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बिलासपुर में मनाया गया अंतरराष्ट्रीय ड्रग निवारण दिवस, खंड चिकित्सा अधिकारी ने बताए दुष्प्रभाव

सिविल अस्पताल घुमारवीं में शुक्रवार को खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. अभिनीत शर्मा की नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय ड्रग निवारण दिवस के मौके पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसी बीच उन्होंने नशीली दवाइयों और ड्रग से होने वाले दुष्प्रभाव के बारे में जानकारी दी गई.

International Drug Prevention Day
बिलासपुर में मनाया गया अंतरराष्ट्रीय ड्रग निवारण दिवस
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Published : Jun 26, 2020, 7:51 PM IST

बिलासपुर: सिविल अस्पताल घुमारवीं में खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. अभिनीत शर्मा की अध्यक्षता में अंतरराष्ट्रीय ड्रग निवारण दिवस मनाया गया. कार्यक्रम में चिकित्सा अधिकारियों के अलावा आशा कार्यकर्ता मौजूद रही.

खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. अभिनीत शर्मा ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय ड्रग निवारण दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नशीली दवाओं से छुटकारा पाना और समाज में शक्तिकरण लाना है. उन्होंने बताया कि युवा पीढ़ी नशे की चपेट ज्यादा आ रही है, इसलिए युवाओं को नशे से होने वाले दुष्प्रभाव के बारे में जागरूक करना है जरूरी है.

डॉ. अभिनीत शर्मा ने बताया कि आज लगभग 80 प्रतिशत युवा बीड़ी, सिगरेट, भांग , गुटखा, शराब, चिट्टा और दवाइयों के माध्यम से नशा करते हैं. ये शरीर के लिए हानिकारक होता है. उन्होंने बताया कि नशा करने से ह्रदय और यकृत रोग होते हैं. इसके साथ ही पित्ताशय, फेफड़ों, मुंह का कैंसर होने के साथ-साथ मस्तिष्क के रोग इन्सान के घेर लेते हैं.

खंड स्वास्थ्य शिक्षक सुरेश चन्देल ने बताया कि आजकल बहुत से युवा गोलियों और इंजेक्शन के माध्यम से नशा कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि नशा बहुत घातक होता है, क्योंकि गोलियों की अधिक मात्रा लेने से हार्ट अटैक हो सकता है और एक ही सिरिंज का प्रयोग करने से एचआईवी एड्स भी हो सकता है.

चन्देल ने बताया कि नशे का प्रयोग करने से बलात्कार, हत्या, आत्महत्या, चोरी जैसी घटनाएं बढ़ रही हैं. साथ ही उन्होंने आशा वर्कर्स को को अपने-अपने क्षेत्र में युवाओं और लोगों को नशीली दवाओं से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करने की सलाह दी है.

ये भी पढ़ें: नाहन में दो भाइयों ने निगला जहरीला पदार्थ, दोनों की मौत

बिलासपुर: सिविल अस्पताल घुमारवीं में खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. अभिनीत शर्मा की अध्यक्षता में अंतरराष्ट्रीय ड्रग निवारण दिवस मनाया गया. कार्यक्रम में चिकित्सा अधिकारियों के अलावा आशा कार्यकर्ता मौजूद रही.

खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. अभिनीत शर्मा ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय ड्रग निवारण दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नशीली दवाओं से छुटकारा पाना और समाज में शक्तिकरण लाना है. उन्होंने बताया कि युवा पीढ़ी नशे की चपेट ज्यादा आ रही है, इसलिए युवाओं को नशे से होने वाले दुष्प्रभाव के बारे में जागरूक करना है जरूरी है.

डॉ. अभिनीत शर्मा ने बताया कि आज लगभग 80 प्रतिशत युवा बीड़ी, सिगरेट, भांग , गुटखा, शराब, चिट्टा और दवाइयों के माध्यम से नशा करते हैं. ये शरीर के लिए हानिकारक होता है. उन्होंने बताया कि नशा करने से ह्रदय और यकृत रोग होते हैं. इसके साथ ही पित्ताशय, फेफड़ों, मुंह का कैंसर होने के साथ-साथ मस्तिष्क के रोग इन्सान के घेर लेते हैं.

खंड स्वास्थ्य शिक्षक सुरेश चन्देल ने बताया कि आजकल बहुत से युवा गोलियों और इंजेक्शन के माध्यम से नशा कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि नशा बहुत घातक होता है, क्योंकि गोलियों की अधिक मात्रा लेने से हार्ट अटैक हो सकता है और एक ही सिरिंज का प्रयोग करने से एचआईवी एड्स भी हो सकता है.

चन्देल ने बताया कि नशे का प्रयोग करने से बलात्कार, हत्या, आत्महत्या, चोरी जैसी घटनाएं बढ़ रही हैं. साथ ही उन्होंने आशा वर्कर्स को को अपने-अपने क्षेत्र में युवाओं और लोगों को नशीली दवाओं से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करने की सलाह दी है.

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