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दिल्ली में ऑटो-टैक्सी दाे दिवसीय हड़ताल पर

ईंधन की बढ़ती कीमतों के विरोध में दिल्ली के ऑटो, टैक्सी और कैब चालक संघों ने सोमवार से दो दिवसीय हड़ताल पर जाने का फैसला किया है. ऑटो और कैब यूनियनें किराया दरों में बढ़ोतरी और ईंधन की कीमतों को कम करने की मांग कर रही हैं.

दिल्ली में ऑटो व टैक्सी दाे दिवसीय हड़ताल
दिल्ली में ऑटो व टैक्सी दाे दिवसीय हड़ताल
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Published : Apr 18, 2022, 8:43 AM IST

Updated : Apr 18, 2022, 5:01 PM IST

नई दिल्ली : ईंधन की बढ़ती कीमतों के विरोध में दिल्ली के ऑटो, टैक्सी और कैब चालक संघों ने सोमवार से दो दिनों के हड़ताल पर जाने का फैसला किया है. ऑटो और कैब ड्राइवरों की कई यूनियनें किराया दरों में बढ़ोतरी और ईंधन की कीमतों को कम करने की मांग कर रही है. दिल्ली सरकार की ओर से उनकी समस्याओं के समाधान के आश्वासन के बाद भी हड़ताल समाप्त नहीं हुई है. हालांकि दिल्ली सरकार ने समयबद्ध तरीके से किराया संशोधन पर विचार करने के लिए एक समिति बनाने की घोषणा की थी.

भारतीय मजदूर संघ की इकाई दिल्ली ऑटो एंड टैक्सी एसोसिएशन ने 18 और 19 अप्रैल को दिल्ली में हड़ताल की घोषणा की है. उनका दावा है कि इन दो दिनों में बड़ी संख्या में ऑटो और कैब दिल्ली की सड़कों पर नहीं उतरेंगे.दिल्ली ऑटो रिक्शा संघ के महासचिव राजेंद्र सोनी ने एएनआई से फोन पर बातचीत में आरोप लगाया कि केंद्र और दिल्ली सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है. उन्होंने 30 मार्च को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर अपनी मांगों से अवगत कराया जिसमें सीएनजी की कीमतों पर सब्सिडी शामिल है. परंतु हमें सरकार से कोई जवाब नहीं मिला है और हम अब हड़ताल पर जाने के लिए मजबूर हैं.

ऑटो और कैब यूनियनों की मांगों के बारे में सोनी ने कहा, "हम नहीं चाहते कि किराया बढ़े, क्योंकि इससे आम लोगों की जेब प्रभावित होगी. हमारी एकमात्र मांग यह है कि सरकार ईंधन की कीमत में वृद्धि न करे और हमें सीएनजी की कीमतों पर 35 रुपये प्रति किलो की सब्सिडी दे. साथ ही आश्वासन दिया कि विरोध शांतिपूर्ण होगा. हालांकि उन्होंने चेतावनी दी कि कुछ तत्व - सरकार के पक्ष में - विरोध को बाधित करने का प्रयास कर सकते हैं. हालांकि ऑटो और टैक्सियों से जुड़ी कई और यूनियनें इस हड़ताल में शामिल नहीं हो रही हैं.

कैपिटल ड्राइवर वेलफेयर एसोसिएशन के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष चंदू चौरसिया ने एएनआई को बताया कि ग्रामीण सेवा और ई-रिक्शा 18 और 19 अप्रैल को हड़ताल में हिस्सा नहीं लेंगे.हमेशा की तरह हम दिल्ली के लोगों की सेवा करना जारी रखेंगे. हालांकि चौरसिया ने भी सीएनजी पर सब्सिडी की मांग का समर्थन किया और कहा कि हमें राहत मिलनी चाहिए. वहीं दिल्ली के सर्वोदय ड्राइवर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष कमलजीत गिल ने कहा कि ओला और उबर कैब ड्राइवर 18 अप्रैल से हड़ताल पर जाएंगे. 2015 से ओला और उबर के किराए में वृद्धि नहीं हुई है और हमने कई बार इसका विरोध किया है लेकिन सरकार ने ध्यान नहीं दिया. इन सात वर्षों में सीएनजी और पेट्रोल की कीमतें आसमान छू रही है. जब तक समस्या का समाधान नहीं हो जाता तब तक धरना नहीं रुकेगा. उन्होंने कहा कि हमें लखनऊ, हैदराबाद, कोलकाता और मुंबई का समर्थन प्राप्त है. वहां भी सोमवार से हड़ताल शुरू होगी. वर्तमान में दिल्ली में CNG की कीमत ₹71.61 प्रति किलो है.

