नई दिल्ली : देश को जल्द ही एक और वैक्सीन मिलने वाली है, क्योंकि जायडस कैडिला (Zydus Cadila) का ट्रायल लगभग पूरा हो गया है. इस बात की जानकारी कोविड वर्किंग ग्रुप के अध्यक्ष डॉ एनके अरोड़ा Dr N K Arora) ने दी. उन्होंने कहा है कि जायडस कैडिला वैक्सीन का ट्रायल जुलाई में पूरा हो जाएगा. अगस्त में, हम 12-18 आयु वर्ग के बच्चों को यह टीका देना शुरू कर सकते हैं.
दरअसल, ICMR में स्टडी में कहा गया है कि कोरोना की तीसरी लहर देर से आने की संभावना है. इस पर एनके सिंह ने कहा कि हमारे पास देश में हर किसी का टीकाकरण करने के लिए 6-8 महीने का समय है. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में, हमारा लक्ष्य हर दिन 1 करोड़ खुराक देने का है. इसके लिए लोगों को आगे आना चाहिए और टीका लगवाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि देश में कई अफवाहें और गलत सूचनाएं फैल रही हैं. इसी तरह, लोगों के मन में कुछ अस्पष्ट भय है. उन्हें लगता है कि कुछ दुष्प्रभाव हो सकते हैं या टीका असुरक्षित हो सकता है.
उन्होंने आगे कहा कि वैज्ञानिक रूप से, हम टीकाकरण के दौरान प्रतिकूल घटनाओं को देख रहे हैं, 95-96 प्रतिशत लोगों को केवल हल्का बुखार या हल्का दर्द होता है, 4-5 प्रतिशत लोग एलर्जी के कारण अस्पताल में भर्ती होते हैं. उन्होने कहा कि टीके बिल्कुल सुरक्षित हैं.
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने आकाशवाणी के मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात की 78वीं कड़ी में लोगों के साथ अपने विचार साझा करते हुए टीकों को लेकर लोगों की आशंका दूर करने की कोशिश की और उनसे भ्रम में ना पड़ने एवं अफवाहों पर ध्यान ना देने की अपील की.
मोदी ने कहा कि यह वायरस अपना स्वरूप बदलता है, इसलिए इससे बचाव के लिए कोरोना वायरस संबंधी सभी प्रोटोकॉल का पालन करना और टीका लगवाना ही उपाय है.
मध्य प्रदेश के आदिवासी बहुल बैतूल जिले के डुलारिया गांव के लोगों से बात करते हुए उनका भ्रम दूर करने की कोशिशों के तहत प्रधानमंत्री ने अपना उदाहरण दिया और कहा कि मैंने दोनों खुराक ली है. मेरी माताजी लगभग 100 साल की हैं. उन्होंने भी दोनों खुराक ले ली है, इसलिए टीकों को लेकर किसी भी प्रकार की अफवाह पर ध्यान नहीं दें.
ज्ञात हो कि लोगों ने भ्रम और अफवाहों की वजह से टीका नहीं लिया है. संवाद के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री को बताया कि टीकों को लेकर गांव के लोगों में भ्रम है कि इससे जान भी जा सकती है.
प्रधानमंत्री ने गांव के लोगों से टीका लगवाने की अपील करते हुए कहा कि साल भर, रात-दिन इतने बड़े-बड़े वैज्ञानिकों ने काम किया है और इसलिए लोगों को विज्ञान और वैज्ञानिकों पर भरोसा करना चाहिए.
उन्होंने कहा कि झूठ फैलाने वाले लोगों को बार-बार समझाना चाहिये कि देखिए भई ऐसा नहीं होता है, इतने लोगों ने टीका ले लिया है और इससे कुछ नहीं होता है.
कोरोना को लेकर लोगों में बढ़ती लापरवाही और नियमों का पालन ना करने की घटनाओं का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इस भ्रम में मत रहिए कि कोरोना वायरस समाप्त हो गया है.
उन्होंने कहा कि यह बीमारी ऐसी है... यह बहुरुपिया है... रूप बदलती है... नए-नए रंग-रूप लेकर पहुंच जाती है. इससे बचाव के हमारे पास दो ही रास्ते हैं, पहला रास्ता है- कोरोना वायरस संबंधी सभी प्रोटोकॉल का पालन करना और दूसरा रास्ता है टीकाकरण का.
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ देश की लड़ाई जारी है और इस जंग में देश आए दिन कई असाधारण मुकाम भी हासिल कर रहा है. उन्होंने इस कड़ी में टीकाकरण अभियान के तीसरे चरण के पहले दिन 21 जून को 86 लाख से ज्यादा लोगों को मुफ्त टीका लगाए जाने का जिक्र किया.