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कार्बी शांति समझौते के बाद असम के पहाड़ी इलाकों में उग्रवाद का अंत हुआ : हिमंत बिस्वा सरमा

असम के पहाड़ी इलाकों में दशकों पुराने विद्रोह को खत्म करने के लिए नई दिल्ली में एक ऐतिहासिक कार्बी शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए गए. समझौते पर हस्ताक्षर होने के बाद ईटीवी भारत से बात करते हुए असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि इस समझौते से असम के पहाड़ी क्षेत्रों में उग्रवाद का अंत हो गया.

Sarma
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Published : Sep 4, 2021, 9:35 PM IST

Updated : Sep 4, 2021, 9:54 PM IST

नई दिल्ली : केंद्र सरकार, असम सरकार और कार्बी आंगलोंग के उग्रवादी संगठनों के बीच ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए. जिसमें कार्बी आंगलोंग के विकास के लिए 1000 करोड़ रुपये का एकमुश्त वित्तीय आवंटन तय किया गया.

इसके बाद ईटीवी से बात करते हुए असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि असम के पहाड़ी इलाके, जो एक स्वायत्त राज्य के लिए हिंसक आंदोलन कर रहे थे, का अंत हो गया. उन्होंने उम्मीद जताई कि असम के पहाड़ी इलाकों में फिर से विद्रोह नहीं होगा.

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा

असम के सीएम द्वारा दिया गया बयान इस तथ्य के बाद महत्व रखता है कि 2011 में यूपीडीएस (कार्बी आंगलोंग का एक अन्य आतंकवादी) के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे, जिससे कार्बी लोंगरी एनसी हिल्स लिबरेशन फ्रंट (केएलएनएलएफ) नामक एक अन्य आतंकवादी संगठन का पुनरुत्थान हुआ.

केएलएनएलएफ के साथ पांच और संगठनों ने शनिवार को नई दिल्ली में ऐतिहासिक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए. पांच संगठन कार्बी पीपुल्स लिबरेशन टाइगर्स (केपीएलटी), केपीएलटी के रान रोंगपी गुट (डोनरी क्राम्सा गुट) और केपीएलटी मेन्सिंग क्राम्सा गुट, यूनाइटेड पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (यूपीएलए) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक काउंसिल ऑफ कार्बी एंगलिंग हैं. मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि कार्बी आंगलोंग के विकास के लिए केंद्र सरकार द्वारा 500 रुपये और असम सरकार द्वारा 500 रुपये का क्रॉस जारी किया जाएगा.

केएलएनएलएफ के प्रचार सचिव रिजेक डेरा

उल्फा-1 के परेश बरुआ से बातचीत का जिक्र करते हुए सरमा ने कहा कि प्रक्रिया जारी है. सरमा ने कहा कि चीजें सही रास्ते पर हैं. हमने कुछ संपर्क स्थापित किए हैं और हम उस पर काम कर रहे हैं. केएलएनएलएफ के प्रचार सचिव रिजेक डेरा ने कहा कि इस समझौते से निश्चित रूप से कार्बी आंगलोंग में शांति आएगी. डेरा ने कहा कि हमने एकमुश्त वित्तीय आवंटन के रूप में 1,500 करोड़ रुपये की मांग की थी लेकिन यह राशि 1000 करोड़ रुपये तय की गई है.

यह भी पढ़ें-कार्बी आंगलोंग समझौते पर हस्ताक्षर, अमित शाह बोले- शांति की शुरुआत

विकास पर समान विचार व्यक्त करते हुए कार्बी आंगलोंग स्वायत्त परिषद (केएएसी) के मुख्य कार्यकारी सदस्य तुलीराम रोंघन ने कहा कि हमें स्वायत्त परिषद में आरक्षण मिला है और यह निश्चित रूप से हमारे क्षेत्र में हमारे अधिकार और विकास को सुनिश्चित करेगा. उल्लेखनीय है कि केएएसी में सीटों की संख्या 26 से बढ़ाकर 50 कर दी गई है. 50 सीटों में से 6 सदस्य राज्यपाल द्वारा नियुक्त किए जाएंगे. 10 सीटें सभी के लिए आरक्षित होंगी और शेष 34 सीटें अनुसूचित जनजाति (एसटी) समुदाय के लिए आरक्षित होंगी.

