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कश्मीरी लड़कियों ने दिखाई अपनी संस्कृति की झलक, एक अलग दुनिया देखकर हुईं खुश!

जिन कश्मीरी लड़कियों को घरों से बाहर निकलने तक कि इजाजत नहीं, जिन्हें सोशल मीडिया, फेसबुक, वाट्सएप चलाने तक कि इजाजत नहीं है, वो लड़कियां बिलासपुर में चल रहे राष्ट्रीय प्रोग्राम में अपनी संस्कृती की झलक दिखा रही हैं.

कश्मीरी लड़कियों ने दिखाई अपनी संस्कृति की झलक
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Published : Mar 26, 2019, 11:26 PM IST

बिलासपुर: जिन कश्मीरी लड़कियों को घरों से बाहर निकलने तक कि इजाजत नहीं, जिन्हें सोशल मीडिया, फेसबुक, वाट्सएप चलाने तक कि इजाजत नहीं है, वो लड़कियां बिलासपुर में चल रहे राष्ट्रीय प्रोग्राम में अपनी संस्कृती की झलक दिखा रही हैं. यहां कुछ ऐसे युवा भी पहुंचे हैं जो की पहली बार कश्मीर से बाहर आए हैं.

kashmiri girl performance in bilaspur
कश्मीरी लड़कियों ने दिखाई अपनी संस्कृति की झलक

इन युवाओं का कहना है कि उन्हें नहीं पता था कि कश्मीर के बाहर की दुनिया ऐसी है. वो हैरान हैं कि यहां रात को 10 बजे भी लोग शांति से घूम रहे हैं. उनके वहां तो रात 8 बजे के बाद बाहर निकलना बंद हो जाता है.

इन लोगों का कहना है कि आज कश्मीर के संवेदनशील इलाकों में जो 80 फीसदी चूल्हे जल रहे हैं वो सिर्फ आर्मी की वजह से है. अगर आर्मी नहीं होती तो घाटी में लोगों का रहना तक मुश्किल हो जाता. युवाओं का कहना है कि अगर घाटी से आतंकवाद खत्म करना है तो रोजगार के अवसर देने होंगे और शिक्षा भी.

बिलासपुर: जिन कश्मीरी लड़कियों को घरों से बाहर निकलने तक कि इजाजत नहीं, जिन्हें सोशल मीडिया, फेसबुक, वाट्सएप चलाने तक कि इजाजत नहीं है, वो लड़कियां बिलासपुर में चल रहे राष्ट्रीय प्रोग्राम में अपनी संस्कृती की झलक दिखा रही हैं. यहां कुछ ऐसे युवा भी पहुंचे हैं जो की पहली बार कश्मीर से बाहर आए हैं.

kashmiri girl performance in bilaspur
कश्मीरी लड़कियों ने दिखाई अपनी संस्कृति की झलक

इन युवाओं का कहना है कि उन्हें नहीं पता था कि कश्मीर के बाहर की दुनिया ऐसी है. वो हैरान हैं कि यहां रात को 10 बजे भी लोग शांति से घूम रहे हैं. उनके वहां तो रात 8 बजे के बाद बाहर निकलना बंद हो जाता है.

इन लोगों का कहना है कि आज कश्मीर के संवेदनशील इलाकों में जो 80 फीसदी चूल्हे जल रहे हैं वो सिर्फ आर्मी की वजह से है. अगर आर्मी नहीं होती तो घाटी में लोगों का रहना तक मुश्किल हो जाता. युवाओं का कहना है कि अगर घाटी से आतंकवाद खत्म करना है तो रोजगार के अवसर देने होंगे और शिक्षा भी.


---------- Forwarded message ---------
From: bilaspur news <subhashh2@gmail.com>
Date: Tue, Mar 26, 2019, 10:20 PM
Subject: आतंकवाद के मुंह पर तमाचा है
To: <hpdesk@etvbharat.com>, <rajneeshkumar@etvbharat.com>


जिन कश्मीरी लड़कियों को घरों से बाहर निकलने तक कि इजाजत नहीं, जिन्हें सोशल मडिया, फेसबुक, वाट्सएप चलने तक कि इजाजत नही वो लडकिया बिलासपुर में चल रहे राष्ट्रीय प्रोग्राम में अपनी संस्कृती की दिख रही है। जो कि आतंकवाद के मुंह पर तमाचा है। 
कुछ तो ऐसे युवा भी यंहा पहुंचे है। जो पहली बार कश्मीर से बाहर आये है। इन युवाओं का कहना है कि उन्हें नही पता था कि कश्मीर का बाहर की दुनिया ऐसी है। वो हैरान है कि यंहा रात को 10 बजे भी लोग शांति से घूम रहै है। उनके वहाँ तो 8 बजे के बाद बाहर निकलना बन्द हो जाता है।
इन युवाओं का कहना है कि आज कश्मीर के संवेदनसील इलाको में जो 80 प्रतिसत चूल्हें जल रहे है वो सिर्फ आर्मी की वजह से, अगर आर्मी नही होती तो घाटी में लोगो का रहना तक मुश्किल हो जाता।
बिलासपुर पहुंचे कुछ युवा उड़ी ओर पुलवामा के भी थे।
जँहा आतंकी 2 बड़े हमले आर्मी पर कर चुके है।
करीब 15 युवा इन इलाकों से यंहा पहुँचे जो अपने आप मे बताता है कि अगर वँहा पर अमन ओर शन्ति हो तो वँहा का युवा किसी से कम नही।
नोकरी ओर रोजगार न होने से युवा आतंकवाद की ओर जा रहे है।
इनका तो ये भी कहना था कि आये दिन जब पाकिस्तान की ओर से गोला बारी होती है उनके मवेशी ओर लोगों की जाने भी जाति है।
कहने को तो बहुत कुछ है जी उन युवाओं से सुनने को मिला, लेकिन  ज्यादा ना बोल कर यही बोलूँगा की अगर घाटी से आतंकवाद खत्म करना है तो युवाओ को रोजगार के अवसर देबे होंगे, ओर शिक्षा भी।
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