बिलासपुर: जिला में पर्यटन निखार के मकसद से अली खड्ड पर प्रस्ताविक आर्टिफिशियल लेक यानि कृत्रिम झील अब केंद्रीय प्रायोजित होगी. झील का निर्माण कार्य प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत करवाए जाने का निर्णय लिया गया है, जिसके लिए प्रस्ताव तैयार कर केंद्र की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा. इस झील के बन जाने से वाटर स्पोर्ट्स एक्टिविटीज साल भर आयोजित किया जा सकेगा और क्षेत्र की आठ ग्राम पंचायतों की हजारों की आबादी को सिंचाई सुविधा का भी लाभ मिल सकेगा.
वाटर स्पोर्ट्स एक्टिविटीज का पूरा साल होगा आयोजन
प्राप्त जानकारी के अनुसार कंसलटेंट द्वारा तैयार की गई योजना के अनुसार बांध की लंबाई लगभग 200 मीटर, जबकि ऊंचाई 20 मीटर होगी. बांध के निर्माण से कृत्रिम झील के अस्तित्व में आने पर जहां क्षेत्र की 8 पंचायतों को सिंचाई व पेयजल की सुविधा मिलेगी. वहीं, बिलासपुर में वाटर स्पोर्ट्स एक्टिविटीज का आयोजन भी पूरा साल हो सकेगा. कृत्रिम झील की डीपीआर बनाने वाले कंसलटेंट, जलशक्ति विभाग और पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन तथा पर्यटन विभाग के अधिकारियों के साथ बांध के निर्माण स्थल का जायजा भी लिया है.
गर्मियों के समय गोविंद सागर का जलस्तर हो जाता है नीचे
वाटर स्पोर्ट्स एक्टिविटीज के आयोजन के लिए यह पूरी तरह से अनुकूल है, लेकिन इसका जलस्तर पूरा साल एक जैसा नहीं रहता. गर्मियों में टूरिस्ट सीजन के दौरान गोविंद सागर का जलस्तर नीचे चला जाता है. जलस्तर कम होने के कारण यह जलाशय उन्हें आकर्षित नहीं कर पाता.
पर्यटन की दृष्टि से होगा विकसित
बता दें कि बांध बनने से अस्तित्व में आनी वाली झील पूरा साल पानी से लबालब भरी होगी. इससे क्षेत्र पर्यटन की दृष्टि से विकसित होगा, जिससे युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे. वहीं, झील बनने से क्षेत्र की 8 पंचायतों को पेयजल व सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होगी. मत्स्य पालन के लिए भी यह झील मददगार साबित होगी. इसी को ध्यान में रखते हुए उन्होंने इस प्रोजेक्ट को विधायक प्राथमिकता में डाला है. इसे जल्द से जल्द अमलीजामा पहनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी.
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