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जिला सुशासन सूचकांक में बिलासपुर को मिला पहला स्थान, डीसी ने दी बधाई

जिला सुशासन सूचकांक में बिलासपुर को पहला स्थान मिला है, जबकि मंडी ने दूसरा व हमीरपुर ने तीसरा स्थान हासिल किया है. जिला प्रशासन को सीएम जयराम ठाकुर ने 13 अगस्त को ये पुरुस्कार शिमला में मिला था.

bilaspur district got 1 rank in District Good Governance Index
उपायुक्त राजेश्वर गोयल
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Published : Aug 20, 2020, 11:37 AM IST

बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश डिस्ट्रिक्ट गुड गवर्नेंस इंडेक्स-2019 में बेहतरीन कार्य करने पर पूरे प्रदेश में बिलासपुर ने पहला स्थान प्राप्त किया है, जबकि मंडी ने दूसरा व हमीरपुर ने तीसरा स्थान हासिल किया है. जिला प्रशासन को ये पुरुस्कार शिमला में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा 13 अगस्त को दिया गया था. इसके साथ ही 50 लाख रुपये की राशि इनाम के तौर पर दी गई थी.

बता दें कि पिछली बार बिलासपुर 8वें रेंक पर था, लेकिन बड़ी छलांग लगाते हुए इस बार बिलासपुर को पहला स्थान हासिल हुआ है. हालांकि हर वर्ष जिलों में अर्थ एवं सांख्यिकी विभाग की ओर से तैयार की गई रिपोर्ट के आधार पर सुशासन सूचकांक की रैंकिंग की जाती है और ये पहला मौका है जब इनाम की राशि वितरित की गई है. पिछले साल चार अक्टूबर को अर्थ एवं सांख्यिकी विभाग द्वारा ये रिपोर्ट प्रशासन के माध्यम से आगे भेजी गई थी, जिससे सुशासन सूचकांक में बेहतरीन कार्य करने के लिए बिलासपुर जिला को प्रदेश में प्रथम पुरुस्कार से नवाजा गया है. खास बात ये है कि सात थीम्स आठ फोकस और 45 सूचांक के आंकलन के आधार पर 75 फीसदी अंकों के साथ ये पुरुस्कार जिला को हासिल हुआ है.

वीडियो

पहला पुरुस्कार प्राप्त करने वाले बिलासपुर के लिए अगले साल की चुनौती भी बढ़ गई है. दरअसल जिन मानकों के आधार पर जिला को ये पुरुस्कार प्राप्त हुआ है, उनमें से कुछ ऐसे भी प्वाइंट हैं, जिसमें नंबर वन पर आने के लिए मेहनत की जरूरत होगी, क्योंकि जो जिला रैंकिंग में पिछड़े हैं वो भी नंबर वन बनने के लिए जीतोड़ प्रयास करेंगे. ऐसे में अगले साल भी सभी प्वाइंट्स में नंबर वन आने और फिर से प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त करने के लिए उपायुक्त राजेश्वर गोयल ने तैयारियां शुरू कर दी हैं.

गौर रहे कि जिला गुड गवर्नेंस इंडेक्स 2019 में जिलों के आकंलन के लिए सात थीम को आधार बनाया गया है, जिसके तहत आवश्यक आधारभूत ढांचा, मानव विकास, सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास, अपराध एवं कानून व्यवस्था, पर्यावरण और पारदर्शिता व जबावदेही शामिल है. आवश्यक आधारभूत ढांचा में पानी, बिजली व मकान पर आधारित आंकलन शमिल है, जबकि मानव विकास में शिक्षा एवं स्वास्थ्य पर आधारित आंकलन शमिल है.

साथ ही सामाजिक सुरक्षा में सार्वजनिक वितरण प्रणाली और स्वरोजगार व सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता सहित अल्पसंख्यक पर आधारित आंकलन शमिल है. इसके अलावा महिला एवं बाल विकास में बच्चों एवं महिलाओं के विकास, अपराध एवं कानून व्यवस्था में हिंसक अपराध व अत्याचार पर आधारित आंकलन शमिल है. वहीं, पर्यावरण संरक्षण व वनों के विकास पर आधारित आंकलन शामिल है. पारदर्शिता एवं जबावदेही में ई-गवर्नेंस, मनरेगा व अन्य मसलों पर आधारित आंकलन को शामिल किया गया है.

उपायुक्त राजेश्वर गोयल ने बताया कि प्रदेश भर में प्रथम पुरुस्कार मिलना जिला के लिए बड़े ही गौरव की बात है और इसका श्रेय सभी विभागों के अधिकारी व कर्मचारियों सहित पूर्व में काम कर चुके अफसरों को जाता है. उन्होंने कहा कि प्रशासन का कार्य समय-समय पर सभी कार्यों की मॉनिटरिंग व प्रोग्रेस रिव्यू करना होता है, जोकि इस बार अच्छे ढंग से किया गया है.

