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कुठेड़ा पंचयात विभाजन व पुनर्गठन के लिए अनिश्चितकालीन आमरण अनशन पर बैठे ग्रामीण

कुठेड़ा पंचायत के विभाजन और पुनर्गठन की मांग को लेकर गांव के लोगों में काफी रोष हैं. इसके चलते मसौर मोड़ पर स्थानीय लोगों की ओर से अनिश्चितकालीन आमरण अनशन अभियान शुरू कर दिया गया है. युवा समाजसेवी आशीष मेहता का कहना है कि स्थानीय लोगों की पंचायत विभाजन/पुनर्गठन की मांग पिछले 15 वर्षों से चली आ रही है. इसी मांग के चलते कई बार पंचयात की ग्रामसभाओं में प्रस्ताव पारित करके सरकार एवं प्रशासन के आला अधिकारियों के समक्ष रखा गया था.

People of Kootheda Panchayat demonstrated demanding division and reorganization in bilaspur
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Published : Oct 24, 2020, 3:16 PM IST

बिलासपुरः जिला की घुमारवीं विकास खंड की कुठेड़ा पंचायत के विभाजन और पुनर्गठन की मांग को लेकर गांव के लोगों में काफी रोष है. इसके चलते मसौर मोड़ पर स्थानीय लोगों की ओर से अनिश्चितकालीन आमरण अनशन अभियान शुरू कर दिया गया है.

इस दौरान युवा समाजसेवी आशीष मेहता का कहना है कि स्थानीय लोगों की पंचायत विभाजन/पुनर्गठन की मांग पिछले 15 वर्षों से चली आ रही है. इसी मांग के चलते कई बार पंचयात की ग्रामसभाओं में प्रस्ताव पारित करके सरकार एवं प्रशासन के आला अधिकारियों के समक्ष रखा गया था.

वीडियो रिपोर्ट

उन्होंने कहा कि पिछले तीन महीनों में स्थानीय लोगों ने मुख्यमंत्री, विधायक सदर बिलासपुर, जिलाधीश, निदेशक पंचायती राज विभाग व जिला पंचायत अधिकारी आदि को कई बार ज्ञापन सौंपा जा चुका हैं, लेकिन इस पर कोई भी कार्रवाई सरकार की ओर से अभी तक अमल में नहीं लाई गई हैं.

आशीष मेहता ने कहा कि हैरानी की बात है कि 5000 जनसंख्या, 4000 मतदाताओं एवं एक दर्जन गांव वाली इस बड़ी पंचायत के विभाजन/पुनर्गठन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. आशीष मेहता का कहना है कि जब तक उनकी समस्या का समाधान नहीं किया जाता हैं, तब तक वे अनिश्चितकालीन आमरण अनशन पर बैठे रहेंगे.

बता दें कि प्रदेश सरकार की ओर से नई पंचायतों के गठन में घुमारवीं विकास खंड की कुठेड़ा पंचायत के विभाजन/पुनर्गठन के लिए कोई भी कार्रवाई न करने से मसौर, भुवाणा, घुलाण, मलोह, भेल, भगोट, साड़ग, कुठेड़ा, टिहरी, घल्याणा व जोल प्लाखीं के लोगों में भारी नाराजगी चली हुई है, जिसके अंतर्गत हाल ही में 2 अक्टूबर को गांधी जयंती पर कुठेड़ा पंचायत वासियों ने रोष रैली भी निकाली थी.

ये भी पढ़ें: किन्नौर के पहाड़ों ने ओढ़ ली बर्फ की सफेद चादर, माइनस 3 डिग्री पहुंचा तापमान

बिलासपुरः जिला की घुमारवीं विकास खंड की कुठेड़ा पंचायत के विभाजन और पुनर्गठन की मांग को लेकर गांव के लोगों में काफी रोष है. इसके चलते मसौर मोड़ पर स्थानीय लोगों की ओर से अनिश्चितकालीन आमरण अनशन अभियान शुरू कर दिया गया है.

इस दौरान युवा समाजसेवी आशीष मेहता का कहना है कि स्थानीय लोगों की पंचायत विभाजन/पुनर्गठन की मांग पिछले 15 वर्षों से चली आ रही है. इसी मांग के चलते कई बार पंचयात की ग्रामसभाओं में प्रस्ताव पारित करके सरकार एवं प्रशासन के आला अधिकारियों के समक्ष रखा गया था.

वीडियो रिपोर्ट

उन्होंने कहा कि पिछले तीन महीनों में स्थानीय लोगों ने मुख्यमंत्री, विधायक सदर बिलासपुर, जिलाधीश, निदेशक पंचायती राज विभाग व जिला पंचायत अधिकारी आदि को कई बार ज्ञापन सौंपा जा चुका हैं, लेकिन इस पर कोई भी कार्रवाई सरकार की ओर से अभी तक अमल में नहीं लाई गई हैं.

आशीष मेहता ने कहा कि हैरानी की बात है कि 5000 जनसंख्या, 4000 मतदाताओं एवं एक दर्जन गांव वाली इस बड़ी पंचायत के विभाजन/पुनर्गठन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. आशीष मेहता का कहना है कि जब तक उनकी समस्या का समाधान नहीं किया जाता हैं, तब तक वे अनिश्चितकालीन आमरण अनशन पर बैठे रहेंगे.

बता दें कि प्रदेश सरकार की ओर से नई पंचायतों के गठन में घुमारवीं विकास खंड की कुठेड़ा पंचायत के विभाजन/पुनर्गठन के लिए कोई भी कार्रवाई न करने से मसौर, भुवाणा, घुलाण, मलोह, भेल, भगोट, साड़ग, कुठेड़ा, टिहरी, घल्याणा व जोल प्लाखीं के लोगों में भारी नाराजगी चली हुई है, जिसके अंतर्गत हाल ही में 2 अक्टूबर को गांधी जयंती पर कुठेड़ा पंचायत वासियों ने रोष रैली भी निकाली थी.

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