बिलासपुरः पशुपालकों व किसानों के अपने मवेशियों के लिए अजोला फीड का प्रयोग करके अपने उत्पादन को बढ़ा सकते हैं. किसान व पशुपालक बाजार से आधे दामों पर कैटल फीड व जैव उर्वरक खुद तैयार कर पाएंगे. साथ ही इस फीड के इस्तेमाल से पशुओं में दूध उत्पादन भी बढ़ेगा. ये जानकारी कहलूर वायो रिसर्च सेंटर घुमारवी के वैज्ञानिक डॉ. अमित ठाकुर ने दी.
डॉ. अमित ठाकुर ने बताया कि अपनी टीम के साथ मिलकर रिसर्च सेण्टर में किसानों की मदद के लिए केआरबीसी अजोला स्टार्टर किट तैयार की है. जिससे किसानों व पशुपालकों को भारी मिलेगा. डॉ. अमित ने बताया कि स्वच्छ पर्यावरण के साथ-साथपशुधन के बेहतर विकास के लिए स्वस्थ एवंम पौष्टिक आहार प्रदान करना भी जरूरी है. देश के कुछ ही किसान अपने लाइव स्टॉक के लिए ऐसे फीड का उपयोग करते हैं क्योंकि वे बहुत महंगे हैं.
डॉ. अमित ठाकुर ने बताया कि अजोला एक प्रकार का फर्न है जो प्रोटीन 20-25 फीसदी जरूरी अमीनो एसिड, विटामिन, विटामिन ए, विटामिन बी 12 और बीटा कैरोटीन, कैल्शियम, लौह, फास्फोरस, पोटेशियम, तांबा, मैग्नीशियम जैसे मिनरल्स से भरपूर होता है. यह गुण अजोला को एक पूर्ण आहार के साथ-साथ एक पूर्ण जैविक उर्वरक भी बनाता है.
अजोला का उपयोग पशु चारे के रूप में भी किया जा सकता है. उन्होंने दावा किया कि अजोला पर आधारित कई शोध हुए हैं जिनसे साबित हुआ है कि अज़ोला दूध उत्पादन बढ़ाने में मदद करता है. इसे गाय, भैंस, खरगोश, मछली, बत्तख, सुअर आदि को खिलाने के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है.
डॉ. अमित ठाकुर ने बताया कि लैब में तैयार की गई इस अजोला स्टार्टर किट में शुद्ध अजोला बीज और इसकी खेती का मैनुअल दिया गया है. जिसमे इसकी खेती करने के तरीके के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है. जिससे किसानों के लिए बिना किसी उर्वरक के न्यूनतम लागत पर अजोला उगाना आसान होगा.
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