देहरादून: केदारनाथ में मौसम लगातार कहर बरपा रहा है. आज सुबह भी केदारनाथ में तीन जगहों पर ग्लेशियर टूटने की घटना हुई है. जिसकी वजह से भारी-भरकम ग्लेशियर केदारनाथ पैदलमार्ग पर आ गये हैं. ग्लेशियरों के कारण बर्फ के टुकड़े केदारनाथ पैदलमार्ग पर आ गये हैं. जिसके कारण बर्फ हटाने और मार्ग खोलने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इतना ही नहीं कुछ दिनों पहले मजदूर और तमाम एक्सपर्ट्स ने जिस मार्ग को लगभग पूरी तरह खोल दिया था. वह मार्ग फिर से कई जगह से ना केवल अवरुद्ध हुआ है, बल्कि क्षतिग्रस्त भी हो गया है.
21 मार्च यानी 2 दिन पहले केदारनाथ के भैरव गदेरा में ग्लेशियर टूटने की वजह से काफी नुकसान हुआ था. कहा जा रहा था कि ग्लेशियर के नीचे जो सड़क है, वह पूरी तरह से खत्म हो गई है. अभी कर्मचारी उस मार्ग तक पहुंचे ही थे कि 2 दिन से लगातार हो रही बर्फबारी की वजह से आज सुबह 22 मार्च को भी तीन जगहों पर बड़े ग्लेशियर आ गए. यह ग्लेशियर लिंचोली और भैरव गदेरे के बीच ही आए हैं. इस बार जो ग्लेशियर आए हैं, वह 2 दिन पहले आए ग्लेशियर से भी कई बड़े और अधिक नुकसानदायक साबित हुए हैं.
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जिले के आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया मार्ग से बर्फ हटाने का काम जारी है. आज सुबह भी तीन जगहों पर बड़े-बड़े ग्लेशियर आने की वजह से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. गौरीकुंड से लेकर लिंचोली के बीच लगभग 8 से 9 किलोमीटर का पैच कई जगहों पर ना केवल डैमेज हुआ है, बल्कि ग्लेशियर आने की वजह से बड़े-बड़े बर्फ के बोल्डर मार्ग पर आ गये हैं.
जिला आपदा प्रबंधन और जिला प्रशासन अब ड्रोन के माध्यम से भी पूरी स्थिति का जायजा ले रहा है. जिससे यह स्पष्ट हो सके कि ऊपर से आने वाले ग्लेशियर अभी और कितने नीचे आ सकते हैं और किन-किन जगहों पर इस तरह के हालात बन सकते हैं. इसके साथ ही बर्फबारी रुकने के बाद एक बार फिर से अधिक लोगों के साथ बर्फ हटाने का काम शुरू किया जाएगा.
प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि वह बर्फ को मशीनों से काटकर और मैनुअली हटा तो लेगा लेकिन पैदल मार्ग को अगर अधिक नुकसान होगा तो उसे रिपेयर या बनाने के लिए भी काफी जद्दोजहद करनी पड़ेगी. जिस मार्ग पर ग्लेशियर आए हैं यह मार्ग साल 2013 की आपदा के बाद ही बनाया गया था. एक बार फिर से बड़े-बड़े ग्लेशियर आने की वजह से कई जगहों से रेलिंग टूटना और पैदल मार्ग का टूटना मुसीबत खड़ी कर रहा है.
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जल्द ही बर्फ हटाने का प्रयास इसलिए किया जा रहा है क्योंकि अभी भी केदारनाथ धाम में 2 से 3 फीट बर्फ जमी हुई है. जिसे यहां कर्मचारी पहुंचकर हटाने का कार्य करेंगे. मशीनों के माध्यम से वहां पर बर्फ हटाने का काम किया तो जा रहा है लेकिन बर्फबारी होने की वजह से मशीनों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ग्लेशियर आने की वजह से कई जगहों से पानी की पाइप लाइन भी टूटी है.
उधर मौसम विभाग यह साफ कर चुका है कि 22, 23 और 24 मार्च को भी केदारनाथ और ऊपरी इलाकों में भारी बर्फबारी हो सकती है. मौसम विभाग की माने तो प्रदेश के अधिकतर हिस्सों में हल्की और तेज बारिश होगी. अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी होने की अधिक संभावनाएं हैं.