बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश बेरोजगार अध्यापक संघ की बिलासपुर में एक संयुक्त प्रेस वार्ता का आयोजन किया (Himachal Pradesh Unemployed Teachers Association) गाया. इस अवसर पर संघ के जिलाध्यक्ष बिलासपुर किशोरी लाल और अतिरिक्त महासचिव लेख राम, संगठन सचिव पुरुषोत्तम दत्त व प्रेस सचिव राजपाल ने कहा कि 554 कमीशन पास टी. जी. टी. और 200 भाषा अध्यापकों को एस. एम. सी. शिक्षकों के स्थान पर न भेजना माननीय सुप्रीम कोर्ट की अवमानना है.
शिक्षा सचिव हिमाचल प्रदेश सरकार ने 10-12-2019 को डायरेक्टर एलीमेंट्री एजुकेशन शिमला को लिखित निर्देश दिए थे कि 1541 एस.एम.सी. शिक्षकों के स्थान पर नियमित शिक्षक भेजे (Unemployed Teachers Association conference in Bilaspur) जाएं. डायरेक्टर एलीमेंट्री एजुकेशन शिमला सरकार के आदेशों की अनूपालना नहीं कर रहे हैं. अब सरकार एस.एम.सी. पॉलिसी में बदलाव लाकर 2555 एस.एम.सी. शिक्षकों को नियमित करने की बात कर रही है.
शिक्षा मंत्री द्वारा विधानसभा में दिया गया ब्यान सिद्ध करता है कि एस.एम.सी पॉलिसी में बदलाव लाना सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवमानना है. वर्तमान शिक्षा मंत्री विधानसभा में कह चुके हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने 2555 एस.एम.सी. शिक्षकों को नियमित करने के लिए नहीं (Himachal Pradesh Unemployed Teachers Association) कहा है. प्रदेश के लाखों बेरोजगार संवैधानिक हकों की रक्षा के लिए अपने अभिभावकों सहित सड़कों पर उतरने को मजबूर हो जाऐंगे जिसके लिए सरकार खुद जिम्मेदार होगी.
22 साल से नौकरी का इंतजार कर रहे हजारों बेरोजगार अध्यापकों का जीवन बर्बाद हो जाऐगा यदि नियमानुसार एस.एम.सी. शिक्षकों के स्थान पर नियमित शिक्षक नहीं भेजे गए. प्रतिभाशाली बेरोजगार अध्यापक 22 साल से रोजगार के लिए लाइन में लगे रहे और कुछ लोग सरकार के साथ मिलकर चोर दरवाजे से नौकरी ले (Unemployed Teachers Association conference in Bilaspur) गए. सभी शिक्षकों के भर्ती नियम संविधान की धारा 309 के अनुसार बनते हैं. भर्ती नियम सरकार बनाती है.
भर्ती नियमों के अनुसार नियमित शिक्षकों की भर्ती या तो कमीशन से हो सकती है या बैचवाइज प्रक्रिया के तहत हो सकती है. ज्ञात रहे 2001 से लेकर 2018 तक 15000 शिक्षकों की भर्तियां बिना कमीशन और बिना बैचवाइज कर दी गई. इस प्रकार भर्ती नियमों का उल्लंघन करके सरकार ने 15000 शिक्षकों की भर्तियों में लाखों बेरोजगारों से कमीशन और बैचवाइज भर्ती में बैठने का अधिकार छीन लिया (Himachal Pradesh Unemployed Teachers Association) है. यही नहीं सरकार ने बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए 17-7-2012 की नोटिफिकेशन में क्लॉज नं 9 और 10 का प्रावधान कर रखा है. इस नोटिफिकेशन का वर्णन सुप्रीम कोर्ट के फैसले में किया गया है.
इस नोटिफिकेशन की क्लाज नं 9 कहती है कि जैसे ही नियमित शिक्षक एस. एम. सी. शिक्षक के स्थान पर आएगा वैसे ही इस शिक्षक की सेवाएं अपने आप समाप्त हो जाएंगी. क्लाज नं 10 कहती है कि हर साल नया सिलेक्शन प्रोसेस होगा और पहले से तैनात एस.एम.सी. शिक्षक की सेवाओं में किसी भी सूरत में आगामी शैक्षणिक सत्र के लिए सेवा विस्तार नहीं दिया (Unemployed Teachers Association conference in Bilaspur) जाएगा. ऐसे में सरकार द्वारा क्लाज नं 9 और 10 को समाप्त करना माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवमानना होगी.
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