बिलासपुर: उत्तर भारत के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल तपोस्थली शाहतलाई चैत्र मेले में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ रहा है. अब तक यहां पर 10 लाख श्रद्धालुओं ने बाबा के दर्शन कर सुख-समृद्धि के लिए आशीर्वाद लिया. मेले में प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु दर्शन करने पहुंच रहे हैं. चारों ओर बाबा बालक नाथ जी के भजनों और पौणाहारी के जयकारों से गूंज उठा है.
बताया जाता है कि प्राचीन काल में बाबा जी ने शाहतलाई में माता रत्नों के घर में चाकरी कर 12 वर्ष तक उनकी गायों को चराया था. शाहतलाई में 12 वर्ष पूरे होने के बाद बाबा जी मोर पर सवार होकर धौलागिरी पर्वत के नाम से प्रसिद्ध पहाड़ी गुफा में चले गए थे. बाबा बालकनाथ का गुफा में रहने वाले राक्षस से युद्ध हुआ था, लेकिन बाबा जी ने राक्षस के क्षमा याचना पर माफ कर दिया था और आज तक भी यह प्रथा चलती आ रही है कि बाबा बालक नाथ जी की गुफा में रोट प्रसाद चढ़ावे के रूप में चढ़ता है.
प्राचीन मान्यता अनुसार इस महीने श्रद्धालु धार्मिक नगरी में पहुंचकर बाबा के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. हालांकि अब साल भर रविवार और शनिवार को कस्बे में श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिलती है.