नई दिल्ली : संसद के बजट सत्र में आर्थिक सर्वेक्षण (budget session economic survey) पेश किया गया. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद लोक सभा में वित्त वर्ष 2021-22 का आर्थिक सर्वेक्षण (FM sitharaman Economic Survey) पेश किया. लोक सभा स्पीकर ओम बिरला ने बताया कि डिजिटाइजेशन के कारण इस वर्ष का आर्थिक सर्वेक्षण डिजिटल स्वरूप में पढ़ा जा सकेगा.यह देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वर का पहला इकोनॉमिक सर्वे है जिन्होंने कुछ दिनों पहले ही अपना पदभार संभाला है. इससे पहले बजट सत्र की शुरूआत होने के समय राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित किया.
आर्थिक सर्वेक्षण में बताया गया है कि फाइनेंशियल ईयर 2022-23 के लिए देश की अर्थव्यवस्था में जीडीपी बढ़ोतरी का दर 8-8.5 फीसदी रह सकता है. यह चालू वित्त वर्ष के 9.2 फीसदी के ग्रोथ अनुमान से कम है. फाइनेंशियल ईयर 2021-22 में देश की रियल जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 9.2 फीसदी है. इसी अवधि में कृषि सेक्टर में 3.9 फीसदी ग्रोथ का अनुमान लगाया गया है. इंडस्ट्रियल सेक्टर में 11.8 फीसदी की बढ़ोतरी की उम्मीद है. सर्विस सेक्टर की ग्रोथ का अनुमान 8.2 फीसदी है. अगले वित्त वर्ष के लिए ग्रोथ का आकलन 70-75 अमेरिकी डॉलर के भाव पर कच्चे तेल के आधार पर है. इसका मौजूदा भाव करीब 90 डॉलर है.
अर्थव्यवस्था अब महामारी से पहले वाले स्तर से आगे
सर्वे में अनुमान लगाया गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में 2021-22 में वास्तविक जीडीपी 9.2 प्रतिशत होने की उम्मीद है, इसका मतलब है कि भारत की अर्थव्यवस्था अब महामारी से पहले वाले स्तर से आगे निकल गई है. आर्थिक सर्वेक्षण में बताया गया है कि कोरोना महामारी से कृषि और संबद्ध क्षेत्र सबसे कम प्रभावित हुए हैं और पिछले वर्ष इसमें 3.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई. 2021-22 में कृषि क्षेत्र में 3.9 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है. (खनन और निर्माण सहित) 2021-22 के दौरान खनन और निर्माण क्षेत्र (GVA of Industry) में 11.8 प्रतिशत की वृद्धि रहेगी.
सर्विस सेक्टर आर्थिक सर्वेक्षण
आर्थिक सर्वे के मुताबिक, इस वित्तीय वर्ष में सर्विस सेक्टर में के 8.2 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है. पिछले साल इसमें 8.4 प्रतिशत की गिरावट हुई थी. 2021-22 में कुल खपत 7.0 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है. बुनियादी ढांचे में सार्वजनिक व्यय में वृद्धि के कारण सकल अचल पूंजी निर्माण (Gross Fixed Capital Formation) महामारी से पहले वाले स्तर से अधिक हो गया है. 2021-22 में अब तक वस्तुओं और सेवाओं का निर्यात असाधारण रूप से मजबूत रहा है, लेकिन घरेलू मांग बढ़ने के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कमोडिटी की कीमतों में सुधार के कारण आयात में भी मजबूती आई है.
आर्थिक सर्वे में कहा गया है कि 20 साल में पहली बार किसी सरकारी कंपनी का निजीकरण हुआ और यह बीपीसीएल, शिपिंग कॉरपोरेशन, पवन हंस, आईडीबीआई बैंक, बीईएम और आरआईएनएल की बिक्री के लिए रास्ता मजबूत करेगा. सरकार ने कुछ ही दिन पहले टाटा ग्रुप को एयर इंडिया का स्वामित्व 18 हजार करोड़ रुपये में सौंप दिया. इसमें 15300 करोड़ रुपये कर्ज चुकता करने में किया जाएगा.
आर्थिक सर्वे में कहा गया है कि इकोनॉमी के आर्थिक संकेतक बताते हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था 2022-23 की चुनौतियों का सामना करने के लिए अच्छी तरह से तैयार है. हालांकि, महंगाई में बढ़ोतरी जरूरी चिंता का विषय है.
आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, वैश्विक कंटेनर बाजार में उथल-पुथल अभी खत्म नहीं हुई है, ग्लोबल समुद्री व्यापार को प्रभावित करना जारी रखेगा.
