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Chandrayaan-3 मिशन में हिमाचल के दो होनहार बेटे, कांगड़ा के वैज्ञानिकों ने मनवाया अपनी प्रतिभा का लोहा, मिल रहीं ढेर सारी बधाइयां - Himachal Scientists in ISRO

चंद्रयान-3 मिशन की सफलता ने भारत को विश्व स्तर पर एक खास स्थान दिलाया है. चंद्रयान-3 मिशन की कामयाबी से देशभर में खुशी का माहौल है. हिमाचल के भी दो होनहार वैज्ञानिकों ने चंद्रयान-3 मिशन में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है. जानिए कौन हैं हिमाचल के ये दो वैज्ञानिक. (Chandrayaan-3) (Himachal 2 Scientists in Chandrayaan 3 Mission)

Himachal 2 Scientists in Chandrayaan 3 Mission
चंद्रयान 3 मिशन में हिमाचल के 2 वैज्ञानिक
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 24, 2023, 1:18 PM IST

Updated : Aug 24, 2023, 3:43 PM IST

धर्मशाला: चांद पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के बाद पूरे भारत वर्ष में खुशी का माहौल है. भारत की इस अभूतपूर्व सफलता के बाद सभी भारतीयों का सिर गर्व से ऊंचा हो गया है. वहीं, इस चंद्रयान मिशन में हिमाचल प्रदेश के भी दो होनहार बेटे शामिल रहे. जिन्होंने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाते हुए देश और प्रदेश का नाम रोशन किया है. हिमाचल के ये दोनों वैज्ञानिक कांगड़ा जिले से संबंध रखते हैं. चंद्रयान मिशन में शामिल होने वाले ये दोनों वैज्ञानिक रजत अवस्थी व अनुज चौधरी हैं.

मिशन चंद्रयान-3 में हिमाचल के बेटे: कांगड़ा जिले के साथ-साथ हिमाचल के लिए भी ये बेहद गर्व और हर्ष की बात है कि भारत की इस ऐतिहासिक सफलता में प्रदेश के दो होनहार वैज्ञानिक शामिल रहे. इन दोनों वैज्ञानिकों के परिवार वाले भी अपने बेटों गर्व महसूस कर रहे हैं. चंद्रयान-3 के चांद पर लैंड होते ही इन वैज्ञानिकों के घरों पर बधाई देने वालों का तांता लग गया है.

मिशन में अनुज की भूमिका: मिशन चंद्रयान-3 में कांगड़ा के युवा वैज्ञानिक अनुज चौधरी ने इसरो में मिशन के दौरान मुख्य कंट्रोल रूम में अपनी भूमिका निभाई है. अनुज चौधरी जिला कांगड़ा के बाबा बड़ोह के रहने वाले हैं. 27 साल के अनुज की पहली से लेकर आठवीं तक पढ़ाई सरकारी मिडिल स्कूल जंदराह में हुई है. जबकि मैट्रिक बाबा बड़ोह से की है. अनुज ने 12वीं की परीक्षा ग्रीन फील्ड स्कूल नगरोटा बगवां से पास की है.

बचपन से था स्पेस साइंटिस्ट बनने का सपना: अनुज चौधरी बचपन से ही अंतरिक्ष वैज्ञानिक बनना चाहता था. जिसके लिए अनुज ने मास्टर ऑफ साइंस की डिग्री स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से की. जबकि पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय से एमबीए किया. अनुज अपनी लगन और मेहनत के दाम पर अमेरिका के एमआईटी में पीएचडी पूरी कर चुके हैं. अंतरिक्ष शोध में गहन रुचि के चलते उन्होंने यूरोपियन स्पेस एजेंसी में सिलेक्शन के लिए एग्जाम दिया था. अनुज ने इस एजेंसी में 12वें रैंक के साथ अपनी जगह पक्की की थी. वहीं, अनुज ने नासा में भी अपनी सेवाएं प्रदान की हैं. इसके बाद अब वह इसरो में अहम भूमिका निभाकर विश्व भर में भारत का नाम रोशन कर रहे हैं.

मिशन में रजत अवस्थी की भूमिका: कांगड़ा जिले के रजत अवस्थी पुत्र धनी राम अवस्थी और डॉ. अनुज चौधरी पुत्र अमर सिंह चंद्रयान-3 को पृथ्वी की कक्षा में पहुंचाने वाले रॉकेट की कंट्रोलिंग कर इस मिशन का हिस्सा बने हैं. रजत अवस्थी इसरो में 2012 से सेवाएं दे रहे हैं. उनका जन्म 1989 को सेवानिवृत्त बीडीओ धनी राम अवस्थी के घर में हुआ है. 2014 में उन्हें इसरो में टीम एक्सीलेंसी अवार्ड से सम्मानित किया गया है. चंद्रयान-3 मिशन से पहले रजत मंगलयान और चंद्रयान-2 का भी हिस्सा रह चुके हैं.

