बिलासपुरः दी तलाई ग्राम सेवा सहकारी सभा में हुए घोटाले की जांच अब उच्च स्तर पर पहुंच गई है. करोड़ों रुपये के इस घोटाले से जुड़े सभी दस्तावेज ईडी यानि प्रवर्तन निदेशालय ने मंगवा लिए हैं.
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार बिलासपुर पुलिस से ईडी ने मामले की सारी फाइलें निदेशालय में मंगवाई हैं. ईडी ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तलाई सहकारी सभा से 90 प्रतिशत दस्तावेज अपने पास लेकर शिमला में तीन मुख्य आरोपियों के खिलाफ मनी लॉड्रिंग का मामला दर्ज कर दिया है.
इसके अलावा सभा में सभी प्रकार के वित्तीय मामलों की जांच शुरू कर दी गई है. सहायक पंजीयक सहकारी सभाएं बिलासपुर राकेश कुमार ने बताया कि मामले से जुड़े सभी दस्तावेज ईडी को सौंप दिए गए हैं.
वहीं, विभाग अपने स्तर पर इसकी कार्रवाई कर रहा है. साथ ही करीब 120 ऋणियों के खिलाफ मामले भी दर्ज किए गए हैं. सभा में हुए करोड़ों रुपये के घोटाले उजागर होने के बाद जहां थाना तलाई में धोखाधड़ी और जालसाजी करने पर दर्ज मामले की गहन छानबीन की जा चुकी है. वहीं, सभा के लगभग दस हजार सदस्यों को अपनी जमा पूंजी मिलने की उम्मीद जगी है.
ईडी ने सहकारी सभा तलाई से पत्र के माध्यम से गत वर्षों में गलत ढंग से दिए गए ऋण और उनकी ऋणियों की सूची मांगी है. सहकारी सभा ने पैसा किस आधार पर किस के माध्यम से कहां दिया है. जिला पुलिस प्रशासन ने ईडी को केस से जुड़े सारे दस्तावेज सौंप दिए हैं.
बता दें कि 14 मार्च 2019 को सभा के पहले ऑडिट से पता चला था कि सभा के सचिव की ओर से 32,71,90,269.50 करोड़ रुपये का गबन किया है. बाद यह बढ़कर 38 करोड़ हो गया. सचिव को पद से हटा दिया गया था. इसी मामले में 15 जुलाई को सचिव की गिरफ्तारी की गई थी.
वहीं, 10 सितंबर को तत्कालीन कमेटी समेत 13 ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जिन्हें सभा की ओर ऋण जारी किया जाता था और जो ऋण वापस नहीं करते थे.