बिलासपुर: अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य और श्री नैना देवी विधानसभा क्षेत्र से विधायक राम लाल ठाकुर ने बचत खातों में कम की गई ब्याज दरों को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी की वजह से लोगों के रोजगार छिन गए हैं, लेकिन सरकार ऐसे समय में लोगों के बचत खातों पर ब्याज की दरों को कम कर रही है, जो सही नहीं है.
श्री नैना देवी विधायक राम लाल ठाकुर ने बताया कि मई और जून के महीनों में बचत खातों की दरों में जो बदलाव किए गए हैं, उससे आम लोगों की स्थिति दयनीय हो गई है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने देश के वरिष्ठ नागरिकों को उनके फिक्स बचत खातों पर आठ प्रतिशत ब्याज देने की जो घोषणा की थी, वो अब झूठ साबित हो रही है.
रामलाल ठाकुर ने बताया कि देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने ही एक महीने में दूसरी बार फिक्स डिपॉजिट करने वाले ग्राहकों को झटका दिया है. बैंक ने सावधि जमा यानी फिक्स डिपॉजिट पर ब्याज दरों में 40 आधार अंकों की कटौती की है. उन्होंने कहा कि नई एफडी दरें 27 मई से शुरू कर दी गई थी. एसबीआई की वेबसाइट के मुताबिक बैंक ने 2 करोड़ या इससे अधिक की एफडी पर भी 50 बीपीएस तक की कटौती की है. इस श्रेणी के तहत एसबीआई ने प्रस्तावित ब्याज दर अधिकतम तीन प्रतिशत है, जबकि इस श्रेणी के तहत आने वाली नई दरें भी लागू कर दी गई हैं.
कांग्रेस विधायक ने कहा कि कांग्रेस सरकार के समय सामान्य बचत खातों पर 6 प्रतिशत फिक्स बचत खातों पर 9.25℅ ब्याज लोगों को मिलता था. उन्होंने कहा कि एसबीआई ने 12 मई को बीपीएस द्वारा 3 साल तक के कार्यकाल के लिए सावधि जमा पर ब्याज दरों में कटौती की थी और मार्च में एसबीआई ने एफडी पर ब्याज दरों को 20-50 बीपीएस से घटाकर 28 मार्च 2020 तक प्रभावी कर दिया है. उन्होंने कहा कि इससे पहले बैंक ने 10 मार्च को एफडी पर ब्याज दरों में कटौती की थी और ये दूसरी बड़ी कटौती थी.
विधायक रामलाल ठाकुर ने कहा कि बचत खाते पर भी ब्याज घट चुका है और ब्याज दरें वर्तमान ब्याज दर, संशोधित ब्याज दर के साथ प्रभावी हो चुकी हैं. उन्होंने कहा कि आमजन बैंकों में पैसा जमा इसलिए करते हैं, ताकि उनका भविष्य सुरक्षित रहे और भविष्य में आने वाली वित्तिय संकटों से न जुझना पड़े, लेकिन बैंकों की साख पर भी बट्टा लग रहा है और लोगों में भय और अविश्वास बढ़ता जा रहा है.
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