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बजट में सीएम के गृह जिला पर खूब बरसा प्यार, औद्योगिक विकास की रही कमी - सीएम जयराम ठाकुर

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Published : Feb 9, 2019, 7:50 PM IST

2019-02-09 18:46:27

दूसरे बजट में CM जयराम के गृह जिले को एक साथ मिले कई तोहफे, हर वर्ग पर पर दिया खास ध्यान

बजट पर प्रतिक्रिया

मंडी: लोकसभा चुनाव से पहले जयराम सरकार के दूसरे बजट में सीएम जयराम ठाकुर के गृह जिले को एक साथ कई तोहफे मिले हैं. बजट में मंडी जिला पर खूब प्यार बरसा है. हालांकि बजट में मंडी जिला को औद्योगिक विकास की कमी देखने को मिल रही है.
बजट में हर वर्ग को खुश करने के लिए घोषणाएं की गई हैं. यहां तक राज्य व जिला स्तर के मान्यता प्राप्त पत्रकारों को भी खुश करने के लिए लैपटॉप देने के लिए बजट में प्रावधान किया गया है. बजट में छोटी काशी व सांस्कृतिक राजधानी के नाम से प्रसिद्ध मंडी के धार्मिक व सामान्य पर्यटन में जान डालने का काम किया गया है. शिव धाम के माध्यम से 12 ज्योतिर्लिंगों की अनुकृतियों को स्थापित किया जाएगा. मंडी में ब्यास नदी के तट पर आरती के लिए हरिद्वार व बनारस की तर्ज पर घाटों को निर्माण किया जाएगा. 
बजट में लाल बहादुर शास्त्री आयुर्विज्ञान महाविद्यालय मंडी में ह्रदय व संबधित रोगों के उपचार के लिए कैथ लैब स्थापित, मंडी के चक्कर मे 50000 लीटर क्षमता का नया दुग्ध विधायन संयंत्र स्थापित, बगलामुखी माता मंदिर के रज्जु मार्ग, सिराज में राजकीय फार्मेसी महाविद्यालय, लडभड़ोल में आईटीआई, करसोग में बहुतकनीकी संस्थान का प्रावधान किया गया है. मंडी जिला में कॉफी की खेती के लिए 25 करोड़ का प्रावधान किया गया है. शिक्षा संस्थान खुलने से बच्चों को घर द्वार शिक्षा मिलेगी.
अर्थशास्त्र विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर संजीत की नजर से बजट
डॉक्टर संजीत ने बजट को संतुलित बताया है. उन्होंने कहा कि करीब 46500 करोड़ का कर्ज होने के बावजूद सरकार ने बजट में हर वर्ग पर ध्यान दिया है. कर्मचारियों को कई तोहफे मिले हैं जबकि कुछ वर्ग में निराशा भी है. समाज के हर वर्ग को केंद्रित किया गया है. बंदरों व बेसहारा पशुओं पर काबू पाने के लिए कुछ ठोस सामने नहीं आ पाया है. 46500 हजार करोड़ के कर्ज के साथ इस बजट को धरातल स्तर पर उतारना आर्थिक दृष्टि से चुनौतीपूर्ण है.

2019-02-09 18:46:27

दूसरे बजट में CM जयराम के गृह जिले को एक साथ मिले कई तोहफे, हर वर्ग पर पर दिया खास ध्यान

