बिलासपुरः जिला बिलासपुर में निजी बस ऑपरेटर यूनियन ने बस आपरेटरों की दयनीय हालत को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगाई है. बस ऑपरेटर्स का कहना है कि निजी बसों में अब लोग उम्मीद से बहुत कम बैठ रहे हैं. ऐसे में उनका खर्च भी पूरा नहीं हो रहा है.
निजी बस ऑपरेटर यूनियन के पूर्व प्रधान अनिल कुमार शर्मा ने कहा कि बसों को सड़कों पर उतार कर निजी बस संचालक बहुत ही दयनीय स्थिति से गुजर रहे हैं. यह समस्या आने वाले समय मे और गंभीर होने वाली है. उन्होंने कहा कि दायित्व और देनदारियां बढ़ रही हैं जबकि कमाई न के बराबर है.
अनिल कुमार ने कहा कि जिला निजी बस ऑपरेटर यूनियन बिलासपुर द्वारा संचालित बसें आने वाले समय में खड़ी होने वाली हैं. प्रदेश सरकार ने जिस दिन बस किराए में बढ़ोतरी की घोषणा की थी उसके अगले दिन समूचे जिला में 60 प्रतिशत बसों का संचालन शुरू हो गया था, लेकिन बसों को सवारियां नहीं मिल रही हैं.
निजी बस ऑपरेटरों की माने तो बसों में 15 से 20 प्रतिशत सवारी ही बैठ रही है. इसके अलावा सरकारी कर्मचारी और अन्य कामों के लिए आने-जाने वाले लोग अपने-अपने वाहनों का ही प्रयोग कर रहे हैं. वैश्विक महामारी कोविड-19 के बढ़ रहे मामलों के चलते लोग बसों में यात्रा करने से परहेज कर रहें हैं.
बसों के कारोबार पर आधारित लोगों में शामिल टायर पंचर, मैकेनिक, डीजल, पंप, बस बॉडी, रंग, पेंट, टायर, ट्यूब, बैटरी, स्पेयर पार्ट्स इंश्योरेंस, थ्री व्हीलर ऑपरेटर सब लोग प्रभावित हुए हैं. निजी बसों के व्यवसाय में स्टाफ व उनके परिवार की जिम्मेवारी निजी बस ऑपरेटरों पर है.
उन्होंने कहा कि तेल के दामों में बढ़ोतरी के हिसाब से किराया बढ़ना चाहिए. सरकार लोगों के ग्रीनकार्ड बना रही है तो निजी बसों में सवारी कहां से बैठेगी. निजी बस ऑपरेटर सरकार के इस निर्णय का विरोध करते हैं. सरकार इस आदेश को वापस ले. इसके साथ ही सभी टैक्सों के समय को बढ़ाया जाए या टैक्सों को पूरी तरह से माफ किया जाए.
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