लखनऊ : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुक्रवार को तीनों कृषि कानून के वापस लेने के फैसले का बाद भी राजनीति जारी है. अब कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. प्रियंका गांधी ने पीएम को लिखे पत्र में लखीमपुर हिंसा में आरोपी अशीष मिश्रा के पिता केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी को बर्खास्त करने की मांग की है. उन्होंने पत्र में लिखा है कि यदि आपकी किसानों के प्रति सचमुच नीयत साफ है तो लखनऊ में आयोजित डीजीपी कांफ्रेंस में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के साथ मंच साझा नहीं करेंगे.
प्रियंका गांधी ने पीएम मोदी को पत्र लिखा है कि कल आपने 3 काले कृषि कानूनों को किसानों पर थोपने के अत्याचार को स्वीकार करते हुए उन्हें वापस लेने की घोषणा की. मैंने अखबारों में पढ़ा है कि आज आप लखनऊ में होने वाली डीजीपी कॉन्फ्रेंस में देश की कानून व्यवस्था सम्भालने वाले आला अधिकारियों से चर्चा करेंगे. लखीमपुर किसान नरसंहार में अन्नदाताओं के साथ हुई क्रूरता को पूरे देश ने देखा. आपको यह जानकारी भी है कि किसानों को अपनी गाड़ी से कुचलने का मुख्य आरोपी आपकी सरकार के केंद्रीय गृह राज्य मंत्री का बेटा है. राजनीतिक दबाव के चलते इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने शुरुआत से ही न्याय की आवाज को दबाने की कोशिश की. माननीय उच्चतम न्यायालय ने इस संदर्भ में कहा कि सरकार की मंशा देखकर लगता है कि सरकार किसी विशेष आरोपी को बचाने का प्रयास कर रही है.
प्रियंका ने पत्र में आगे लिखा, मैं लखीमपुर के शहीद किसानों के परिजनों से मिली हूं, वे असहनीय पीड़ा में हैं. सभी परिवारों का कहना है कि वे सिर्फ अपने शहीद परिजनों के लिए न्याय चाहते हैं और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के पद पर बने रहते हुए उन्हें न्याय की कोई आस नहीं है. लखीमपुर किसान नरसंहार मामले में जांच की हालिया स्थिति उन परिवारों की आशंका को सही साबित करती है. देश की क़ानून व्यवस्था के ज़िम्मेदार गृह मंत्री श्री अमित शाह जी एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आपके उसी मंत्री के साथ मंच साझा कर रहे हैं.
आप देश के प्रधानमंत्री हैं, आप देश के किसानों के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी अच्छी तरह से समझते हों. हर देशवासी के लिए न्याय सुनिश्चित करना प्रधानमंत्री का कर्तव्य ही नहीं, उनका नैतिक दायित्व होता है. कल देशवासियों को सम्बोधित करते हुए आपने कहा कि सच्चे मन और पवित्र हृदय से किसानों के हित को देखते हुए कृषि क़ानूनों को वापस लेने का अभूतपूर्व निर्णय लिया गया है. आपने यह भी कहा कि देश के किसानों के प्रति आप नेकनीयत रखते हैं. यदि यह सत्य है तो लखीमपुर किसान नरसंहार मामले में पीड़ितों को न्याय दिलवाना भी आपके लिए सर्वोपरि होना चाहिए. लेकिन, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री, अजय मिश्रा टेनी अभी भी आपके मंत्रिमंडल में अपने पद पर बने हुए हैं. यदि आप इस कॉन्फ्रेंस में आरोपी के पिता के साथ मंच साझा करते हैं तो पीड़ित परिवारों को स्पष्ट संदेश जाएगा कि आप अभी भी कातिलों का संरक्षण करने वालों के साथ खड़े हैं. यह किसान सत्याग्रह में शहीद 700 से अधिक किसानों का घोर अपमान होगा.
प्रियंका गाधी ने पत्र में लिखा है कि अगर देश के किसानों के प्रति आपकी नियत सचमुच साफ है तो आज अपने केंद्रीय गृह राज्यमंत्री के साथ मंच पर विराजमान मत होईए, उनको बर्खास्त कीजिए. देश भर में किसानों पर हुए मुक़दमों को वापस लीजिए और सभी शहीद किसानों के परिवारों को आर्थिक अनुदान दीजिए.
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