बजट पर प्रतिक्रिया

मंडी: लोकसभा चुनाव से पहले जयराम सरकार के दूसरे बजट में सीएम जयराम ठाकुर के गृह जिले को एक साथ कई तोहफे मिले हैं. बजट में मंडी जिला पर खूब प्यार बरसा है. हालांकि बजट में मंडी जिला को औद्योगिक विकास की कमी देखने को मिल रही है.
बजट में हर वर्ग को खुश करने के लिए घोषणाएं की गई हैं. यहां तक राज्य व जिला स्तर के मान्यता प्राप्त पत्रकारों को भी खुश करने के लिए लैपटॉप देने के लिए बजट में प्रावधान किया गया है. बजट में छोटी काशी व सांस्कृतिक राजधानी के नाम से प्रसिद्ध मंडी के धार्मिक व सामान्य पर्यटन में जान डालने का काम किया गया है. शिव धाम के माध्यम से 12 ज्योतिर्लिंगों की अनुकृतियों को स्थापित किया जाएगा. मंडी में ब्यास नदी के तट पर आरती के लिए हरिद्वार व बनारस की तर्ज पर घाटों को निर्माण किया जाएगा. 
बजट में लाल बहादुर शास्त्री आयुर्विज्ञान महाविद्यालय मंडी में ह्रदय व संबधित रोगों के उपचार के लिए कैथ लैब स्थापित, मंडी के चक्कर मे 50000 लीटर क्षमता का नया दुग्ध विधायन संयंत्र स्थापित, बगलामुखी माता मंदिर के रज्जु मार्ग, सिराज में राजकीय फार्मेसी महाविद्यालय, लडभड़ोल में आईटीआई, करसोग में बहुतकनीकी संस्थान का प्रावधान किया गया है. मंडी जिला में कॉफी की खेती के लिए 25 करोड़ का प्रावधान किया गया है. शिक्षा संस्थान खुलने से बच्चों को घर द्वार शिक्षा मिलेगी.
अर्थशास्त्र विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर संजीत की नजर से बजट
डॉक्टर संजीत ने बजट को संतुलित बताया है. उन्होंने कहा कि करीब 46500 करोड़ का कर्ज होने के बावजूद सरकार ने बजट में हर वर्ग पर ध्यान दिया है. कर्मचारियों को कई तोहफे मिले हैं जबकि कुछ वर्ग में निराशा भी है. समाज के हर वर्ग को केंद्रित किया गया है. बंदरों व बेसहारा पशुओं पर काबू पाने के लिए कुछ ठोस सामने नहीं आ पाया है. 46500 हजार करोड़ के कर्ज के साथ इस बजट को धरातल स्तर पर उतारना आर्थिक दृष्टि से चुनौतीपूर्ण है.

Intro:मंडी। लोकसभा चुनाव से पहले जयराम सरकार के दूसरे बजट में सीएम जयराम ठाकुर के गृह जिले को एक साथ कई तोहफे मिले हैं। बजट में मंडी जिला पर खूब प्यार बरसा है। हालांकि बजट में मंडी जिला को औद्योगिक विकास की कमी देखने को मिल रही है। इसी के साथ किसानों की भी अनदेखी हुई है। टमाटर के समर्थन मूल्य भी नहीं मिल पाया है। जबकि मंडी के बल्ह का टमाटर पाकिस्तान तक बिकता है।


Body:बजट में हर वर्ग को खुश करने के लिए घोषणाएं की गई हैं। यहां तक राज्य व जिला स्तर के मान्यता प्राप्त पत्रकारों को भी खुश करने के लिए लैपटॉप देने के लिए बजट में प्रावधान किया गया है। बजट में छोटी काशी व सांस्कृतिक राजधानी के नाम से प्रसिद्ध मंडी के धार्मिक व सामान्य पर्यटन में जान डालने का काम किया गया है। शिव धाम के माध्यम से 12 ज्योतिर्लिंगों की अनुकृतियों को स्थापित किया जाएगा। मंडी में ब्यास नदी के तट पर आरती के लिए हरिद्वार व बनारस की तर्ज पर घाटों को निर्माण किया जाएगा। बजट में लाल बहादुर शास्त्री आयुर्विज्ञान महाविद्यालय मंडी में ह्रदय व संबधित रोगों के उपचार के लिए कैथ लैब स्थापित, मंडी के चक्कर मे 50000 लीटर क्षमता का नया दुग्ध विधायन संयंत्र स्थापित, बगलामुखी माता मंदिर के रज्जु मार्ग, सिराज में राजकीय फार्मेसी महाविद्यालय, लडभड़ोल में आईटीआई, करसोग में बहुतकनीकी संस्थान का प्रावधान किया गया है। मंडी जिला में कॉफी की खेती के लिए 25 करोड़ का प्रावधान किया गया है। शिक्षा संस्थान खुलने से बच्चों को घर द्वार शिक्षा मिलेगी।


Conclusion:अर्थशास्त्र विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर संजीत की नजर से बजट:
डॉक्टर संजीत ने बजट को संतुलित बताया है। कहा कि करीब 46500 करोड़ का कर्ज होने के बावजूद सरकार ने बजट में हर वर्ग को छुआ गया है। कर्मचारियों को कई तोहफे मिले हैं। जबकि कुछ वर्ग में निराशा भी है। समाज के हर वर्ग को केंद्रित किया गया है। बंदरों व आवारा पशुओं पर काबू पाने के लिए कुछ ठोस सामने नहीं आ पाया है। 46500 हज़ार करोड़ के कर्ज के साथ इस बजट को धरातल स्तर पर उतारना आर्थिक दृष्टि से चुनौतीपूर्ण है।
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