नई दिल्ली : केंद्र सरकार, असम सरकार और कार्बी आंगलोंग के उग्रवादी संगठनों के बीच ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए. जिसमें कार्बी आंगलोंग के विकास के लिए 1000 करोड़ रुपये का एकमुश्त वित्तीय आवंटन तय किया गया.

इसके बाद ईटीवी से बात करते हुए असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि असम के पहाड़ी इलाके, जो एक स्वायत्त राज्य के लिए हिंसक आंदोलन कर रहे थे, का अंत हो गया. उन्होंने उम्मीद जताई कि असम के पहाड़ी इलाकों में फिर से विद्रोह नहीं होगा.

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा

असम के सीएम द्वारा दिया गया बयान इस तथ्य के बाद महत्व रखता है कि 2011 में यूपीडीएस (कार्बी आंगलोंग का एक अन्य आतंकवादी) के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे, जिससे कार्बी लोंगरी एनसी हिल्स लिबरेशन फ्रंट (केएलएनएलएफ) नामक एक अन्य आतंकवादी संगठन का पुनरुत्थान हुआ.

केएलएनएलएफ के साथ पांच और संगठनों ने शनिवार को नई दिल्ली में ऐतिहासिक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए. पांच संगठन कार्बी पीपुल्स लिबरेशन टाइगर्स (केपीएलटी), केपीएलटी के रान रोंगपी गुट (डोनरी क्राम्सा गुट) और केपीएलटी मेन्सिंग क्राम्सा गुट, यूनाइटेड पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (यूपीएलए) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक काउंसिल ऑफ कार्बी एंगलिंग हैं. मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि कार्बी आंगलोंग के विकास के लिए केंद्र सरकार द्वारा 500 रुपये और असम सरकार द्वारा 500 रुपये का क्रॉस जारी किया जाएगा.

केएलएनएलएफ के प्रचार सचिव रिजेक डेरा

उल्फा-1 के परेश बरुआ से बातचीत का जिक्र करते हुए सरमा ने कहा कि प्रक्रिया जारी है. सरमा ने कहा कि चीजें सही रास्ते पर हैं. हमने कुछ संपर्क स्थापित किए हैं और हम उस पर काम कर रहे हैं. केएलएनएलएफ के प्रचार सचिव रिजेक डेरा ने कहा कि इस समझौते से निश्चित रूप से कार्बी आंगलोंग में शांति आएगी. डेरा ने कहा कि हमने एकमुश्त वित्तीय आवंटन के रूप में 1,500 करोड़ रुपये की मांग की थी लेकिन यह राशि 1000 करोड़ रुपये तय की गई है.

यह भी पढ़ें-कार्बी आंगलोंग समझौते पर हस्ताक्षर, अमित शाह बोले- शांति की शुरुआत

विकास पर समान विचार व्यक्त करते हुए कार्बी आंगलोंग स्वायत्त परिषद (केएएसी) के मुख्य कार्यकारी सदस्य तुलीराम रोंघन ने कहा कि हमें स्वायत्त परिषद में आरक्षण मिला है और यह निश्चित रूप से हमारे क्षेत्र में हमारे अधिकार और विकास को सुनिश्चित करेगा. उल्लेखनीय है कि केएएसी में सीटों की संख्या 26 से बढ़ाकर 50 कर दी गई है. 50 सीटों में से 6 सदस्य राज्यपाल द्वारा नियुक्त किए जाएंगे. 10 सीटें सभी के लिए आरक्षित होंगी और शेष 34 सीटें अनुसूचित जनजाति (एसटी) समुदाय के लिए आरक्षित होंगी.

Last Updated : Sep 4, 2021, 9:54 PM IST
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