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भारत के साथ मुक्त व्यापार पर बातचीत के लिए उत्सुक है रूस : मंटुरोव

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Published : Apr 17, 2023, 7:16 PM IST

रूस के उप प्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव ने कहा है कि रूस एक मुक्त व्यापार समझौते के लिए भारत के साथ वार्ता के क्रम में तेजी लाने की योजना बना रहा है. उन्होंने कहा कि भारत से आयात में कमी के कारण, रुपये का उपयोग करना पर्याप्त नहीं है. पढ़िए ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता चंद्रकला चौधरी की रिपोर्ट...

Russian Deputy PM and Minister Denis Manturov and External Affairs Minister Dr. S.Jaishankar
रूस के उप प्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव और विदेश मंत्री एस जयशंकर

नई दिल्ली: रूस एक मुक्त व्यापार समझौते के लिए भारत के साथ बातचीत तेज करने की योजना बना रहा है. उक्त बातें रूस के उप प्रधानमंत्री और उद्योग व व्यापार मंत्री डेनिस मंटुरोव (Russian Deputy PM and Minister of Industry and Trade Denis Manturov) सोमवार को कहीं. मंटुरोव भारत की दो दिवसीय यात्रा पर हैं. विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और रूसी और भारतीय व्यापार के प्रतिनिधियों के साथ बैठक के दौरान मंटुरोव ने कहा, 'दोनों देशों के बाजारों में उत्पादों की पारस्परिक पहुंच के मुद्दों से विशेष महत्व जुड़ा हुआ है.' उन्होंने कहा कि यूरेशियन आर्थिक आयोग के साथ मिलकर मुक्त व्यापार समझौता करने के लिए भारत के साथ बातचीत को तेज करने की योजना है.

इस बीच, विदेश मंत्री एस जयशंकर (External Affairs Minister Dr. S.Jaishankar) ने कहा कि सरकार रूस के साथ एक व्यापार संधि पर अग्रिम समझौता कर रही है जो द्विपक्षीय निवेश की गारंटी देगी और रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद से पनप रहे वाणिज्यिक और व्यापार संबंधों को मजबूत करेगी. भारत ने अपने मजबूत रक्षा सहयोग को देखते हुए आक्रमण के लिए रूस की खुले तौर पर आलोचना नहीं की है. रूस भारत का सबसे बड़ा और सबसे पुराना सैन्य उपकरण आपूर्तिकर्ता है. सूत्रों के मुताबिक, 31 मार्च तक रूस से कुल भारतीय आयात लगभग चार गुना बढ़कर 46.33 अरब डॉलर हो गया है.

इसके अलावा, रूसी व्यापार मंत्री ने कहा कि भारत से आयात में कमी के कारण, रुपये का उपयोग करना पर्याप्त नहीं है. उन्होंने कहा कि हमें भारत से व्यापार को बढ़ावा देने की जरूरत है. इस मामले में, हम संतुलन देख रहे हैं, उदाहरण के लिए, हमारा चीन के साथ 200 अरब डॉलर का व्यापार है और यह संतुलित है. मंटुरोव ने यह भी बताया कि मास्को व्यापार संतुलन में सुधार के लिए भारत से मशीनरी आयात बढ़ाने पर विचार कर रहा है.

उन्होंने कार्यक्रम के इतर उन्होंने संवाददाताओं से कहा, 'हमें उन उत्पादों में एक जगह खोजने की जरूरत है, जिन्हें भारत बदल सकता है.' उन्होंने कहा, 'असैन्य परियोजनाओं में हमें उतना ही व्यापक सहयोग चाहिए जितना प्रतिबंधों से पहले था.' उन्होंने व्यापार मंच के प्रतिभागियों ने अंतर-सरकारी आयोग (आईजीसी) सहित रूसी-भारतीय व्यावहारिक सहयोग को और बढ़ाने के मुद्दों पर भी चर्चा की. डेनिस मंटुरोव ने कहा कि आईजीसी दोनों देशों के विशेष विभागों और संगठनों की भागीदारी के साथ रूसी-भारतीय एजेंडे पर सामयिक मुद्दों की व्यापक चर्चा के लिए एक अनूठा तंत्र है. उन्होंने कहा कि हम न केवल व्यापार और आर्थिक संबंधों के बारे में बात कर रहे हैं, बल्कि बातचीत के मानवीय क्षेत्रों जैसे शिक्षा और संस्कृति के बारे में भी बात कर रहे हैं. उन्होंने रूस की तकनीकी संप्रभुता को मजबूत करने के लिए किए गए उपायों के बारे में जानकारी देते दोहराया कि सब कुछ पूरी तरह से बदलने का कोई लक्ष्य नहीं है.

उन्होंने रूस की तकनीकी संप्रभुता को मजबूत करने के लिए किए गए उपायों के बारे में जानकारी देते दोहराया कि सब कुछ पूरी तरह से बदलने का कोई लक्ष्य नहीं है. मंटुरोस ने कहा कि हम भरोसेमंद विदेशी भागीदारों पर भरोसा करेंगे. हम अपने संबंधों को मजबूती देने के लिए पूरी कोशिश करेंगे.उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त, निवेश के प्रोत्साहन और पारस्परिक संरक्षण पर एक रूसी-भारतीय समझौते पर हस्ताक्षर करने के मुद्दे पर भी काम किया जा रहा है. रूस के डिप्टी पीएम ने कहा कि व्यापार प्राथमिकताएं और तंत्र जो निवेश की सुरक्षा की गारंटी देते हैं, रूसी और भारतीय दोनों व्यवसायों द्वारा मांग में होंगे.

