञान से भी रूबरू करवाना है.
जिला मुख्यालय चम्बा के तहत राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला उदयपुर में शनिवार को 30 अभिभावकों को विभिन्न कक्षाओं संबंधी बच्चों की किताबें दी गई. इस दौरान अभिभावकों के विद्यालय परिसर में पहुंचने पर उनके हाथ धुलवाए गए. जिसके बाद ही सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करते हुए अभिभावकों को उनके बच्चों संबंधी विभिन्न कक्षाओं की किताबें प्रदान की गई.
वहीं, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला उदयपुर के प्रधानाचार्य जगदीश चंद्र ने बताया कि वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के चलते इस वर्ष जहां विभिन्न कक्षाओं के वार्षिक परीक्षा परिणाम घोषित नहीं हो पाए तो वहीं, नए शिक्षण सत्र के तहत कक्षाएं भी आरंभ नहीं हो पाई हैं. बहरहाल शिक्षा विभाग के लिए गए निर्णय के चलते बच्चों को ऑनलाइन ही शिक्षा प्रदान की जा रही है.
इसी क्रम में एक कदम आगे बढ़ाते हुए अब शिक्षा विभाग के जारी दिशा निर्देशों के अनुसार बच्चों के अभिभावकों को स्कूल में बुलाकर एक-एक कर उन्हें किताबें प्रदान की जा रही है. ताकि किताबे बच्चों के पास पहुंचने पर बच्चे घर में ही स्कूली माहौल तैयार कर शिक्षा के ज्ञान से जुड़ सकें.
शिक्षा विभाग ने बच्चों तक किताबें मुहैया करवाने के लिए अभिभावकों की मदद का भी सहारा लिया जा रहा है. इसी क्रम में शनिवार को 30 के करीब अभिभावकों को स्कूल प्रबंधन द्वारा बुलाकर उन्हें किताबे प्रदान की गई.
बताते चलें कि प्रदेश भर में 24 मार्च से कर्फ्यू और लॉकडाउन घोषित कर दिया गया थ, जिसके बाद से सभी प्रकार की गतिविधियों पर रोक लगा दी गई थी. इस दौरान विभिन्न स्कूल शिक्षण संस्थान और तकनीकी शिक्षा केंद्र भी बंद कर दिए गए थे. इतना ही नहीं स्कूलों के वार्षिक परिणाम भी घोषित नहीं हो पाए. ऐसे में अब बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा प्रदान करने के बाद शिक्षा विभाग ने बच्चों को किताबें प्रदान करने के लिए अभिभावकों का भी सहारा लिया गया है.