नई दिल्ली : स्वतंत्रता दिवस से ठीक पहले दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने हथियारों का एक बड़ा जखीरा बरामद किया है. पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार कर, उनके पास से 55 पिस्तौल और 50 कारतूस बरामद किए हैं.आरोपियों की पहचान राजवीर सिंह, धीरज, विनोद और धर्मेंद्र के रूप में की गई है. पुलिस इन हथियारों को लेकर पूछताछ कर रही है.
जानकारी के अनुसार, स्वतंत्रता दिवस को ध्यान में रखते हुए स्पेशल सेल की टीम काम कर रही थी. इस दौरान सूचना मिली कि कुछ तस्कर हथियार लेकर दिल्ली आए हैं. इस जानकारी पर स्पेशल सेल की टीम ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है.
डीसीपी संजीव यादव के अनुसार स्वतंत्रता दिवस को ध्यान में रखते हुए स्पेशल सेल की टीम काम कर रही थी. इस दौरान उन्हें सूचना मिली कि मध्य-प्रदेश के खरगौन, खार, सेंधवा और बुरहानपुर से बड़ी मात्रा में दिल्ली-एनसीआर में हथियार खपाए जा रहे हैं
उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद के कुछ तस्कर भी दिल्ली में लगातार हथियार खपा रहे हैं. उन्हें पता चला कि यूपी से दो हथियार तस्कर आउटर रिंग रोड पर बुरारी फ्लाईओवर के समीप आएंगे. इस जानकारी पर एसीपी जसबीर सिंह की देखरेख में इंस्पेक्टर कृष्ण की टीम ने छापा मारकर वैगनआर कार में सवार दो लोगों को पकड़ लिया. इनकी पहचान राजवीर और धीरज के रूप में की गई. तलाशी में इनके पास से 25 अवैध पिस्तौल बरामद हुई. इस बाबत आर्म्स एक्ट का मामला स्पेशल सेल में दर्ज किया गया.
दूसरे मामले में इंस्पेक्टर पीसी यादव और संदीप यादव की टीम ने विनोद उर्फ भोला को नजफगढ़ रोड से गिरफ्तार किया और उसके पास से 10 पिस्तौल और 20 कारतूस भी बरामद हुए. इसे लेकर आर्म्स एक्ट का मामला स्पेशल सेल में दर्ज किया गया है. गिरफ्तार किया गया विनोद पहले भी अपहरण के एक मामले में शामिल रहा है. इस मामले में उसे अदालत से सजा हो रखी है. न्यू अशोक नगर इलाके से अपहरण कर उसने 20 लाख रुपये की फिरौती मांगी थी. फिलहाल वह जेल से पैरोल पर बाहर निकलकर हथियार की तस्करी कर रहा था.
तीसरे ऑपरेशन में इंस्पेक्टर मानसिंह और अनुज कुमार की टीम ने धर्मेंद्र उर्फ धर्म को गिरफ्तार किया है जो कौशल गैंग का बदमाश है. धर्मेंद्र दिल्ली एनसीआर के बदमाशों को हथियार सप्लाई कर रहा था. द्वारका से गिरफ्तार किए गए धर्मेंद्र के पास से 20 पिस्तौल और 30 जिंदा कारतूस बरामद किए गए हैं.
पूछताछ में पुलिस को पता चला कि गुरुग्राम और छावला में दर्ज हत्या के दो मामलों में पुलिस को उसकी तलाश थी. धर्मेंद्र पहले ग्रामीण सेवा चलाता था. वह अवैध शराब बेचता था जिसमें उसे लोकल पुलिस ने गिरफ्तार किया था. वह जब 10 महीने का था तो उसके पिता की वीरेंद्र ने गला दबाकर हत्या कर दी थी. वह इस हत्या का बदला लेना चाहता था. वह बदमाश सोनू राठी के संपर्क में आया जिसकी मदद से उसने वीरेंद्र की हत्या की. इस दौरान वह कौशल के संपर्क में आया और उसके गैंग में शामिल हो गया.
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गिरफ्तार किया गया राजवीर हाथरस का रहने वाला है. वह पहले ट्रक चालक था. अवैध हथियार तस्करों के संपर्क में आकर वह हथियार तस्करी करने लगा. उसे एक ट्रिप के 10000 रुपये मिलते थे. दूसरा आरोपी धीरज कुमार ड्राइवर है. राजवीर के साथ वह सहयोगी के तौर पर हथियार सप्लाई करने आया था. तीसरा आरोपी विनोद फिरोजाबाद का रहने वाला है. वह फिरोजाबाद से हथियार लाकर उसे दिल्ली एनसीआर के बदमाशों को सप्लाई करता है. उसके खिलाफ पहले भी कई आपराधिक मामले दर्ज हैं.