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सरकार भेड़ पालकों के द्वार कार्यक्रम में बिलासपुर पहुंचे त्रिलोक कपूर, सरकार की नीतियों के बारे में करवाया अवगत - Trilok Kapoor reached Bilaspur

वर्तमान प्रदेश सरकार ने भेड़ पालन से जुड़े गद्दी वर्ग हर दृष्टि से चिंता की है. ये बातें भाजपा के प्रदेश महामंत्री एवं वूल फेडरेशन के चेयरमैन (Himachal Wool Federation) त्रिलोक कपूर (Trilok Kapoor reached Bilaspur) ने अपने पांच दिवसीय ‘सरकार भेड़ पालकों के द्वार’ कार्यक्रम के अंतर्गत शुक्रवार को जिला बिलासपुर में भेड़ पालकों को संबोधित करते हुए कही. इसके साथ ही उन्होंने भेड़ पालकों को सरकार की नीतियों के बारे में भी अवगत करवाया.

Trilok Kapoor reached Bilaspur
सरकार भेड़ पालकों के द्वार कार्यक्रम
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Published : Feb 18, 2022, 9:28 PM IST

बिलासपुर: वर्तमान प्रदेश सरकार ने भेड़ पालन से जुड़े गद्दी वर्ग हर दृष्टि से चिंता की है. ये बातें भाजपा के प्रदेश महामंत्री एवं वूल फेडरेशन के चेयरमैन (Himachal Wool Federation) त्रिलोक कपूर (Trilok Kapoor reached Bilaspur) ने अपने पांच दिवसीय 'सरकार भेड़ पालकों के द्वार' कार्यक्रम के अंतर्गत शुक्रवार को जिला बिलासपुर और जिला सोलन के नालागढ़ क्षेत्र में सर्दियों की चारगाहों में आने वाले भेड़ पालकों के लिए आयोजित जागरूकता एवं प्रशिक्षण कैंप में उपस्थित भेड़ पालकों को संबोधित करते हुए कही.

कपूर ने कहा कि यह सच है कि जब तक जिस समाज में राजनीतिक रूप से चेतना और उत्थान नहीं होता है, तब तक उस समाज का समुचित विकास नहीं होता है. उन्होंने कहा कि यह गद्दी समाज और भेड़ पालकों का सौभाग्य है कि भाजपा ही एक ऐसा राजनीतिक दल है, जिसने इस समाज को अनारक्षित सीटों के बावजूद भी भटियात, धर्मशाला से विधानसभा में और लोकसभा सीटों में विधायक व सांसद के रूप में चुनाव लड़ कर जनता की सेवा करने का अवसर दिया है.

यहां तक कि मेरे जैसे एक भेड़ पालक को पहली बार भाजपा का प्रदेश महामंत्री (Himachal BJP State General Secretary) के रूप में संगठन में भी काम करने का अवसर देकर गद्दी समुदाय को सम्मान दिया है. वूल फेडरेशन के चेयरमैन कपूर ने कहा कि जब-जब भाजपा की सरकार प्रदेश की सत्ता में होती है, उसी समय भेड़ पालकों के लिए जगह-जगह कैंपों का आयोजन होता है, जबकि कांग्रेस सरकार में इस प्रकार के कोई भी प्रयास नहीं होते हैं.

उन्होंने कहा कि पिछली बार धूमल सरकार में वन चरान परमिट की अवधि को 1 वर्ष से 3 वर्ष तक वढ़ाया गया था, जबकि इस बार जयराम सरकार की विशेष कृपा से और वन मंत्री राकेश पठानिया के सहयोग से वन चरान परमिट की अवधि को 3 वर्ष से बढ़ाकर 6 वर्ष कर दिया है. जिससे घुमंतू भेड़ पालकों (Shepheard in Himachal) को बार-बार वन विभाग के कार्यालय में परमिट कटवाने के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे.

