बिलासपुर: जंगली जानवरों की उजाड़ के बाद अब मक्की की फसल को लगे कीड़ों ने किसानों का जीना दुश्वार कर दिया दिया है. इस नई बीमारी ने किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी है. मक्की की फसल को लगे कीड़ों ने पत्तों को चट करना शुरू कर दिया है जिससे किसान चिंतित हैं.
उपमंडल स्वारघाट के तहत आने वाले कई गांवों में मक्की की फसल में ये बीमारी को देखा जा सकता है. बुजुर्ग किसान का कहना है कि अपनी 80 वर्ष की उम्र में पहली बार उन्होंने इस तरह के कीड़ों से मक्की की फसल को नुकसान पहुंचते देखा है.
वहीं, किसानों का कहना है कि प्रदेश सरकार ने किसानों को फसलों पर टिड्डी के हमले को लेकर आगाह किया था लेकिन खुशकिस्मती से टिड्डी दल तो नहीं पहुंचा लेकिन इस नई बीमारी ने जरूर किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं. किसानों ने प्रशासन से इस बीमारी के जल्द से जल्द इलाज करने की मांग की है.
विभाग की सुझाई गई कीटनाशक दवाओं का भी इस पर कोई असर होते नजर नहीं आ रहा. यह खतरनाक सुंडी पत्तों को चट करने के बाद मक्की के पौधों में घुस जाती है. वहीं, स्वारघाट कृषि विभाग के अधिकारी प्रताप चंदेल ने किसानों को मक्का की फसल में कीटनाशक का छिड़काव करने की सिफारिश की है. उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा यह कीटनाशक अनुदान पर उपलब्ध करवाई जा रही है.
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