ये भी पढ़ें: 5 दिन से लापता युवक का कोटरी जंगल में मिला शव, जांच में जुटी पुलिस

बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश डिस्ट्रिक्ट गुड गवर्नेंस इंडेक्स-2019 में बेहतरीन कार्य करने पर पूरे प्रदेश में बिलासपुर ने पहला स्थान प्राप्त किया है, जबकि मंडी ने दूसरा व हमीरपुर ने तीसरा स्थान हासिल किया है. जिला प्रशासन को ये पुरुस्कार शिमला में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा 13 अगस्त को दिया गया था. इसके साथ ही 50 लाख रुपये की राशि इनाम के तौर पर दी गई थी.

बता दें कि पिछली बार बिलासपुर 8वें रेंक पर था, लेकिन बड़ी छलांग लगाते हुए इस बार बिलासपुर को पहला स्थान हासिल हुआ है. हालांकि हर वर्ष जिलों में अर्थ एवं सांख्यिकी विभाग की ओर से तैयार की गई रिपोर्ट के आधार पर सुशासन सूचकांक की रैंकिंग की जाती है और ये पहला मौका है जब इनाम की राशि वितरित की गई है. पिछले साल चार अक्टूबर को अर्थ एवं सांख्यिकी विभाग द्वारा ये रिपोर्ट प्रशासन के माध्यम से आगे भेजी गई थी, जिससे सुशासन सूचकांक में बेहतरीन कार्य करने के लिए बिलासपुर जिला को प्रदेश में प्रथम पुरुस्कार से नवाजा गया है. खास बात ये है कि सात थीम्स आठ फोकस और 45 सूचांक के आंकलन के आधार पर 75 फीसदी अंकों के साथ ये पुरुस्कार जिला को हासिल हुआ है.

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पहला पुरुस्कार प्राप्त करने वाले बिलासपुर के लिए अगले साल की चुनौती भी बढ़ गई है. दरअसल जिन मानकों के आधार पर जिला को ये पुरुस्कार प्राप्त हुआ है, उनमें से कुछ ऐसे भी प्वाइंट हैं, जिसमें नंबर वन पर आने के लिए मेहनत की जरूरत होगी, क्योंकि जो जिला रैंकिंग में पिछड़े हैं वो भी नंबर वन बनने के लिए जीतोड़ प्रयास करेंगे. ऐसे में अगले साल भी सभी प्वाइंट्स में नंबर वन आने और फिर से प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त करने के लिए उपायुक्त राजेश्वर गोयल ने तैयारियां शुरू कर दी हैं.

गौर रहे कि जिला गुड गवर्नेंस इंडेक्स 2019 में जिलों के आकंलन के लिए सात थीम को आधार बनाया गया है, जिसके तहत आवश्यक आधारभूत ढांचा, मानव विकास, सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास, अपराध एवं कानून व्यवस्था, पर्यावरण और पारदर्शिता व जबावदेही शामिल है. आवश्यक आधारभूत ढांचा में पानी, बिजली व मकान पर आधारित आंकलन शमिल है, जबकि मानव विकास में शिक्षा एवं स्वास्थ्य पर आधारित आंकलन शमिल है.

साथ ही सामाजिक सुरक्षा में सार्वजनिक वितरण प्रणाली और स्वरोजगार व सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता सहित अल्पसंख्यक पर आधारित आंकलन शमिल है. इसके अलावा महिला एवं बाल विकास में बच्चों एवं महिलाओं के विकास, अपराध एवं कानून व्यवस्था में हिंसक अपराध व अत्याचार पर आधारित आंकलन शमिल है. वहीं, पर्यावरण संरक्षण व वनों के विकास पर आधारित आंकलन शामिल है. पारदर्शिता एवं जबावदेही में ई-गवर्नेंस, मनरेगा व अन्य मसलों पर आधारित आंकलन को शामिल किया गया है.

उपायुक्त राजेश्वर गोयल ने बताया कि प्रदेश भर में प्रथम पुरुस्कार मिलना जिला के लिए बड़े ही गौरव की बात है और इसका श्रेय सभी विभागों के अधिकारी व कर्मचारियों सहित पूर्व में काम कर चुके अफसरों को जाता है. उन्होंने कहा कि प्रशासन का कार्य समय-समय पर सभी कार्यों की मॉनिटरिंग व प्रोग्रेस रिव्यू करना होता है, जोकि इस बार अच्छे ढंग से किया गया है.

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