टोरंटो : नए रिसर्च में पता चला है कि कोविड महामारी के दौरान स्टार्टअप कर्मचारी बड़ी और अधिक एस्टेब्लिश कंपनियों में चले गए है. निजी और उद्यमशील कंपनियों के लिए सबसे बड़े ऑनलाइन भर्ती मंच, एंजेललिस्ट टैलेंट (angellist talent) (जिसे अब वेलफाउंड कहा जाता है) के लगभग 1 लाख 80 हजार उपयोगकर्ताओं के डेटा खंगालने पर पाया गया कि नौकरी तलाशने वालों ने शुरुआती चरण की कंपनियों से मुंह मोड़कर बड़ी और एस्टेब्लिश कंपनियों की ओर रुख किया है.
टोरंटो विश्वविद्यालय के रोटमैन स्कूल ऑफ मैनेजमेंट में वित्त के सहायक प्रोफेसर टिंग जू ने कहा, यह इसका दस्तावेजीकरण करने वाला पहला अध्ययन है. हार्वर्ड बिजनेस स्कूल के शाई बर्नस्टीन और कैलिफोर्निया सैन डिएगो विश्वविद्यालय के रिचर्ड आर टाउनसेंड के साथ अध्ययन करने वाले जू ने कहा कि हमारे नतीजे बताते हैं कि मजबूत वित्तपोषण बाजार (strong financing markets) के बावजूद स्टार्टअप्स को कोविड-19 मंदी में संघर्ष क्यों करना पड़ा. उन्होंने पाया कि, पहले की अवधि की तुलना में, जब अमेरिका ने महामारी पर राष्ट्रीय आपातकाल की स्थिति घोषित की थी, तब नौकरी चाहने वालों की 500 से अधिक कर्मचारियों वाली कंपनियों में काम की तलाश करने की संभावना 20 प्रतिशत अधिक थी.
कंपनियां आईटी, मीडिया, ई-कॉमर्स, स्वास्थ्य सेवा और व्यावसायिक सेवाओं जैसे क्षेत्रों में केंद्रित थीं. नौकरी चाहने वालों की उन कंपनियों की खोज करने की अधिक संभावना थी, जो उस समय उनके रोजगार से बड़ी थीं. आवेदन चरण में सामान्य रुझान नहीं बदले. जिन कंपनियों में श्रमिकों ने आवेदन किया था, उनका औसत आकार आठ प्रतिशत बढ़ गया और कंपनियों के धन जुटाने के बाद के चरण में होने की संभावना 16 प्रतिशत अधिक थी. जू ने कहा कि समग्र प्रवृत्ति उच्च-कुशल, बेहतर-शिक्षित नौकरी चाहने वालों द्वारा संचालित थी, जो कोई छोटी बात नहीं है.
उन्होंने कहा आगे कहा कि दृढ़ सफलता के लिए न केवल प्रतिभा की मात्रा मायने रखती है, बल्कि उसकी गुणवत्ता भी मायने रखती है. यदि बदलाव उच्च-गुणवत्ता वाले उम्मीदवारों के बीच केंद्रित है, तो इसका मतलब है कि स्टार्टअप न केवल किसी प्रतिभा तक पहुंच खो रहे हैं, बल्कि सर्वश्रेष्ठ प्रतिभा तक पहुंच खो रहे हैं, जो उनकी सफलता के लिए महत्वपूर्ण हैं. न केवल छोटे, प्रारंभिक चरण के स्टार्टअप के लिए आवेदनों में 20 प्रतिशत की गिरावट आई, शोधकर्ताओं ने पाया कि ये कंपनियां उन आवेदनों के प्रति कम प्रतिक्रियाशील हो गईं, जो उन्हें मिलीं और उनमें नियुक्ति की संभावना भी कम थी. पेपर को द रिव्यू ऑफ फाइनेंशियल स्टडीज में प्रकाशन के लिए स्वीकार कर लिया गया है.