मुंबई : भारत में 80 और 90 के दशक में डिस्को संगीत को लोकप्रिय बनाने वाले मशहूर सिंगर और कंपोजर बप्पी लाहिरी का निधन हो गया है (Singer-composer Bappi Lahiri dies in Mumbai hospital). उन्होंने मुंबई स्थित जुहू क्रिटी केयर अस्पताल आखिरी सांस ली. उनके निधन से फिल्म जगत में शोक की लहर दौर गई है. बप्पी लाहिड़ी जिनका असली नाम अलोकेश लाहिड़ी था. उनका जन्म 27 नवंबर 1952 को जलपाईगुड़ी पश्चिम बंगाल में हुआ था. इनके पिता का नाम अपरेश लाहिड़ी तथा मां का नाम बन्सारी लाहिड़ी था.
अस्पताल के निदेशक डॉ. दीपक नमजोशी ने कहा, लाहिड़ी करीब एक महीने से अस्पताल में भर्ती थे और उन्हें सोमवार को अस्पताल से छुट्टी दी गयी थी, लेकिन उनकी सेहत मंगलवार को बिगड़ गई और उनके परिवार ने एक डॉक्टर को घर बुलाया। उन्हें अस्पताल लाया गया। उन्हें स्वास्थ्य संबंधी कई दिक्कतें थी।. उनकी देर रात ओएसए (ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया) के कारण मौत हो गई.
बप्पी लहिरी के निधन पर फिल्म मेकर अशोक पंडित ने ट्वीट किया है, ''रॉकस्टार बप्पी लाहिरी जी के निधन के बारे में सुनकर स्तब्ध हूं. विश्वास नहीं हो रहा है कि मेरा पड़ोसी अब नहीं रहा. आपका संगीत हमेशा हमारे दिलों में रहेगा.'
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Shocked to hear about the demise of rockstar #BappiLahiri ji .
— Ashoke Pandit (@ashokepandit) February 16, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
Can’t believe my next door neighbour is no more .
Your music will always remain in our hearts .
ॐ शान्ति !
🙏
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Can’t believe my next door neighbour is no more .
Your music will always remain in our hearts .
ॐ शान्ति !
🙏Shocked to hear about the demise of rockstar #BappiLahiri ji .
— Ashoke Pandit (@ashokepandit) February 16, 2022
Can’t believe my next door neighbour is no more .
Your music will always remain in our hearts .
ॐ शान्ति !
🙏
बप्पी दा ने मात्र तीन वर्ष की आयु में ही तबला बजाना शुरू कर दिया था जिसे बाद में उनके पिता के द्वारा और भी गुर सिखाये गये. बॉलीवुड को रॉक और डिस्को से रू-ब-रू कराकर पूरे देश को अपनी धुनों पर थिरकाने वाले मशहूर संगीतकार और गायक बप्पी लाहिड़ी ने कई बड़ी छोटी फिल्मों में काम किया. बप्पी ने 80 के दशक में बालीवुड को यादगार गानों की सौगात दे कर अपनी पहचान बनाई. महज 17 साल की उम्र से ही बप्पी संगीतकार बनना चाहते थे और उनकी प्रेरणा बने एसडी बर्मन. बप्पी टीनएज में एसडी बर्मन के गानों को सुना करते और उन्हें रियाज किया करते थे.
जिस दौर में लोग रोमांटिक संगीत सुनना पसंद करते थे उस वक्त बप्पी ने बॉलीवुड में 'डिस्को डांस' को इंट्रोड्यूस करवाया. उन्हें अपना पहला अवसर एक बंगाली फ़िल्म, दादू (1972) और पहली बॉलीवुड फिल्म नन्हा शिकारी (1973) में मिला जिसके लिए उन्होंने संगीत दिया था. जिस फ़िल्म ने उन्हें बॉलीवुड में स्थापित किया, वह ताहिर हुसैन की हिंदी फिल्म जख्मी (1975) थी. जिसके लिए उन्होंने संगीत की रचना की और पार्श्व गायक के रूप में खूब नाम कमाया. इस फिल्म ने उन्हें प्रसिद्धि की ऊंचाइयों पर पहुंचाया और हिंदी फिल्म उद्योग में एक नए युग को आगे लाया. इसके बाद तो उन्होंने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा. वे फिल्म में काम करते गए और बुलंदियों को छूते गए.
सोने की मोटी चेन और चश्मा पहनने के लिए पहचाने जाने वाले गायक-संगीतकार ने 70-80 के दशक में कई फिल्मों में गाने गाए जो काफी हिट रहे. इन फिल्मों में चलते-चलते, डिस्को डांसर और शराबी शामिल हैं। उनका आखिरी बॉलीवुड गीत 2020 में आयी फिल्म बागी 3 के लिए भंकस था. उन्होंने बॉलीवुड में अपना नाम बड़े कलाकार के रूप में प्रतिष्ठित किया. आज उनके निधन से उनके चाहने वालों में शोक की लहर दौड़ गई है. बता दें कि इसी महीने बॉलीवुड जगत को एक के बाद एक बड़े झटके लगे हैं. बप्पी लहिरी से पहले स्वर कोकिला लता मंगेशकर का 6 फरवरी को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया था.