बेंगलुरु : कर्नाटक के बेंगलुरु में कांग्रेस ने सोमवार को महिलाओं के लिए ‘ना नायकी’ (मैं नेता हूं) रैली आयोजित की. इसमें पार्टी की जनरल सेक्रेटरी प्रियंका गांधी शामिल हुईं. कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस समिति (केपीसीसी) द्वारा पैलेस ग्राउंड्स में आयोजित 'ना नायाकी' कार्यक्रम के दौरान अखिल भारतीय कांग्रेस समिति की महासचिव ने कर्नाटक की महिलाओं से वादा किया कि 'गृहलक्ष्मी योजना' के तहत हर साल गृहणी के खाते में सीधे 24 हजार रुपये (हर माह 2 हजार रुपए) दिए जाएंगे.
प्रियंका गांधी ने कहा कि 'गृहलक्ष्मी योजना' का लक्ष्य घरेलू गैस सिलेंडर की बढ़ती कीमतों और महंगाई की बोझ से दब रही गृहणियों की कुछ मदद करना है. प्रियंका ने कहा कि पार्टी चाहती है कि राज्य की प्रत्येक महिला सशक्त बने और अपने पैरों पर खड़े होकर अपने बच्चों की देखभाल करे. पार्टी कर्नाटक की प्रत्येक महिला को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना चाहती है. केपीसीसी के मुताबिक, 'गृह लक्ष्मी' योजना से 1.5 करोड़ गृहणियों को लाभ होगा. प्रियंका गांधी ने कहा कि राज्य में महिलाओं के लिए अलग से चुनावी घोषणा पत्र जारी किया जाएगा. उन्होंने भाजपा शासित राज्य में भ्रष्टाचार के चरम पर होने का आरोप लगाया.
'ना नायाकी' (मैं महिला नेता हूं) कार्यक्रम के दौरान प्रियंका ने कहा, 'मुझे बताया गया है कि कर्नाटक में हालात बहुत खराब हैं. मुझे बताया गया है कि मंत्री हर काम में 40 फीसदी दलाली ले रहे हैं'. उन्होंने आरोप लगाया कि कर्नाटक में जनता के 1.5 लाख करोड़ रुपये लूट लिए गए हैं. वाड्रा ने आरोप लगाया, 'सोचें कि बेंगलुरु में 8 हजार करोड़ रुपये की लागत से कोई विकास कार्य हुआ है जिसमें से 3,200 करोड़ रुपये दलाली में चले जाते हैं'. पुलिस उपनिरीक्षक भर्ती में कथित घोटाले का उदाहरण देते हुए वाद्रा ने कहा कि कर्नाटक में रिश्वत के ईंधन के बगैर कोई गाड़ी नहीं चलती.
प्रियंका ने सवाल किया कि पुलिस उपनिरीक्षक घोटाले जैसे कुछ शर्मनाक घोटाले भी हैं जहां पुलिस के पद बेचे जा रहे हैं. आप अपने बच्चों को पढ़ाते हैं, ताकि उन्हें नौकरियां मिलें. क्या आप सत्ता में बैठे लोगों से यही आशा करते हैं? उन्होंने आरोप लगाया कि लोगों को बोरवेल लगाने, ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने, आवास, तबादले और लगभग हर सरकारी काम के लिए रिश्वत देना पड़ता है. कर्नाटक में विधानसभा चुनाव इस साल मई के आसपास होने हैं.
'सोनिया को राजनीति पसंद नहीं थी'
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोमवार को बताया कि इटली में जन्मीं उनकी मां सोनिया गांधी को शुरुआती दिनों में भारतीय परंपराएं सीखने में थोड़ी मुश्किल हुई और उन्हें राजनीति बिलकुल पसंद नहीं थी. कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस समिति द्वारा यहां आयोजित महिला केन्द्रित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि उनकी परवरिश दो साहसी महिलाओं (दादी इंदिरा गांधी और मां सोनिया गांधी) ने की है. प्रियंका ने याद किया कि जब वह आठ साल की थीं, उस वक्त उनकी दादी इंदिरा गांधी ने अपना 33 साल का बेटा खो दिया. लेकिन संजय गांधी की मृत्यु के अगले ही दिन वह देश सेवा में जुट गयीं और अपनी कर्तव्य की भावना और 'आंतरिक शक्ति' के बल पर इंदिरा गांधी अंतिम सांस तक देश सेवा करती रहीं. प्रियंका ने बताया कि उनकी मां सोनिया को महज 21 साल की उम्र में राजीव गांधी से प्रेम हो गया था.
उन्होंने कहा, 'वह (सोनिया) उनसे (राजीव) शादी करने के लिए इटली से भारत चली आयीं. हमारी परंपराओं को सीखने में उन्हें थोड़ी मुश्किलें हुईं. उन्होंने भारतीय जीवनशैली को सीखा. उन्होंने इंदिराजी से सबकुछ सीखा और 44 साल की उम्र में अपने पति को खो दिया'. प्रियंका ने कहा कि हालांकि उन्हें राजनीति पसंद नहीं थी, फिर भी उन्होंने देश सेवा का रास्ता चुना और 76 साल की उम्र में आज भी देश की सेवा कर रही हैं. उन्होंने कहा, सोनिया ने इंदिरा गांधी से 'बेहद महत्वपूर्ण बात' सीखी. प्रियंका ने कहा, "आपके जीवन में चाहे कुछ भी हो, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपने कितनी बड़ी त्रासदी झेली है, या आपका संघर्ष कितना मुश्किल है... घर हो या काम या फिर कहीं और, आपमें खड़े होकर अपने लिए लड़ने की ताकत है'.
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