अलवर : राजस्थान के अलवर पहुंचे दुनिया के नामी रेसलर खली (WWE Fighting Wrestler Khali) ने कहा कि देश के युवाओं में प्रतिभा की कमी नहीं है. हमारे देश में खिलाड़ियों को पर्याप्त संसाधन व सुविधाएं नहीं मिलती हैं. जो भी खिलाड़ी मेडल लेकर आते हैं वो खुद की मेहनत व लगन के अनुसार लाते हैं. सरकार ध्यान देना चाहिए.
रानी लक्ष्मीबाई मार्शल आर्ट एकेडमी के सम्मान समारोह में अलवर पहुंचे देश के एकमात्र डब्ल्यूडब्ल्यूई रेसलर दिलीप सिंह राणा उर्फ खली (Wrestler Khali) ने ईटीवी भारत से अपने जीवन के कुछ पल साझा किए.
खली ने कहा कि उनका जन्म हिमाचल के एक छोटे से गांव में हुआ. जीवन की शुरुआत में उन्होंने कई उतार-चढ़ाव देखे. आज उन्होंने जो मुकाम पाया है, उसके पीछे उनके परिवार का भी हाथ है. उनके परिवार को गर्व होता है, जब उनके बेटे का नाम पूरी दुनिया में लिया जाता है.
खली ने कहा कि हमारे देश में खेल ग्राउंड खेल के काम में आने वाले उपकरणों की कमी है. खिलाड़ियों को बेहतर ट्रेनिंग नहीं मिल पाती है, जिसके कारण युवाओं को बेहतर प्लेटफार्म नहीं मिल पाता है. उन्होंने कहा कि डब्ल्यूडब्ल्यूई (WWE) एक ऐसा खेल है, जिसमें देश का झंडा पहली बार लहराया है. देश में खली एक है और आगे भी खली कोई नहीं होगा लेकिन देश के युवाओं को आगे आकर खेल पर ध्यान देना चाहिए.
खेल में काफी संभावनाएं हैं. इसके लिए अलग से ट्रेनिंग करनी पड़ती है. उन्होंने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि उनकी सबसे बड़ी फाइट अंडरटेकर के साथ थी, जब उन्होंने अंडरटेकर को हराया. उसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. आज वह डब्ल्यूडब्ल्यूई के सबसे ऊपर रैंकिंग के रेसलर बन चुके हैं.
युवाओं को नहीं मिलता पर्याप्त संसाधन
खली ने कहा कि नीरज चोपड़ा ने गोल्ड मेडल जीता है. पूरी दुनिया उसको सलाम कर रही है लेकिन पहले उसे पूछने वाला कोई नहीं था. संसाधनों की कमी के चलते बेहतर ट्रेनिंग नहीं मिल पाती है. खिलाड़ी खुद के अनुसार तैयारी करते हैं, वो अपना पैसा लगाकर देश के लिए मेडल लाते हैं. सरकार को भी इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है.
जल्द शुरू करेंगे नई अकादमी
रेसलर खली ने कहा कि उनकी एक अकादमी पंजाब में चल रही है. वे जल्द ही दूसरी अकादमी हिमाचल प्रदेश में शुरू करेंगे. इसके अलावा वे देश के अलग-अलग राज्यों में भी आगामी समय में अकादमी शुरू करने की योजना बना रहे हैं. जिससे देश के युवाओं को बेहतर प्लेटफार्म मिल सके व उनको बेहतर ट्रेनिंग दी जा सके.