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नौकरी गंवाकर चुकाई मदद करने की कीमत, मालिक ने निकाला ट्रक चालक

15 सितंबर को कंदरौर के पास एक टैक्सी चालक की मदद करने वाले ट्रक चालक को उसके मालिक ने नौकरी से निकाल दिया है. जिसके चलते ग्रामीणों ने सरकार और प्रशासन से उसे नौकरी देने की मांग की है.

Bilaspur murder case
प्रशस्ति पत्र देते एसपी दिवाकर शर्मा
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Published : Sep 27, 2020, 12:44 PM IST

बिलासपुर: जिला बिलासपुर के सदर थाना के तहत 15 सितंबर को कंदरौर के पास एक टैक्सी चालक की मदद करने वाले ट्रक चालक को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा. दरअसल व्यक्ति को ट्रक के मालिक ने नौकरी से निकाल दिया है. वहीं, कुछ दिन पहले जिला पुलिस प्रशासन द्वारा उसे पांच हजार की राशि देकर सम्मानित किया गया था.

ग्राम पंचायत डंगार के गांव पट्टा से संबंध रखने वाले देविन्द्र सिंह ने बताया कि कुछ दिन पहले ही उसने दाड़लाघाट में एक निजी ट्रक पर बतौर ड्राइवर कार्य शुरू किया था. 15 सितंबर को वो ट्रक को लेकर दाड़लाघाट से आलमपुर कांगड़ा जा रहा था. इसी बीच उसने देखा कि एक टैक्सी चालक गंभीर हालत में उससे मदद मांग रहा था, तो उसने एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते टैक्सी चालक की मदद की, लेकिन वो उसकी जान नहीं बचा पाया.

देविन्द्र सिंह ने बताया कि16 सितंबर को ट्रक का मालिक एक अन्य ड्राइवर के साथ कंदरौर पहुंचा और उसने उसे ये कहकर नौकरी से निकाल दिया कि उसने उसका नाम खराब कर दिया है. उन्होंने बताया कि पुलिस ने मात्र 8 घंटे में टैक्सी चालक की हत्या में शामिल चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.

बता दें कि कुछ दिन पहले एसपी दिवाकर शर्मा ने ट्रक ड्राइवर को एक प्रशस्ति पत्र और पांच हजार रुपये का इनाम देकर सम्मानित किया था. वहीं, ग्राम पंचायत डंगार की प्रधान राजो देवी व उप प्रधान दीपचंद ने बताया कि पंचायत में प्रस्ताव पारित कर सरकार और जिला प्रशासन से देविन्द्र सिंह को सम्मानित करने और रोजगार देने की मांग की गई है.

ये भी पढ़ें: अनदेखी का शिकार बिलासपुर! स्पोर्ट्स हब होने के बावजूद पर्यटन की दृष्टि से आज भी पिछड़ा

बिलासपुर: जिला बिलासपुर के सदर थाना के तहत 15 सितंबर को कंदरौर के पास एक टैक्सी चालक की मदद करने वाले ट्रक चालक को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा. दरअसल व्यक्ति को ट्रक के मालिक ने नौकरी से निकाल दिया है. वहीं, कुछ दिन पहले जिला पुलिस प्रशासन द्वारा उसे पांच हजार की राशि देकर सम्मानित किया गया था.

ग्राम पंचायत डंगार के गांव पट्टा से संबंध रखने वाले देविन्द्र सिंह ने बताया कि कुछ दिन पहले ही उसने दाड़लाघाट में एक निजी ट्रक पर बतौर ड्राइवर कार्य शुरू किया था. 15 सितंबर को वो ट्रक को लेकर दाड़लाघाट से आलमपुर कांगड़ा जा रहा था. इसी बीच उसने देखा कि एक टैक्सी चालक गंभीर हालत में उससे मदद मांग रहा था, तो उसने एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते टैक्सी चालक की मदद की, लेकिन वो उसकी जान नहीं बचा पाया.

देविन्द्र सिंह ने बताया कि16 सितंबर को ट्रक का मालिक एक अन्य ड्राइवर के साथ कंदरौर पहुंचा और उसने उसे ये कहकर नौकरी से निकाल दिया कि उसने उसका नाम खराब कर दिया है. उन्होंने बताया कि पुलिस ने मात्र 8 घंटे में टैक्सी चालक की हत्या में शामिल चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.

बता दें कि कुछ दिन पहले एसपी दिवाकर शर्मा ने ट्रक ड्राइवर को एक प्रशस्ति पत्र और पांच हजार रुपये का इनाम देकर सम्मानित किया था. वहीं, ग्राम पंचायत डंगार की प्रधान राजो देवी व उप प्रधान दीपचंद ने बताया कि पंचायत में प्रस्ताव पारित कर सरकार और जिला प्रशासन से देविन्द्र सिंह को सम्मानित करने और रोजगार देने की मांग की गई है.

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