ये भी पढ़ें - Russia's Deputy PM visit India: रूस के उप प्रधानमंत्री व्यापार वार्ता के लिए भारत पहुंचे

नई दिल्ली: रूस एक मुक्त व्यापार समझौते के लिए भारत के साथ बातचीत तेज करने की योजना बना रहा है. उक्त बातें रूस के उप प्रधानमंत्री और उद्योग व व्यापार मंत्री डेनिस मंटुरोव (Russian Deputy PM and Minister of Industry and Trade Denis Manturov) सोमवार को कहीं. मंटुरोव भारत की दो दिवसीय यात्रा पर हैं. विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और रूसी और भारतीय व्यापार के प्रतिनिधियों के साथ बैठक के दौरान मंटुरोव ने कहा, 'दोनों देशों के बाजारों में उत्पादों की पारस्परिक पहुंच के मुद्दों से विशेष महत्व जुड़ा हुआ है.' उन्होंने कहा कि यूरेशियन आर्थिक आयोग के साथ मिलकर मुक्त व्यापार समझौता करने के लिए भारत के साथ बातचीत को तेज करने की योजना है.

इस बीच, विदेश मंत्री एस जयशंकर (External Affairs Minister Dr. S.Jaishankar) ने कहा कि सरकार रूस के साथ एक व्यापार संधि पर अग्रिम समझौता कर रही है जो द्विपक्षीय निवेश की गारंटी देगी और रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद से पनप रहे वाणिज्यिक और व्यापार संबंधों को मजबूत करेगी. भारत ने अपने मजबूत रक्षा सहयोग को देखते हुए आक्रमण के लिए रूस की खुले तौर पर आलोचना नहीं की है. रूस भारत का सबसे बड़ा और सबसे पुराना सैन्य उपकरण आपूर्तिकर्ता है. सूत्रों के मुताबिक, 31 मार्च तक रूस से कुल भारतीय आयात लगभग चार गुना बढ़कर 46.33 अरब डॉलर हो गया है.

इसके अलावा, रूसी व्यापार मंत्री ने कहा कि भारत से आयात में कमी के कारण, रुपये का उपयोग करना पर्याप्त नहीं है. उन्होंने कहा कि हमें भारत से व्यापार को बढ़ावा देने की जरूरत है. इस मामले में, हम संतुलन देख रहे हैं, उदाहरण के लिए, हमारा चीन के साथ 200 अरब डॉलर का व्यापार है और यह संतुलित है. मंटुरोव ने यह भी बताया कि मास्को व्यापार संतुलन में सुधार के लिए भारत से मशीनरी आयात बढ़ाने पर विचार कर रहा है.

उन्होंने कार्यक्रम के इतर उन्होंने संवाददाताओं से कहा, 'हमें उन उत्पादों में एक जगह खोजने की जरूरत है, जिन्हें भारत बदल सकता है.' उन्होंने कहा, 'असैन्य परियोजनाओं में हमें उतना ही व्यापक सहयोग चाहिए जितना प्रतिबंधों से पहले था.' उन्होंने व्यापार मंच के प्रतिभागियों ने अंतर-सरकारी आयोग (आईजीसी) सहित रूसी-भारतीय व्यावहारिक सहयोग को और बढ़ाने के मुद्दों पर भी चर्चा की. डेनिस मंटुरोव ने कहा कि आईजीसी दोनों देशों के विशेष विभागों और संगठनों की भागीदारी के साथ रूसी-भारतीय एजेंडे पर सामयिक मुद्दों की व्यापक चर्चा के लिए एक अनूठा तंत्र है. उन्होंने कहा कि हम न केवल व्यापार और आर्थिक संबंधों के बारे में बात कर रहे हैं, बल्कि बातचीत के मानवीय क्षेत्रों जैसे शिक्षा और संस्कृति के बारे में भी बात कर रहे हैं. उन्होंने रूस की तकनीकी संप्रभुता को मजबूत करने के लिए किए गए उपायों के बारे में जानकारी देते दोहराया कि सब कुछ पूरी तरह से बदलने का कोई लक्ष्य नहीं है.

उन्होंने रूस की तकनीकी संप्रभुता को मजबूत करने के लिए किए गए उपायों के बारे में जानकारी देते दोहराया कि सब कुछ पूरी तरह से बदलने का कोई लक्ष्य नहीं है. मंटुरोस ने कहा कि हम भरोसेमंद विदेशी भागीदारों पर भरोसा करेंगे. हम अपने संबंधों को मजबूती देने के लिए पूरी कोशिश करेंगे.उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त, निवेश के प्रोत्साहन और पारस्परिक संरक्षण पर एक रूसी-भारतीय समझौते पर हस्ताक्षर करने के मुद्दे पर भी काम किया जा रहा है. रूस के डिप्टी पीएम ने कहा कि व्यापार प्राथमिकताएं और तंत्र जो निवेश की सुरक्षा की गारंटी देते हैं, रूसी और भारतीय दोनों व्यवसायों द्वारा मांग में होंगे.

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