किन्नौर: केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत आज सोमवार को जिला किन्नौर के चीन सीमांत गांव चांगो पहुंचे हैं. ऐसे में उनका चांगो पहुंचने पर प्रदेश के बागवानी राजस्व एवं जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी व किन्नौर प्रशासन समेत हांगरंग घाटी के ग्रामीणों ने भव्य स्वागत किया है. केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत किन्नौर जिले के चांगो, नाको, पूह गांव में दो दिवसीय दौरे पर आए हैं. इस दौरान उन्होंने जिले के चांगो गांव में एक जनसभा को संबोधित कर लोगों की आम समस्याएं सुनी हैं.
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने चांगो गांव के बौद्ध मंदिर के दर्शन किए जिसके बाद उन्होंने चांगो स्कूल में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में मुख्यातिथि के रूप में भाग लिया. इस दौरान बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी भी मौके पर मौजूद रहे. जिसके बाद केंद्रीय मंत्री ने चांगो गांव में लोगों का स्वागत करने पर आभार प्रकट किया. जिसके बाद चांगो गांव के स्वयं सहायता समूह द्वारा लगाए गए पारंपरिक वस्त्रों, खाद्य प्रदार्थों की प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया. वहीं, चांगो गांव के सांस्कृतिक दलों ने जिले की पारंपरिक नृत्य कर सांस्कृतिक कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए. जिसकी केंद्रीय जल शक्ति मंत्री व बागवानी मंत्री हिमाचल सरकार जगत सिंह नेगी ने जमकर तारीफ भी की है.
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत केंद्रीय कैबिनेट मंत्रियों को निर्देश दिए हैं कि देश के सीमावर्ती क्षेत्रों में जाकर लोगों की समस्याएं सुनें. इस संदर्भ में आज किन्नौर जिला जो चीन सीमांत क्षेत्र है यहां का आगमन हुआ है. उन्होंने कहा कि उन्होंने चीन सीमांत गांव चांगो में लोगों की मुख्य समस्याएं सुनी हैं और उन सभी समस्याओं को सुलझाने व देश प्रधानमंत्री के समक्ष रखने को कहा है, ताकि चीन सीमांत ग्रामीण इलाकों की मांगों व समस्याओं का निपटारा हो सके.
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश के 75 गांवों का विकास केंद्र सरकार की वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत किया जाना है. केंद्र सरकार ने इसे लेकर बजट भी आवंटित कर दिया है. केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 में चीन सीमा से लगते इलाकों में सामाजिक एवं सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने के लिए वाइब्रेंट विलेज योजना का ऐलान किया था. हिमाचल प्रदेश का लाहौल स्पीति और किन्नौर जिले की सीमाएं चीन के साथ लगती हैं. हिमाचल प्रदेश का करीब 250 किलोमीटर का बॉर्डर चीन से लगता है. हिमाचल में वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत 75 गांवों का चयन किया गया है.
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