बिलासपुरः जिला बिलासपुर की सदर तहसील की जुखाला पंचायत के नलवाड़ कोटलु गांव की बबीता कुमारी ने सब्जियों की खेती को अपनी आर्थिकी का आधार बनाया है. उनके पास 24 बीघा कृषि भूमि है, जिससे 6 बीघा भूमि पर बबीता कुमारी सब्जियां उगा रही हैं. उनके खेतों में खीरा, टमाटर, गोभी, लहसुन, वेल वाली फसलें और हरी पत्तीदार सब्जियां उगाई जा रही है.
इस योजना से मिल रहा लाभ
बबीता सहित कई किसानों की जिंदगी में यह बदलाव हिमाचल फसल विविधीकरण प्रोत्साहन योजना (जाइका) के तहत गांव नलवाड़ में चलाई गई उप-योजना आ रहा है. सिंचाई के पानी से यहां के किसानों की अर्थिकी सुदृढ़ हो रही है. यह उप-योजना साल 2017 में तैयार कर गांव के किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाया गया है. जिससे गांव के 51 परिवार लाभान्वित हुए हैं.
बनाए गए पॉलीहाउस
इसके अतिरिक्त किसानों की सुविधा के लिए 105 वर्ग मीटर के पॉलीहाउस भी बनाए गए हैं, जिससे किसानों को सब्जियों की अगेती पौध तैयार करने में मदद मिलती है. जायका परियोजना के तहत किसानों को पावर टिलर उन्नत किस्म के बीज, खाद व कृषि उपकरणों के अलावा विभिन्न प्रकार की जानकारी समय-समय पर दी जा रही है.
खेती को अपनी बनाया आर्थिक आधार
बबीता कुमारी भी लाभान्वित परिवारों में से एक प्रगतिशील किसान हैं. परियोजना के अधिकारियों द्वारा लगाए गए विभिन्न प्रशिक्षण व कार्यशालाओं में उन्होंने हिस्सा लिया, जिससे प्रेरित होकर उन्होंने सब्जियों की खेती को अपनी आर्थिकी का आधार बनाया. पहले वह अन्य किसानों की तरह परम्परागत खेती करती थी. इससे उनकी आय सब्जी उत्पादन के मुकाबले बहुत कम थी.
रबी और खरीफ दोनों सीजन में हुआ फायदा
बबीता कुमारी ने रबी सीजन 2019-20 में आधुनिक तरीके से गोभी, चुकदंर, ब्रोकली, लहुसन, पालक, धानिया, मटर की खेती 5 बीघा जमीन में की, जिसके साकारात्मक परिणाम सामने आए और उन्होंने कुल 1 लाख 5 हजार 645 रुपये की आय अर्जित की और खरीफ सीजन 2020 में 6 बीघा क्षेत्र में खीरा, बैंगन, घीया, करेला, टमाटर, हरी मिर्च का उत्पादन किया जिससे उन्हें कुल 1 लाख 93 हजार रुपये की आय मिली है.
उन्हें सब्जियों के उत्पादन से एक साल में लगभग 2 लाख 98 हजार 645 रुपये की आय हुई. बबीता कुमारी ने लॉकडाउन के दौरान केवल खीरे से रूपये 1 लाख 15 हजार का मुनाफा कमाया, जिससे उन्होंने अपने इलाके में एक मिसाल कायम की. इस बार बबीता कुमारी ने लगभग 6 बीघा जमीन में लहसुन, गोभी, प्याज, चुकंदर, आलू, पालक व धनिया इत्यादि लगाए हैं. उनकी इस लगन को देखकर गांव के लोग भी उनसे प्रेरित हो रहे हैं.
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