बिलासपुरः शिमला-बिलासपुर मार्ग पर जवाहर नवोदय विद्यालय और एम्स साइट के पास पहाड़ी से बड़े स्तर पर किए गए अवैज्ञानिक ढंग से खनन मामले में पुलिस ने कड़ा संज्ञान लिया है. पुलिस की ओर से माइनिंग एक्ट के तहत दो एफआईआर दर्ज करने के बाद अब खनन का मूल्यांकन भी करवाया जाएगा.
इस बाबत पुलिस प्रशासन की ओर से उद्योग निदेशालय शिमला को जियोलॉजिस्ट की टीम का गठन कर पहाड़ी से अवैध ढंग से हुए खनन का मूल्यांकन करने के लिए पत्र लिखा है. जानकारी के मुताबिक लंबे समय से एनएच किनारे पहाड़ी से अवैध खनन जारी है.
बताया जा रहा है कि बरसात में लैंडस्लाइड के दौरान जो मलबा गिरा है उसे उठाने के लिए काम शुरू किया गया था, लेकिन इसकी आड़ में अवैध ढंग से खनन का कार्य भी होता रहा. पुलिस ने इनकी शिकायतें मिलने के बाद जांच बिठा दी है.
पुलिस अधीक्षक दिवाकर शर्मा ने इस मामले में कड़ा संज्ञान लेते हुए सदर थाना पुलिस को तत्काल कार्रवाई के निर्देश जारी किए हैं. इस पर थाना सदर की एक टीम पहाड़ी से अवैज्ञानिक ढंग से किए जा रहे अवैध खनन का जायजा लेने पहुंची और इसकी रिपोर्ट उन्होंने पुलिस अधीक्षक को सौंपी.
इसके तहत खनन के जरिए निकाली गई 55 मीट्रिक टन के करीब रेत व बजरी बरामद की गई है. इस पर पुलिस ने माइन एंड मिनरल एक्ट 21 के तहत पहली एफआईआर दर्ज की, जबकि हाल ही में एक टिप्पर व जेसीबी मशीन की बरामदगी पर दूसरी एफआईआर की गई है.
पुलिस ने खनन माफिया तक पहुंचने के लिए जांच तेज कर दी है और एएसआई राकेश कुमार को जांच का जिम्मा सौंपा गया है. उधर, इस बारे में बिलासपुर के पुलिस अधीक्षक दिवाकर शर्मा ने बताया कि शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने कार्रवाई शुरू की और दो एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं. उन्होंने बताया कि पुलिस को इस मामले की जांच कर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं.
उन्होंने बताया कि सदर थाना पुलिस को निर्देश दिए गए हैं कि इस मामले में चाहे तीसरी या चैथी एफआईआर भी दर्ज करनी पड़े तो की जाए, लेकिन तह तक पहुंचकर आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाए.
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