इन मांगों को लेकर किया जा रहा है चक्का जामः
1.ऐप बेस्ड टैक्सी का किराया दिल्ली सरकार द्वारा तय किया जाये.
2.पैनिक बटन की अनिवार्यता खत्म की जाए.
3.स्पीड गर्वनर की चेकिंग के नाम पर 2500 रुपये लेना बंद किया जाये.
4.आल इंडिया टूरिस्ट परमिट की डीज़ल बसों और टेम्पो ट्रेवलर को 10 साल की वैधता दी जाये.
5.दिल्ली में सीएनजी की कॉन्ट्रेक्ट कैरिज बसों की वैधता दाे साल और बढ़ायी जाये.
6.दिल्ली में डीजल की यूरो 6 टैक्सी बसों का रजिस्ट्रेशन शरू किया जाए
7.स्पीड गवर्नर और पैनिक बटन घोटाले की जांच सीबीआई द्वारा करवाई जाए.
8.दिल्ली में डीजल पर वैट कम किया जाए.
9.सीएनजी गैस के लिए दिल्ली सरकार, दिल्ली के बस और टैक्सी मालिकों को सब्सिडी दें.
10.DIMTS द्वारा हर साल जीपीएस के नाम पर लेनी वाली फीस बंद की जाए.
11.दिल्ली में परिवहन विभाग द्वारा ली जा रहीं लेट फी और जुर्माने हटाए जाए.
12.अभी भी 8 सीटर डीजल टैक्सी के परमिट पांच साल के बाद नवीकरण नहीं हो रहे हैं,जल्दी नवीकरण के आदेश दिए जाए.
13.फिटनेस के समय ड्राइवर जेंडर ट्रेनिंग हटाई जाए.
14.आल इंडिया टूरिस्ट परमिट की टैक्सी बसों से स्पीड गवर्नर की अनिवार्यता हटाई जाए.
15.डीजल पेट्रोल और सीएनजी गैस को जीएसटी के दायरे में लाया जाए.
16.ट्रैफिक पुलिस और एनफ़ोर्समेंट द्वारा बसों के 10 हजार के जुर्माने बंद किये जाए.

यह भी पढ़ें-Explainer : जाने क्यों चढ़ता ही जाएगा महंगाई का पारा

एएनआई

नई दिल्ली : ईंधन की बढ़ती कीमतों के विरोध में दिल्ली के ऑटो, टैक्सी और कैब चालक संघों ने सोमवार से दो दिनों के हड़ताल पर जाने का फैसला किया है. ऑटो और कैब ड्राइवरों की कई यूनियनें किराया दरों में बढ़ोतरी और ईंधन की कीमतों को कम करने की मांग कर रही है. दिल्ली सरकार की ओर से उनकी समस्याओं के समाधान के आश्वासन के बाद भी हड़ताल समाप्त नहीं हुई है. हालांकि दिल्ली सरकार ने समयबद्ध तरीके से किराया संशोधन पर विचार करने के लिए एक समिति बनाने की घोषणा की थी.

भारतीय मजदूर संघ की इकाई दिल्ली ऑटो एंड टैक्सी एसोसिएशन ने 18 और 19 अप्रैल को दिल्ली में हड़ताल की घोषणा की है. उनका दावा है कि इन दो दिनों में बड़ी संख्या में ऑटो और कैब दिल्ली की सड़कों पर नहीं उतरेंगे.दिल्ली ऑटो रिक्शा संघ के महासचिव राजेंद्र सोनी ने एएनआई से फोन पर बातचीत में आरोप लगाया कि केंद्र और दिल्ली सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है. उन्होंने 30 मार्च को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर अपनी मांगों से अवगत कराया जिसमें सीएनजी की कीमतों पर सब्सिडी शामिल है. परंतु हमें सरकार से कोई जवाब नहीं मिला है और हम अब हड़ताल पर जाने के लिए मजबूर हैं.

