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बिलासपुर में मछली व्यवसाय के ऑनलाइन ई-टेंडर का विरोध, मछुआरों ने राज्य सरकार को घेरा - मछली व्यवसाय के ऑनलाइन ई-टेंडर का विरोध

आफताब मोहम्मद ने कहा कि भाखड़ा बांध के कई विस्थापित परिवार इस व्यवसाय से जुड़े हैं. परंतु कुछ दिनों से जयराम सरकार गोविंदझील को भी निजी क्षेत्र में ऑनलाइन टेंडर करने की फिराक में है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करती है तो वह हाई कोर्ट जाने से भी परहेज नहीं करेंगे.

oppose  to online e-tender of fish business in Bilaspur
मछली व्यवसाय के ऑनलाइन ई-टेंडर का विरोध
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Published : Jan 30, 2020, 11:06 AM IST

बिलासपुर: गोविंद सागर झील में मछली व्यवसाय के लिए ऑनलाइन ई-टेंडर प्रक्रिया का प्रदेश के दर्जनों मछुआरों ने विरोध किया है. बिलासपुर में प्रेस वार्ता आयोजित कर मछुआरों ने कहा कि ऑनलाइन ई-टेंडर की वजह से प्रदेश के 3000 परिवारों सहित कई मछुआरे बेरोजगार हो जाएंगे. गोविंद सागर झील में मछली का व्यवसाय से इन परिवारों की रोजी-रोटी चली हुई है.

पत्रकारों को संबोधित करते हुए मछुआरा आफताब मोहम्मद ने कहा कि भाखड़ा बांध के कई विस्थापित परिवार इस व्यवसाय से जुड़े हैं. परंतु कुछ दिनों से जयराम सरकार गोविंद झील को भी निजी क्षेत्र में ऑनलाइन टेंडर करने की फिराक में है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करती है तो वह हाई कोर्ट जाने से भी परहेज नहीं करेंगे. अगर ऑनलाइन ई-टेंडर शुरू होता है तो बाहरी राज्यों के ठेकेदारों का राज इस गोविंद सागर झील पर हो जाएगा. जिसका वह विरोध हर स्तर पर करेंगे.

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उन्होंने सरकार से मांग की है कि इस ऑनलाइन ई-टेंडर प्रक्रिया को हिमाचल में लागू नहीं किया जाए. अगर ऑनलाइन ई-टेंडर प्रक्रिया लागू होती है तो भाखड़ा विस्थापित समेत कई गरीब परिवारों के सामने रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो जाएगी. इस मौके पर वीरदिन, फारुख मोहम्मद, शमी खान, जफर खान, इकबाल मोहम्मद, मौजूद रहे.

ये भी पढ़ें: शिमला में सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित, प्रतिवर्ष 4 लाख रुपये की हो रही बचत

बिलासपुर: गोविंद सागर झील में मछली व्यवसाय के लिए ऑनलाइन ई-टेंडर प्रक्रिया का प्रदेश के दर्जनों मछुआरों ने विरोध किया है. बिलासपुर में प्रेस वार्ता आयोजित कर मछुआरों ने कहा कि ऑनलाइन ई-टेंडर की वजह से प्रदेश के 3000 परिवारों सहित कई मछुआरे बेरोजगार हो जाएंगे. गोविंद सागर झील में मछली का व्यवसाय से इन परिवारों की रोजी-रोटी चली हुई है.

पत्रकारों को संबोधित करते हुए मछुआरा आफताब मोहम्मद ने कहा कि भाखड़ा बांध के कई विस्थापित परिवार इस व्यवसाय से जुड़े हैं. परंतु कुछ दिनों से जयराम सरकार गोविंद झील को भी निजी क्षेत्र में ऑनलाइन टेंडर करने की फिराक में है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करती है तो वह हाई कोर्ट जाने से भी परहेज नहीं करेंगे. अगर ऑनलाइन ई-टेंडर शुरू होता है तो बाहरी राज्यों के ठेकेदारों का राज इस गोविंद सागर झील पर हो जाएगा. जिसका वह विरोध हर स्तर पर करेंगे.

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उन्होंने सरकार से मांग की है कि इस ऑनलाइन ई-टेंडर प्रक्रिया को हिमाचल में लागू नहीं किया जाए. अगर ऑनलाइन ई-टेंडर प्रक्रिया लागू होती है तो भाखड़ा विस्थापित समेत कई गरीब परिवारों के सामने रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो जाएगी. इस मौके पर वीरदिन, फारुख मोहम्मद, शमी खान, जफर खान, इकबाल मोहम्मद, मौजूद रहे.

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Intro:गोविंदसागर में मछली व्यवसाय के ऑनलाइन ई-टेंडर का विरोध
प्रदेश मछुआरों ने बिलासपुर में पत्रकारवार्ता कर जताया विरोध
कहा सरकार के इस फैसले से 3000 परिवार होंगे बेघर
बाहरी राज्यों के ठेकेदारों को कार्य देना हिमाचल नीति के बाहर

बिलासपुर।
हिमाचल सरकार द्वारा बिलासपुर की गोविंद सागर झील में मछली व्यवसाय के लिए ऑनलाइन ई-टेंडर का विरोध प्रदेश के दर्जनों मछुआरों ने किया है। बिलासपुर में पत्रकारवार्ता कर मछुआरों ने विरोध प्रकट किया है कि ऑनलाइन ई-टेंडर की वजह से प्रदेश के 3000 परिवारों सहित सितारों से मछुआरे बेरोजगार हो जाएंगे। बिलासपुर की गोविंद सागर झील में मछली का व्यवसाय से इन परिवारों की रोजी-रोटी चली हुई है। अगर प्रदेश में टेंडर शुरू होता है तो बाहरी राज्यों के ठेकेदारों का राज इस गोविंद सागर झील पर हो जाएगा। जिसका वह विरोध हर स्तर पर करेंगे।



Body:उन्होंने कहा कि अगर सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करती है तो वह हाई कोर्ट जाने से भी परहेज नहीं करेंगे। पत्रकारों को संबोधित करते हुए मछुआरे आफताब ने कहा कि बिलासपुर के हजारों परिवारों के घर जब भाखड़ा बांध के पानी की बलि चढ़े थे तो उन पर इस गरीब दलित और मुस्लिम समुदाय के परिवारों का जीवन उस समय अस्त व्यस्त हो गया था। गरीब परिवार बहुत सुविधाओं से वंचित रहने लगे गरीबी की हालत को देखते हुए गरीब परिवारों ने गोविंद सागर झील से मछली पकड़ना उचित समझा। भाखड़ा बांध के कई विस्थापित परिवार इस व्यवसाय से जुड़े हैं। परंतु कुछ दिनों से प्रदेश के जयराम सरकार गोविंद सागर झील को भी निजी क्षेत्र में ऑनलाइन टेंडर करने की फिराक में है।

बाइट...
आफताब मोहम्मद...मछुआरा व्यवसाई।



Conclusion:उन्होंने सरकार से मांग की है कि इस ऑनलाइन ई-टेंडर प्रक्रिया को हिमाचल में लागू नहीं किया जाए। इस मौके पर वीरदिन, फारुख मोहम्मद, शमी खान, जफर खान, इकबाल मोहम्मद, मौजूद रहे।
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