बिलासपुर: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं नयनादेवी के विधायक रामलाल ठाकुर ने प्रदेश सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. विधायक ने कृषि के तहत सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग सहित अन्य कई विभागों में नियुक्तियां करने को लेकर मुख्यमंत्री और आईपीएच मंत्री को सवालों के कटघरे में खड़ा कर दिया है.
विधायक ने सवाल उठाया है कि आखिरकार कोर के प्रति जीरो टॉलरेंस का राग अलापने वाली सरकार की बैठक पर कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए प्रक्रिया क्या होगी? कहीं चोर दरवाजे से अपनों को एडजस्ट करने के लिए यह सारा प्रपंच रचा गया है? अगर ऐसा है तो फिर कहां गई मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की ईमानदारी.
रामलाल ठाकुर ने कहा कि इस मसले को अब वह 19 अगस्त से शुरू होने जा रहे विधानसभा के सत्र में जोर शोरों से उठाएंगे. रामलाल ठाकुर ने सरकार पर आरोप लगाया कि बीजेपी से संबंध रखने वाले लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए चोर दरवाजे के तहत नियुक्तियां करने का फैसला लिया गया है और यह फैसला बाकायदा काउंटर की बैठक में हुआ है.
ठाकुर ने कहा कि जो नियुक्तियां हुईं हैं क्या वो मैरिट आधार पर हुई हैं या फिर कोई और तरीका अपनाया गया है. क्योंकि प्रदेश में डिग्री धारक बेरोजगारों की भरमार है. अगर सरकार ये नियुक्तियां अपने लोगों को एडजस्ट करने के लिए कर रही है तो उन पढ़े-लिखे हजारों नौजवानों का क्या होगा.
रामलाल ठाकुर ने कहा कि सरकार ने पिछले आठ सालों से काम कर रहे कर्मचारियों को नियमित करने का आश्वासन दिया था, लेकिन आज तक ऐसा नहीं हो पाया इस कारण यह लोग खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं.
रामलाल ठाकुर ने कहा कि सरकार पूर्व में नियुक्त किए गए लोगों को हटाने की तैयारी में है. सरकार द्वारा भर्ती के लिए दो ठेकेदारों को जिम्मा सौंपा गया है. ये ठेकेदार इन दिनों विधायक और पूर्व विधायकों से भाजपा से नाता रखने वालों को एडजस्ट करने के लिए लिस्टेड कर रहा है.
बिलासपुर जिला में ही सोमवार को ठेकेदार द्वारा विधायकों की बैठक कर यह कार्रवाई पूरी की गई है और एक-एक विधायक से 12 से 15 लोगों की लिस्ट ली जा रही है. ठाकुर ने कहा कि इस संबंध में नयनादेवी हलके के चार लोगों के नाम लिस्ट में शामिल किए जाने की जानकारी प्राप्त हुई है.
ठाकुर ने कहा, इस मामले में जब एक कर्मचारी ने नियुक्ति के लिए बिलासपुर, कांगड़ा, ऊना और हमीरपुर जिला का जिम्मा संभाले हुए एक ठेकेदार से नईं नियुक्तियों और पूराने कर्मचारियों को लेकर सवाल किया और पूछा कि पहले नियुक्त लोगों का क्या होगा तो जवाब मिला कि आईपीएच मंत्री महेंद्र ठाकुर की ओर से आदेश दिए गए हैं और इस मामले पर भी वही निर्णय लेंगे.
ठेकेदार के साथ पूरी बातचीत को उस कर्मचारी ने मोबाइल में रिकॉर्ड कर लिया है. ऐसे में रामलाल ठाकुर ने सवाल उठाते हुए कहा कि आपीएच मंत्री ये बताएं कि सरकारी नौकरी देने के लिए प्रजातंत्र में कौन सा फॉर्मूला है? वैसे तो आईपीएच मंत्री को अव्वल मंत्री का दर्जा प्राप्त है, लेकिन अपने लोगों को एडजस्ट करने के लिए चोर दरवाजे से नियुक्तियां करने का ये कौन सा तरीका है.
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