ऑटो और कैब यूनियनों की मांगों के बारे में सोनी ने कहा, "हम नहीं चाहते कि किराया बढ़े, क्योंकि इससे आम लोगों की जेब प्रभावित होगी. हमारी एकमात्र मांग यह है कि सरकार ईंधन की कीमत में वृद्धि न करे और हमें सीएनजी की कीमतों पर 35 रुपये प्रति किलो की सब्सिडी दे. साथ ही आश्वासन दिया कि विरोध शांतिपूर्ण होगा. हालांकि उन्होंने चेतावनी दी कि कुछ तत्व - सरकार के पक्ष में - विरोध को बाधित करने का प्रयास कर सकते हैं. हालांकि ऑटो और टैक्सियों से जुड़ी कई और यूनियनें इस हड़ताल में शामिल नहीं हो रही हैं.

कैपिटल ड्राइवर वेलफेयर एसोसिएशन के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष चंदू चौरसिया ने एएनआई को बताया कि ग्रामीण सेवा और ई-रिक्शा 18 और 19 अप्रैल को हड़ताल में हिस्सा नहीं लेंगे.हमेशा की तरह हम दिल्ली के लोगों की सेवा करना जारी रखेंगे. हालांकि चौरसिया ने भी सीएनजी पर सब्सिडी की मांग का समर्थन किया और कहा कि हमें राहत मिलनी चाहिए. वहीं दिल्ली के सर्वोदय ड्राइवर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष कमलजीत गिल ने कहा कि ओला और उबर कैब ड्राइवर 18 अप्रैल से हड़ताल पर जाएंगे. 2015 से ओला और उबर के किराए में वृद्धि नहीं हुई है और हमने कई बार इसका विरोध किया है लेकिन सरकार ने ध्यान नहीं दिया. इन सात वर्षों में सीएनजी और पेट्रोल की कीमतें आसमान छू रही है. जब तक समस्या का समाधान नहीं हो जाता तब तक धरना नहीं रुकेगा. उन्होंने कहा कि हमें लखनऊ, हैदराबाद, कोलकाता और मुंबई का समर्थन प्राप्त है. वहां भी सोमवार से हड़ताल शुरू होगी. वर्तमान में दिल्ली में CNG की कीमत ₹71.61 प्रति किलो है.

इन मांगों को लेकर किया जा रहा है चक्का जामः
1.ऐप बेस्ड टैक्सी का किराया दिल्ली सरकार द्वारा तय किया जाये.
2.पैनिक बटन की अनिवार्यता खत्म की जाए.
3.स्पीड गर्वनर की चेकिंग के नाम पर 2500 रुपये लेना बंद किया जाये.
4.आल इंडिया टूरिस्ट परमिट की डीज़ल बसों और टेम्पो ट्रेवलर को 10 साल की वैधता दी जाये.
5.दिल्ली में सीएनजी की कॉन्ट्रेक्ट कैरिज बसों की वैधता दाे साल और बढ़ायी जाये.
6.दिल्ली में डीजल की यूरो 6 टैक्सी बसों का रजिस्ट्रेशन शरू किया जाए
7.स्पीड गवर्नर और पैनिक बटन घोटाले की जांच सीबीआई द्वारा करवाई जाए.
8.दिल्ली में डीजल पर वैट कम किया जाए.
9.सीएनजी गैस के लिए दिल्ली सरकार, दिल्ली के बस और टैक्सी मालिकों को सब्सिडी दें.
10.DIMTS द्वारा हर साल जीपीएस के नाम पर लेनी वाली फीस बंद की जाए.
11.दिल्ली में परिवहन विभाग द्वारा ली जा रहीं लेट फी और जुर्माने हटाए जाए.
12.अभी भी 8 सीटर डीजल टैक्सी के परमिट पांच साल के बाद नवीकरण नहीं हो रहे हैं,जल्दी नवीकरण के आदेश दिए जाए.
13.फिटनेस के समय ड्राइवर जेंडर ट्रेनिंग हटाई जाए.
14.आल इंडिया टूरिस्ट परमिट की टैक्सी बसों से स्पीड गवर्नर की अनिवार्यता हटाई जाए.
15.डीजल पेट्रोल और सीएनजी गैस को जीएसटी के दायरे में लाया जाए.
16.ट्रैफिक पुलिस और एनफ़ोर्समेंट द्वारा बसों के 10 हजार के जुर्माने बंद किये जाए.

यह भी पढ़ें-Explainer : जाने क्यों चढ़ता ही जाएगा महंगाई का पारा

एएनआई

Last Updated : Apr 18, 2022, 5:01 PM IST
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