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RBI MPC on Ombudsman Scheme : बैंकों से जुड़ी समस्याओं का होगा समाधान, ओम्बड्समैन स्कीम में बदलाव का हुआ फैसला - आरबीआई ओम्बड्समैन स्कीम

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बैंकों से जुड़ी समस्या पर भी संज्ञान लिया. उन्होंने कहा कि बैंकिंग क्षेत्र में आम लोगों को होने वाली परेशानियों को दूर करने के लिए और उनकी शिकायतों पर काम करने की प्रक्रिया को आसान बनाई जा रही है. पढ़ें पूरी खबर...

RBI MPC Meeting
आरबीआई
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 6, 2023, 12:33 PM IST

Updated : Oct 6, 2023, 12:41 PM IST

नई दिल्ली: आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में एमपीसी की बैठक में बैंकों और एनबीएफसी समेत वित्तीय संस्थानों में ग्राहकों की शिकायत को दूर करने की प्रक्रिया और आसान बनाने के लिए जरूरी बदलाव किया है. RBI ने अपने फैसले में समग्र 2023-24 विकास और मुद्रास्फीति पूर्वानुमान को अपरिवर्तित रखा है. बैंकों से जुड़े कामों को करने के लिए लोगों को कई बार समस्याओं का सामना करना पड़ता है या किसी भी वित्तीय संस्थानों में कई तरह के दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

इसके समाधान के लिए आरबीआई ने एमपीसी बैठक के दौरान निर्णय लिया है. रिजर्व बैंक ने ग्राहकों की शिकायत दूर करने की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए ऐलान किया है. इस ऐलान के बाद बैंकों और वित्तीय संस्थानों से जुड़ी परेशानियों से छुटकारा मिलेगा. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास रेपो दर में कोई बदलाव नहीं करते हुए, उसे 6.5 फीसदी बरकरार रखा है.

इसके साथ ही उन्होंने जानकारी दी कि एमपीसी ने आम लोगों को बैंकिंग में होने वाली दिक्कतों पर भी एक्शन लिया है. बैंकिंग क्षेत्र में आम लोगों को होने वाली परेशानियों को दूर करने के लिए और उनकी शिकायतों पर काम करने की प्रक्रिया को आसान बनाई जा रही है.

सभी के लिए समान हो जाएगा ओम्बड्समैन स्कीम
इसके साथ ही मौजूदा व्यवस्था में इंटरनल ओम्बड्समैन स्कीम की प्रक्रिया सभी तरह से वित्तीय संस्थानों में एक समान नहीं थी. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि फिलहाल बैंकों, एनबीएफसी, पीपीआई, सीआईसी आदि के लिए इंटरनल ओम्बड्समैन फ्रेमवर्क के गाइडलाइंस अलग-अलग है. अब फैसला लिया गया है कि गाइडलाइंस को हर तरह के वित्तीय संस्थानों के लिए समान बनाया जाएगा. यह बैंकिंग सिस्टम में रेगुलेटेड एंटिटीज में ग्राहकों की शिकायतों को दूर करने की व्यवस्था को मजबूत बनाएगा.

ये भी पढ़ें- RBI Repo Rate remain Unchanged: अगले साल मार्च तक महंगाई से नहीं मिलेगी राहत, RBI ने जताया डर

नई दिल्ली: आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में एमपीसी की बैठक में बैंकों और एनबीएफसी समेत वित्तीय संस्थानों में ग्राहकों की शिकायत को दूर करने की प्रक्रिया और आसान बनाने के लिए जरूरी बदलाव किया है. RBI ने अपने फैसले में समग्र 2023-24 विकास और मुद्रास्फीति पूर्वानुमान को अपरिवर्तित रखा है. बैंकों से जुड़े कामों को करने के लिए लोगों को कई बार समस्याओं का सामना करना पड़ता है या किसी भी वित्तीय संस्थानों में कई तरह के दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

इसके समाधान के लिए आरबीआई ने एमपीसी बैठक के दौरान निर्णय लिया है. रिजर्व बैंक ने ग्राहकों की शिकायत दूर करने की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए ऐलान किया है. इस ऐलान के बाद बैंकों और वित्तीय संस्थानों से जुड़ी परेशानियों से छुटकारा मिलेगा. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास रेपो दर में कोई बदलाव नहीं करते हुए, उसे 6.5 फीसदी बरकरार रखा है.

इसके साथ ही उन्होंने जानकारी दी कि एमपीसी ने आम लोगों को बैंकिंग में होने वाली दिक्कतों पर भी एक्शन लिया है. बैंकिंग क्षेत्र में आम लोगों को होने वाली परेशानियों को दूर करने के लिए और उनकी शिकायतों पर काम करने की प्रक्रिया को आसान बनाई जा रही है.

सभी के लिए समान हो जाएगा ओम्बड्समैन स्कीम
इसके साथ ही मौजूदा व्यवस्था में इंटरनल ओम्बड्समैन स्कीम की प्रक्रिया सभी तरह से वित्तीय संस्थानों में एक समान नहीं थी. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि फिलहाल बैंकों, एनबीएफसी, पीपीआई, सीआईसी आदि के लिए इंटरनल ओम्बड्समैन फ्रेमवर्क के गाइडलाइंस अलग-अलग है. अब फैसला लिया गया है कि गाइडलाइंस को हर तरह के वित्तीय संस्थानों के लिए समान बनाया जाएगा. यह बैंकिंग सिस्टम में रेगुलेटेड एंटिटीज में ग्राहकों की शिकायतों को दूर करने की व्यवस्था को मजबूत बनाएगा.

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Last Updated : Oct 6, 2023, 12:41 PM IST
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