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बिलासपुर में टीबी का 'अटैक', एक ही महीने में 57 मरीज पाए गए पॉजीटिव

बिलासपुर में एक महीने के भीतर 57 टीबी के मामले सामने आए हैं. इन मामलों की पुष्टि प्रदेश सरकार द्वारा शुरू किए गए टीबी मुक्त अभियान के तहत लोगों के घर जाकर स्क्रीनिंग की जा रही है.

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Published : Oct 16, 2019, 11:56 AM IST

cases of tuberculosis reported in Bilaspur

बिलासपुर: हिमाचल को एक तरफ प्रदेश सरकार टीबी मुक्त बनाने में लगी हुई है. वहीं, पूरे हिमाचल में बिलासपुर एकमात्र ऐसा जिला है जहां एक महीने के भीतर 57 टीबी के मामले सामने आए हैं.

इन मामलों की पुष्टि तब हुई जब प्रदेश सरकार द्वारा शुरू किए गए टीबी मुक्त अभियान के तहत लोगों के घर द्वार जाकर स्क्रीनिंग की जा रही है. टीबी मुक्त अभियान के तहत 9 से 11 अक्टूबर तक बिलासपुर में आयुर्वेदिक विभाग के 120 चिकित्सक व चिकित्सकीय स्टाफ को विशेष ट्रेनिंग दी गई ताकि इस रोग का पता लगाया जा सके. इस दौरान बिलासपुर जिला में एक महीने में 57 मामलों की पुष्टि हुई है. एक साथ इतने मामले सामने आने पर स्वास्थ्य विभाग भी हैरान है.

वीडियो.

बता दें कि बिलासपुर में टीबी रोग की जांच के लिए पीएचसी, सीएचसी, सिविल अस्पताल और जिला अस्पताल में जांच केंद्र बनाए हैं. जांच के बाद यदि किसी व्यक्ति में टीबी के लक्षण पाए जाते हैं तो विभाग की ओर से मरीज का मुफ्त में इलाज किया जाता है. साथ ही सरकार की ओर से टीबी के मरीज को 500 रुपये पोषण के तौर पर सहायता राशि भी दी जाती है. तीन महीने के बाद मरीज की एक बार फिर जांच की जाती है. तीन महीने के बाद मरीज की हालत में कोई सुधार न होने पर मरीज को दी जा रही दवाइयों को बदला जाता है.

जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डॉ. जय गोपाल शर्मा ने बताया कि वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने विश्व से टीबी रोग को समाप्त करने के लिए 2025 का लक्ष्य रखा है. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस टारगेट को 2025 में पूरा करना चाहते है. वहीं, हिमाचल प्रदेश से टीबी रोग को भगाने के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने 2021 तक का समय रखा है. ऐसे में समय की कमी को देखते हुए प्रदेश में इस अभियान को और तेज कर दिया है.

बिलासपुर: हिमाचल को एक तरफ प्रदेश सरकार टीबी मुक्त बनाने में लगी हुई है. वहीं, पूरे हिमाचल में बिलासपुर एकमात्र ऐसा जिला है जहां एक महीने के भीतर 57 टीबी के मामले सामने आए हैं.

इन मामलों की पुष्टि तब हुई जब प्रदेश सरकार द्वारा शुरू किए गए टीबी मुक्त अभियान के तहत लोगों के घर द्वार जाकर स्क्रीनिंग की जा रही है. टीबी मुक्त अभियान के तहत 9 से 11 अक्टूबर तक बिलासपुर में आयुर्वेदिक विभाग के 120 चिकित्सक व चिकित्सकीय स्टाफ को विशेष ट्रेनिंग दी गई ताकि इस रोग का पता लगाया जा सके. इस दौरान बिलासपुर जिला में एक महीने में 57 मामलों की पुष्टि हुई है. एक साथ इतने मामले सामने आने पर स्वास्थ्य विभाग भी हैरान है.

वीडियो.

