बिलासपुरः गर्मियों का मौसम शुरु हो चुका है और इसके बाद बरसात का मौसम शुरु होगा जिसमें मलेरिया रोग के फैलने की संभावना बढ़ जाती है. बिलासपुर में मलेरिया के प्रति जागरुकता को लेकर जिला स्तरीय व खंड स्तर पर 'मलेरिया दिवस' मनाया गया. इस दौरान स्वास्थ्यकर्मियों और आशा कार्यकर्ताओं ने घर-घर के दौरे के दौरान कोविड-19 के साथ ही मलेरिया रोग के बारे में जागरुक किया.
मुख्य चिकित्सा अधिकारी बिलासपुर डॉ. प्रकाश दरोच ने बताया कि कोरोना वायरस की वजह से लोगों को एक समूह में नहीं बुलाया जा सकता. इसीलिए सरकार के आदेशों के अनुसार लोगों को प्रिंटेड मेटिरियल व प्रेस के माध्यम से जागरुक किया जा रहा है.
ये हैं मलेरिया के लक्ष्ण
डॉ. प्रकाश दरोच ने कहा कि मलेरिया एक तेज बुखार वाली बीमारी है जो संक्रमित मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से होता है. उन्होंने मलेरिया के लक्ष्णों की जानकारी देते हुए बताया कि मलेरिया की तीन अवस्थाएं हैं.
जिसमें शीत वाली अवस्था में तेज सर्दी, शरीर में कंपकंपी और सिर में दर्द और खूब कपड़े ओढ़ना पड़ते हैं. वहीं, गर्मी वाली अवस्था में तेज बुखार, ओढ़े व पहने हुए कपड़े उतार फेंकना और तीसरी पसीने वाली अवस्था में अधिक पसीने के साथ बुखार व कमजोरी महसूस होती है.
मलेरिया की निशुल्क होती है जांच
उन्होंने बताया कि मलेरिया के लिए खून की जांच व उपचार निशुल्क किए जाते हैं. सभी प्रभावित लोगों को इन सेवाओं का लाभ उठा कर निरोग हो जाना चाहिए ताकि मलेरिया फैलने पर रोक लगाई जा सके. उन्होंने बताया कि मलेरिया फैलाने के लिए मच्छर जिम्मेदार है इसलिए मच्छरों पर पर नियन्त्रण पाना जरूरी है.
ठहरे हुए पानी में अंडे देते हैं मादा मच्छर
उन्होंने बताया कि मादा मच्छर हमेशा ठहरे हुए पानी में अंडे देते हैं. इसलिए खुले तौर पर कभी भी पानी जमा न होने दें, जहां कहीं पानी स्टोर किया जाए, उसे भली प्रकार ढक कर रखें ताकि मच्छर प्रवेश न कर सके, घरों के आस-पास नालियों की सफाई बनाए रखें ताकि पानी का ठहराव संभव न हो.
ऐसे करें बचाव
सप्ताह में एक बार सूखा दिवस मनाएं, कूलरों, गमलों, और डिब्बों का पानी निकाल कर इन्हें सूखा दें. सोते समय कीटनाशक से उपचारित मच्छरदानी का प्रयोग करें. घर के दरवाजों और खिडकियों में जालीदार पल्ले लगवाएं. शरीर के नंगे भागों जैसे हाथ, पैर, मुहं पर मच्छर भगाने वाली क्रीम का प्रयोग करें. पूरे शरीर को ढकने वाले कपडे़ पहने, गर्भवती महिलाओं और बच्चों को विशेषकर मच्छरों से बचाना चाहिए.
उन्होंने बताया कि मलेरिया रोगी का मूल उपचार अगर न किया जाए तो उसका बुखार उतर जाने पर भी मलेरिया परजीवी शरीर में समाए रहते हैं. शरीर धीरे-धीरे कमजोर होता जाता है. उन्होंने बताया कि बुखार आने पर मलेरिया के लिए खून की जांच जरूर करवाएं.
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