कपूर ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वूल फेडरेशन में पहली बार भेड़ बकरियों के स्वास्थ्य सुविधा के लिए इस चालू वित्त वर्ष में एक करोड़ रुपये का प्रावधान बजट में किया गया है, जो कि आज से पहले कभी नहीं था. उन्होंने कहा कि भेड़ो की ऊन की निश्चित समय पर कतराई हो उसके लिए लंबे समय से शीप शेयर संघर्ष कर रहे थे. उसको लेकर भी जयराम सरकार ने 10 शीप शेयरों के पद स्वीकृत कर दिए हैं. जिस की भर्ती की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है.

ये भी पढ़ें: सिरमौर का काकोली गांव 21 सालों से कर रहा सड़क का इंतजार, ग्रामीणों ने सरकार से लगाई गुहार

बिलासपुर: वर्तमान प्रदेश सरकार ने भेड़ पालन से जुड़े गद्दी वर्ग हर दृष्टि से चिंता की है. ये बातें भाजपा के प्रदेश महामंत्री एवं वूल फेडरेशन के चेयरमैन (Himachal Wool Federation) त्रिलोक कपूर (Trilok Kapoor reached Bilaspur) ने अपने पांच दिवसीय 'सरकार भेड़ पालकों के द्वार' कार्यक्रम के अंतर्गत शुक्रवार को जिला बिलासपुर और जिला सोलन के नालागढ़ क्षेत्र में सर्दियों की चारगाहों में आने वाले भेड़ पालकों के लिए आयोजित जागरूकता एवं प्रशिक्षण कैंप में उपस्थित भेड़ पालकों को संबोधित करते हुए कही.

कपूर ने कहा कि यह सच है कि जब तक जिस समाज में राजनीतिक रूप से चेतना और उत्थान नहीं होता है, तब तक उस समाज का समुचित विकास नहीं होता है. उन्होंने कहा कि यह गद्दी समाज और भेड़ पालकों का सौभाग्य है कि भाजपा ही एक ऐसा राजनीतिक दल है, जिसने इस समाज को अनारक्षित सीटों के बावजूद भी भटियात, धर्मशाला से विधानसभा में और लोकसभा सीटों में विधायक व सांसद के रूप में चुनाव लड़ कर जनता की सेवा करने का अवसर दिया है.

यहां तक कि मेरे जैसे एक भेड़ पालक को पहली बार भाजपा का प्रदेश महामंत्री (Himachal BJP State General Secretary) के रूप में संगठन में भी काम करने का अवसर देकर गद्दी समुदाय को सम्मान दिया है. वूल फेडरेशन के चेयरमैन कपूर ने कहा कि जब-जब भाजपा की सरकार प्रदेश की सत्ता में होती है, उसी समय भेड़ पालकों के लिए जगह-जगह कैंपों का आयोजन होता है, जबकि कांग्रेस सरकार में इस प्रकार के कोई भी प्रयास नहीं होते हैं.

उन्होंने कहा कि पिछली बार धूमल सरकार में वन चरान परमिट की अवधि को 1 वर्ष से 3 वर्ष तक वढ़ाया गया था, जबकि इस बार जयराम सरकार की विशेष कृपा से और वन मंत्री राकेश पठानिया के सहयोग से वन चरान परमिट की अवधि को 3 वर्ष से बढ़ाकर 6 वर्ष कर दिया है. जिससे घुमंतू भेड़ पालकों (Shepheard in Himachal) को बार-बार वन विभाग के कार्यालय में परमिट कटवाने के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे.

कपूर ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वूल फेडरेशन में पहली बार भेड़ बकरियों के स्वास्थ्य सुविधा के लिए इस चालू वित्त वर्ष में एक करोड़ रुपये का प्रावधान बजट में किया गया है, जो कि आज से पहले कभी नहीं था. उन्होंने कहा कि भेड़ो की ऊन की निश्चित समय पर कतराई हो उसके लिए लंबे समय से शीप शेयर संघर्ष कर रहे थे. उसको लेकर भी जयराम सरकार ने 10 शीप शेयरों के पद स्वीकृत कर दिए हैं. जिस की भर्ती की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है.

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