बता दें कि बिलासपुर में टीबी रोग की जांच के लिए पीएचसी, सीएचसी, सिविल अस्पताल और जिला अस्पताल में जांच केंद्र बनाए हैं. जांच के बाद यदि किसी व्यक्ति में टीबी के लक्षण पाए जाते हैं तो विभाग की ओर से मरीज का मुफ्त में इलाज किया जाता है. साथ ही सरकार की ओर से टीबी के मरीज को 500 रुपये पोषण के तौर पर सहायता राशि भी दी जाती है. तीन महीने के बाद मरीज की एक बार फिर जांच की जाती है. तीन महीने के बाद मरीज की हालत में कोई सुधार न होने पर मरीज को दी जा रही दवाइयों को बदला जाता है.

जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डॉ. जय गोपाल शर्मा ने बताया कि वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने विश्व से टीबी रोग को समाप्त करने के लिए 2025 का लक्ष्य रखा है. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस टारगेट को 2025 में पूरा करना चाहते है. वहीं, हिमाचल प्रदेश से टीबी रोग को भगाने के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने 2021 तक का समय रखा है. ऐसे में समय की कमी को देखते हुए प्रदेश में इस अभियान को और तेज कर दिया है.

Intro:
बिलासपुर में 57 मामले टीबी के सामने
एक माह के भीतर सामने आए मामले
डोर टू डोर स्क्रीनिंग करने के दौरान हुआ खुलासा

एक्सक्लूसिव स्टोरी....

हिमाचल को एक तरफ प्रदेश सरकार टीबी मुक्त बनाने में लगी हुई है, तो वही बिलासपुर जिला पूरे हिमाचल का एकमात्र ऐसा जिला उभरकर सामने आया है जहाँ पर एक माह के भीतर 57 मामले टीबी के सामने आए है। इन मामलों की पुष्टि तब हुई जब प्रदेश सरकार द्वारा शुरू किए गए टीबी मुक्त अभियान के तहत लोगो के घर द्वार जाकर स्क्रीनिंग की जा रही है। इस दौरान बिलासपुर जिला में एक माह के भीतर 57 मामलो की पुष्टि हुई है। जिससे स्वास्थ्य विभाग भी हैरान है कि एक माह के भीतर टीबी रोगियों का सामने आना आश्चर्जनक बात है।
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Body:बता दे कि बिलासपुर में टीवी रोग की जांच के लिए बकायदा पीएचसी, सीएचसी, सिविल अस्पताल, व जिला अस्पताल में जांच केंद्र बनाए गए हैं। जांच के बाद यदि किसी व्यक्ति में टीवी के लक्षण पाए जाते हैं तो विभाग की ओर से दवाइयों को शुरू कर दिया जाता है। यही, नही सरकार की ओर से टीबी रोग से ग्रसित मरीज को 500 रुपए पोषण के तौर पर सहायतार्थ दिए जाते है। उन्होंने बताया कि तीन महीने के बाद यह भी जांचा जाएगा कि दी गई दवाई का मरीज पर कितना असर हो रहा, यदि दवाई सही नही बैठ रही है तो इसे तुरंत बदलते का भी प्रावधान है। इसी आशय को लेकर 9 से 11 अक्टूबर तक बिलासपुर में आयुर्वेदिक विभाग के 120 चिकित्सक व चिकित्सकीय स्टाफ को विशेष ट्रेनिंग दी गई ताकि इस रोग का पता लगाया जा सके।

बॉक्स...
जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डॉ जय गोपाल शर्मा ने बताया कि डब्ल्यूएचओ यानी वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने विश्व से टीवी रोग को समाप्त करने के लिए 2025 का लक्ष्य रखा है। जबकि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस टारगेट को 2025 में पूरा करना चाहते है। वही, हिमाचल प्रदेश से टीबी रोग को भगाने के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने 2021 तक की डेडलाइन दी है। ऐसे में समय की कमी को देखते हुए प्रदेश में इस अभियान को और तेज कर दिया है।
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Conclusion:बाइट...
आयुर्वेदिक जिला अधिकारी जय गोपाल शर्मा ने कहा कि टीबी मुक्त अभियान के तहत यह मामले सामने आए है।
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