बिलासपुरः हिमाचल में मत्स्यपालन क्षेत्र में बेरोजगारों के लिए स्वरोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से कलस्टर स्तर पर प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना पर काम शुरू किया गया है. इस योजना के तहत सभी जिलों से प्लान मांगे गए हैं.
सरकार का कहना है कि इस योजना को हरी झंडी मिलने के बाद प्रदेश के बेरोजगारों के लिए घरद्वार पर ही रोजगार के अवसर खुलेंगे. इसके तहत प्रदेश में जिलावार कलस्टर बनाए जाएंगे. समूहों में विभाजित लोगों को इस योजना का लाभार्थी बनाया जाएगा. फिश पौंड बनाने के साथ ही सीड और फीड तैयार करने के लिए सरकार की ओर से बाकायदा सब्सिडी भी दी जाएगी.
इस प्रोजेक्ट के लिए सरकार आरक्षित वर्ग व महिलाओं को 60 फीसदी और सामान्य वर्ग के लिए 40 फीसदी सब्सिडी देगी. बेरोजगार युवा मछली पालन के जरिए आर्थिक उन्नति की ओर बढ़ेंगे. इस योजना के लिए जिलास्तर पर उपायुक्तों की अध्यक्षता में कमेटियां बनाई गई हैं.
इनमें मत्स्य विभाग के डिप्टी डायरेक्टर मेंबर सेक्रेटरी व संबंधित विभागों कृषि, बागवानी, पशुपालन के अधिकारी सदस्य हैं. जिलास्तर पर प्लान तैयार कर कमेटी की ओर से अप्रूव होंगे और फिर इन्हें निदेशालय भेजा जाएगा. निदेशालय से आगे बजट स्वीकृति के लिए नेशनल फिशरीज डिवेल्पमेंट बोर्ड हैदराबाद भेजा जाएगा.
इस बारे में मत्स्य निदेशालय बिलासुर में कार्यरत निदेशक सतपाल मैहता ने बताया कि फिश फार्मिंग से जुड़कर बेरोजगार युवा अपना स्वरोजगार शुरू कर सकते हैं. प्रदेश में कार्प कलस्टर बनेंगे और स्वरोजगार शुरू करने वाले लोगों को बाकायदा सब्सिडी भी मिलेगी. इस परियोजना में कोल्ड चेन, एक नवाचार छोटी भूमि व कम लागत वाली प्रभावी तकनीक वायोफ्लॉक फिश फार्मिंग, पौंडकल्चर और रेजरवायर फिशरीज सहित अन्य नवीनतम तकनीकी आधारित योजनाओं पर काम किया जाएगा.
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