औद्योगिक क्षेत्र के 11.8% की दर से बढ़ने की संभावना है. साथ ही सर्विस सेक्टर में 2021-22 के दौरान 8.2% की वृद्धि देखने का अनुमान लगाया गया है. फाइनेंशियल ईयर 22 में सामाजिक सेवाओं पर खर्च 9.8% बढ़कर 71.61 लाख करोड़ रुपये हो गया है. इसके अलावा भारत का कुल निर्यात 2021-22 में कोविड से पहले के स्तर को पार करते हुए 16.5% बढ़ने की उम्मीद जताई गई है. 2021-22 में आयात 29.4% बढ़ने की उम्मीद है.
- कोरोना के कारण नौकरी को लेकर लोगों में अनिश्चितता बनी है. होम लोन में नवंबर 2021 में 8% की वृद्धि दर्ज की गई मगर यह आंकड़ा 2020 से 0.4 फीसद कम है.
- सर्वेक्षण में कहा गया है कि आने वाले वर्षों में रेलवे राष्ट्रीय विकास के इंजन के रूप में उभरेगा.
- सर्वेक्षण में तिलहन, दलहन और बागवानी की फसल को प्राथमिकता देने की सलाह दी गई है
अमेरिका और चीन के बाद भारत के पास दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है. दिल्ली स्टार्टअप के मामले में दिल्ली अब बेंगलुरु से आगे निकल गई, राष्ट्रीय राजधानी में अप्रैल 2019 और दिसंबर 2021 के बीच 5,000 नए स्टार्टअप शुरू हुए, जबकि इसी अवधि में 4,514 नए स्टार्टअप देखे गए. भारत 2021 में 44 यूनीकॉर्न कंपनी बनी, जो अपने आप में रेकॉर्ड है.
2021 में अप्रैल से नवंबर के बीच 75 आईपीओ ने 89,066 करोड़ रुपये जुटाए जबकि इसी अवधि में कंपनियों ने 14,733 करोड़ रुपये जुटाए. कुल एनएसई टर्नओवर में व्यक्तिगत निवेशकों की हिस्सेदारी बढ़कर 44.7% हुई. अप्रैल-नवंबर 2021 के बीच 221 लाख व्यक्तिगत डीमैट खाते खोले गए.
दो चरणों में होगा बजट सत्र
गौरतलब है कि कोविड महामारी की तीसरी लहर को देखते हुए सत्र के पहले चरण के दौरान लोक सभा और राज्यसभा की बैठकें दिन में अलग-अलग समय पर आयोजित होंगी ताकि कोविड से संबंधित सामाजिक दूरी के नियमों का पालन हो सके. बजट सत्र के पहले दो दिन शून्यकाल एवं प्रश्नकाल नहीं होंगे. बता दें कि संसद के बजट सत्र का पहला चरण 31 जनवरी से 11 फरवरी तक चलेगा. इसके बाद विभिन्न विभागों के बजटीय आवंटन पर विचार के लिये अवकाश रहेगा. बजट सत्र का दूसरा चरण 14 मार्च से आरंभ होगा जो आठ अप्रैल तक चलेगा. लोक सभा सचिवालय के एक हालिया बुलेटिन के अनुसार, कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर निचले सदन की बैठक के दौरान दोनों सदनों के कक्षों और दीर्घाओं का इस्तेमाल सदस्यों के बैठने के लिए किया जाएगा.
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पांच राज्यों के चुनाव और संसद की कार्यवाही
बता दें कि बजट सत्र की बैठक ऐसे समय हो रही है जब पांच राज्यों- उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब व मणिपुर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने बजट सत्र में कोरोना प्रभावित परिवारों के लिए राहत पैकेज, महंगाई, बेरोजगारी, किसानों से जुड़े मुद्दे, सीमा पर चीन के साथ गतिरोध और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने का फैसला किया है. पार्टी का कहना है कि सीमा पर चीन की बढ़ती आक्रामकता और उसके साथ चल रहे गतिरोध, महंगाई, बेरोजगारी, अर्थव्यवस्था की स्थिति, एयर इंडिया तथा दूसरी सरकारी कंपनियों के निजीकरण तथा किसानों से जुड़े मुद्दों पर सरकार से जवाब मांगा जाएगा.
बता दें कि संसद के बजट सत्र का पहला चरण 31 जनवरी से 11 फरवरी तक चलेगा. इसके बाद विभिन्न विभागों के बजटीय आवंटन पर विचार के लिये अवकाश रहेगा. बजट सत्र का दूसरा चरण 14 मार्च से आरंभ होगा जो आठ अप्रैल तक चलेगा.
(इनपुट- एएनआई)