ये भी पढे़ं: Chandrayaan 3 : पूर्व राजनयिक ने चंद्रयान-3 की लैंडिंग की सराहना की, कहा- भारत की तकनीकी क्षमता से परिचित हुई दुनिया

धर्मशाला: चांद पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के बाद पूरे भारत वर्ष में खुशी का माहौल है. भारत की इस अभूतपूर्व सफलता के बाद सभी भारतीयों का सिर गर्व से ऊंचा हो गया है. वहीं, इस चंद्रयान मिशन में हिमाचल प्रदेश के भी दो होनहार बेटे शामिल रहे. जिन्होंने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाते हुए देश और प्रदेश का नाम रोशन किया है. हिमाचल के ये दोनों वैज्ञानिक कांगड़ा जिले से संबंध रखते हैं. चंद्रयान मिशन में शामिल होने वाले ये दोनों वैज्ञानिक रजत अवस्थी व अनुज चौधरी हैं.

मिशन चंद्रयान-3 में हिमाचल के बेटे: कांगड़ा जिले के साथ-साथ हिमाचल के लिए भी ये बेहद गर्व और हर्ष की बात है कि भारत की इस ऐतिहासिक सफलता में प्रदेश के दो होनहार वैज्ञानिक शामिल रहे. इन दोनों वैज्ञानिकों के परिवार वाले भी अपने बेटों गर्व महसूस कर रहे हैं. चंद्रयान-3 के चांद पर लैंड होते ही इन वैज्ञानिकों के घरों पर बधाई देने वालों का तांता लग गया है.

मिशन में अनुज की भूमिका: मिशन चंद्रयान-3 में कांगड़ा के युवा वैज्ञानिक अनुज चौधरी ने इसरो में मिशन के दौरान मुख्य कंट्रोल रूम में अपनी भूमिका निभाई है. अनुज चौधरी जिला कांगड़ा के बाबा बड़ोह के रहने वाले हैं. 27 साल के अनुज की पहली से लेकर आठवीं तक पढ़ाई सरकारी मिडिल स्कूल जंदराह में हुई है. जबकि मैट्रिक बाबा बड़ोह से की है. अनुज ने 12वीं की परीक्षा ग्रीन फील्ड स्कूल नगरोटा बगवां से पास की है.

बचपन से था स्पेस साइंटिस्ट बनने का सपना: अनुज चौधरी बचपन से ही अंतरिक्ष वैज्ञानिक बनना चाहता था. जिसके लिए अनुज ने मास्टर ऑफ साइंस की डिग्री स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से की. जबकि पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय से एमबीए किया. अनुज अपनी लगन और मेहनत के दाम पर अमेरिका के एमआईटी में पीएचडी पूरी कर चुके हैं. अंतरिक्ष शोध में गहन रुचि के चलते उन्होंने यूरोपियन स्पेस एजेंसी में सिलेक्शन के लिए एग्जाम दिया था. अनुज ने इस एजेंसी में 12वें रैंक के साथ अपनी जगह पक्की की थी. वहीं, अनुज ने नासा में भी अपनी सेवाएं प्रदान की हैं. इसके बाद अब वह इसरो में अहम भूमिका निभाकर विश्व भर में भारत का नाम रोशन कर रहे हैं.

मिशन में रजत अवस्थी की भूमिका: कांगड़ा जिले के रजत अवस्थी पुत्र धनी राम अवस्थी और डॉ. अनुज चौधरी पुत्र अमर सिंह चंद्रयान-3 को पृथ्वी की कक्षा में पहुंचाने वाले रॉकेट की कंट्रोलिंग कर इस मिशन का हिस्सा बने हैं. रजत अवस्थी इसरो में 2012 से सेवाएं दे रहे हैं. उनका जन्म 1989 को सेवानिवृत्त बीडीओ धनी राम अवस्थी के घर में हुआ है. 2014 में उन्हें इसरो में टीम एक्सीलेंसी अवार्ड से सम्मानित किया गया है. चंद्रयान-3 मिशन से पहले रजत मंगलयान और चंद्रयान-2 का भी हिस्सा रह चुके हैं.

ये भी पढे़ं: Chandrayaan 3 : पूर्व राजनयिक ने चंद्रयान-3 की लैंडिंग की सराहना की, कहा- भारत की तकनीकी क्षमता से परिचित हुई दुनिया

Last Updated : Aug 24, 2023, 3:43 PM IST
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