बिलासपुर: गोविंद सागर झील में मछली व्यवसाय के लिए ऑनलाइन ई-टेंडर प्रक्रिया का प्रदेश के दर्जनों मछुआरों ने विरोध किया है. बिलासपुर में प्रेस वार्ता आयोजित कर मछुआरों ने कहा कि ऑनलाइन ई-टेंडर की वजह से प्रदेश के 3000 परिवारों सहित कई मछुआरे बेरोजगार हो जाएंगे. गोविंद सागर झील में मछली का व्यवसाय से इन परिवारों की रोजी-रोटी चली हुई है.
पत्रकारों को संबोधित करते हुए मछुआरा आफताब मोहम्मद ने कहा कि भाखड़ा बांध के कई विस्थापित परिवार इस व्यवसाय से जुड़े हैं. परंतु कुछ दिनों से जयराम सरकार गोविंद झील को भी निजी क्षेत्र में ऑनलाइन टेंडर करने की फिराक में है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करती है तो वह हाई कोर्ट जाने से भी परहेज नहीं करेंगे. अगर ऑनलाइन ई-टेंडर शुरू होता है तो बाहरी राज्यों के ठेकेदारों का राज इस गोविंद सागर झील पर हो जाएगा. जिसका वह विरोध हर स्तर पर करेंगे.
उन्होंने सरकार से मांग की है कि इस ऑनलाइन ई-टेंडर प्रक्रिया को हिमाचल में लागू नहीं किया जाए. अगर ऑनलाइन ई-टेंडर प्रक्रिया लागू होती है तो भाखड़ा विस्थापित समेत कई गरीब परिवारों के सामने रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो जाएगी. इस मौके पर वीरदिन, फारुख मोहम्मद, शमी खान, जफर खान, इकबाल मोहम्मद, मौजूद रहे.
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