बिलासपुरः जिला बिलासपुर में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलेंद्र कश्यप द्वारा बीते रोज भाजपा में शामिल होने के बाद कांग्रेस पार्टी न सिर्फ बैकफुट पर आ चुकी है बल्कि भीतर से भी टूट चुकी है. ऐसे में पार्टी की साख दांव पर लग गई है. नगर निकाय चुनावों में इस प्रकार का विघटन कांग्रेस के लिए घातक साबित हो रहा है.
हालांकि कांग्रेस के नेता इस बात पर मंथन करने की सोच रहे हैं, लेकिन समय को देखते हुए यह मंथन नगर निकाय चुनावों में कांग्रेस मंहगा पड़ सकता है. जिला के नेतृत्व पर सवाल खड़े कर रहे इन कांग्रेस के नेताओं ने रविवार को बाकायदा एक पत्रकारवार्ता का आयोजन कर संगठन को एक कायदे से चलाने के लिए योग्य व वरिष्ठ लोगों को विश्वास में लेने की बात कही और प्रदेश व राष्ट्रीय नेतृत्व से मांग उठाई कि समय रहते पार्टी में छिपी काली भेड़ों को बाहर का रास्ता दिखाया जाए अन्यथा आने वाला समय कांग्रेस के लिए और खराब हो सकता है.
प्रेसवार्ता में शामिल पूर्व विधायक डाॅ. बाबू राम गौतम, पूर्व विधायक तिलक राज शर्मा, दो बार नप अध्यक्ष रह चुकी सोमा देवी, पूर्व जिला पार्षद राजेंद्र ठाकुर, कांग्रेस महासचिव संदीप सांख्यान सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं ने एक स्वर में पार्टी नेतृत्व पर सवालिया निशान लगाए हैं.
'पार्टी में चल रही दबाव की राजनीति'
उन्होंने कहा कि कमलेंद्र कश्यप जैसे पार्षद और पार्टी को सींचने वाले कर्मठ नेता का भाजपा में जाना सहज नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी में दबाव की राजनीति चल रही है. सभी वक्ताओं ने कहा कि पार्टी में उन लोगों को तवज्जों दी गई जो या तो कांग्रेस पार्टी के सक्रिय सदस्य ही नहीं हैं या दूसरे धड़े के हैं.
'कुछ और भी नेता कह सकते पार्टी को अलविदा'
पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों को कोई भी निर्णय लेने से पूर्व विश्वास में नहीं लिया जाता और यही कारण है कि कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता अब नया आशियाना तलाश रहे हैं. इन्होंने कहा कि अभी और 15 से 20 लोग कांग्रेस को अलविदा कहने की तैयारी में है.
जिला पार्टी नेतृत्व पर खड़े किए सवाल
उन्होंने कहा कि नगर परिषद बिलासपुर में सदैव कांग्रेस का वर्चस्व रहा है, लेकिन इस बार ऐसे व्यक्ति को नप चुनावों में कांग्रेस के टिकट आवंटन के लिए कमेटी का चेयरमैन बनाया जो न तो सदर विधानसभा क्षेत्र का है और न ही जिला कांग्रेस कमेेटी में उसका कोई औहदा है. यही नहीं ब्लाॅक कांग्रेस अध्यक्ष पद पर भी वरिष्ठ कांग्रेसियों ने सवाल खड़े किए.
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि इस बात की शिकायत उन्होंने राष्ट्रीय स्तर से लेकर प्रदेश प्रभारी और संसदीय प्रभारी तक की लेकिन कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई. जिसके नतीजे अब सामने आ रहे हैं.
'वरिष्ठ नेताओं को किया दरकिनार'
पूर्व विधायक तिलक राज शर्मा ने कहा कि पूरा शहर कांग्रेस समर्थित है और कांग्रेस में ही ऐसा चेहरा है जो स्वयं को सर्वोपरि मानता है और एकछत्र राज चाहता है. इसी नेता द्वारा कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को दरकिनार किया गया है, लेकिन कांग्रेस में यह सब संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की कार्यकारिणी में भी निष्क्रिय लोग थोपे गए हैं.
पूर्व जिला पार्षद राजेंद्र ठाकुर ने कहा कि कमलेंद्र कश्यप के पार्टी छोड़ने को लेकर विचार होना चाहिए और अयोग्य लोगों को पद मुक्त कर कांग्रेस के सच्चे सिपाहियों को महत्व दिया जाना चाहिए.
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