नई दिल्ली : माना जा रहा है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दूरसंचार क्षेत्र के लिए एक राहत पैकेज को मंजूरी दी है, जिसका उद्देश्य वोडाफोन आइडिया जैसी कंपनियों को राहत देना है, जिन्हें हजारों करोड़ का पिछला वैधानिक बकाया चुकाना है.
दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, दूरसंचार क्षेत्र में नौ संरचनात्मक सुधारों और पांच प्रक्रिया सुधारों को कैबिनेट ने मंजूरी दी है. इन सुधारों से पूरे दूरसंचार क्षेत्र का ढांचा बदल जाएगा. वे उद्योग को गहरा और व्यापक करेंगे.
उन्होंने कहा, पीएम ने आज एजीआर (समायोजित सकल राजस्व) पर एक साहसिक निर्णय लिया. एजीआर की परिभाषा को युक्तिसंगत बनाने का निर्णय लिया गया है. सभी गैर-दूरसंचार राजस्व एजीआर से निकाले जाएंगे. एमसीएलआर + 2% ब्याज दर की उचित ब्याज दर की पेशकश की गई है और जुर्माना पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया है. इससे दूरसंचार क्षेत्र में बड़े पैमाने पर निवेश का मार्ग प्रशस्त होगा. निवेश का अर्थ है रोजगार - जितना अधिक निवेश, उतना अधिक रोजगार.
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दूरसंचार मंत्री ने कहा, लाइसेंस शुल्क, स्पेक्ट्रम उपयोगकर्ता शुल्क और सभी प्रकार के शुल्क के भुगतान पर भारी ब्याज, जुर्माना और जुर्माना पर ब्याज की व्यवस्था थी. इसे आज युक्तिसंगत बनाया गया है. ब्याज की मंथली कंपाउंडिंग की जगह अब एनुअल कंपाउंडिंग की जाएगा. भविष्य की नीलामी के लिए, स्पेक्ट्रम की अवधि 20 वर्ष के बजाय 30 वर्ष होगी. साथ ही यदि कोई व्यक्ति स्पेक्ट्रम और व्यावसायिक शर्तों/प्रौद्योगिकी में परिवर्तन लेता है तो 10 वर्ष की लॉक-इन अवधि के बाद उसे स्पेक्ट्रम शुल्क का भुगतान करके सरेंडर किया जा सकता है. स्पेक्ट्रम शेयरिंग की भी पूरी तरह से अनुमति दी जा रही है, इसे पूरी तरह से फ्री कर दिया गया है.
उन्होंने कहा, आज कैबिनेट ने टेलीकॉम सेक्टर में ऑटोमैटिक रूट से 100 फीसदी एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) की इजाजत देने का फैसला किया है. सभी सुरक्षा उपाय लागू होंगे.
(पीटीआई-भाषा)