बिलासपुर: फॉरेस्ट इंडस्ट्री को सशक्त बनाने के लिए वन विभाग, हिमाचल में एक विशेष सर्वे करवा रहा है. एफएसआई व वन विभाग संयुक्त रूप से हिमाचल प्रदेश की प्राइवेट लैंड में लगे पेड़ों की गणना में लगा है. प्राइवेट लैंड में कितने पेड़ लगे हैं और कौन से पेड़ हैं, इसका सारा सर्वे किया जा रहा है. यह सर्वे हिमाचल प्रदेश के (Counting of trees on private land in Himachal) 12 जिलों में किया जा रहा है. जिसको लेकर टीमें सभी जिलों में तैनात की गई है. इसकी सारी विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने के बाद शिमला निदेशालय में भेजी जाएगी. जिसके बाद वन विभाग सरकार के साथ बातचीत करके फॉरेस्ट इंडस्ट्री के लिए एक पाॅलिसी बनाने की प्लानिंग कर रहा है.
खबर की पुष्टि करते हुए बिलासपुर डीएफओ अवनि राय भूषण ने (Bilaspur DFO Avni Rai Bhushan) बताया कि हिमाचल में फॉरेस्ट इंडस्ट्री काफी घाटे में चल रही है. बिरोजा हो या फिर अन्य फाॅरेस्ट प्लांटिंग इन सभी इंडस्ट्री को सशक्त किए जाने की तैयारी है. जिसके बाद इसका सारा विवरण तैयार करके इन इंडस्ट्री के लिए पाॅलिसी बनेगी. बिलासपुर जिले की बात करें तो यहां पर सर्वे चला हुआ है. टीमें पूरे जिला का सर्वे कर रही है. इसी के साथ शिमला, कांगड़ा, हमीरपुर, उना व चंबा में सर्वे जारी है.
जानकारी के अनुसार रिपोर्ट के आधार पर कई जिलों में लकड़ी से जुड़े उद्योगों के संचालन की अनुमति दी जाएगी. वर्ष 2013 में सर्वेक्षण के दौरान आरा मशीनें बंद कर दी गई थीं. निजी भूमि में पेड़ों की संख्या का पता लगाकर इन मशीनों को दोबारा से शुरू करने पर भी विचार हो सकता है. लकड़ी से जुड़े अन्य कई उद्योग हैं. इनके ऊपर इस सर्वेक्षण के बाद फैसला लिया जाएगा. वन परिक्षेत्र अधिकारी, बीट अफसर और वनरक्षकों को इस संदर्भ में एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया है.
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में 60 प्रतिशत भूमि वन विभाग के तहत आती है. ऐसे में वन भूमि पर लगे पेड़ों की संख्या व इसका सर्वे वन विभाग समय-समय पर करता आ रहा है. लेकिन हिमाचल प्रदेश में पहली बार निजी भूमि पर लगे पेड़ों का सर्वे शुरू हुआ है. डीएफओ बिलासपुर अवनि राय भूषण ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में पहली बार (Counting of trees on private land in Himachal) वन विभाग व एफएसआई की ओर से निजी भूमि पर लगे पेड़ों की गणना की जा रही है. फॉरेस्ट इंडस्ट्री को सशक्त करने के लिए एक पाॅलिसी बनाई जानी है. जिसके लिए यह सर्वे हो रहा है. बिलासपुर में भी यह सर्वे जारी है, यह सारी रिपोर्ट वन निदेशालय में भेजी जाएगी.
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